बिसवासी मन कर संगे कईसना बेवहार करेक चाही
5
1 कोनो सियान मन जग खऊट ले झईन गोठियाओ,
बलकी ओके अपन दाऊ कस जाएन के समझाए दे। जवान मन ला भाई जाएन के समझाए दे।
2 सियानीन मन ला दाई जाएन के अऊ जवान सवांगीन मन ला पूरा सुध मन ले बहिन जाएन के गोएठ-बात कर।
3 बिसवासी अदावेंन जेमन ला फूरोंच में मदेत कर जरूरत हवे,
ओमन कर देख-रेख कर।
4 कहों कोनो अदावेंन कर लईका-छऊआ अऊ नाती नतनीन हवें,
त ओमन सब ले आगु अपन दाई-दाऊ अऊ बबा-बरदाई मन ला देख-रेख कएर के परभू कर भकती ला अपन परिवार में देखाएं। एकस कएर के ओमन अपन दाई दाऊ अऊ बबा-बरदाई मन कर सेवा कर पलटा दे सकत हें,
एही हर परमेसवर ला सूहाथे।
5 जेमन कर कोनो नईएं अऊ जेमन अपन असरा ला परमेसवर कर ऊपर राखीन हवें अऊ राएत दिन पराथना में लगीन हवें ओमन फूरोंच में बिसवासी अदावेंन हवें। जेमन ला मदेत कर जरूरत हवें।
6 बकिन जे अदावेंन मन,
संसार कर रीझ-रंग में जिनगी जीयत हवें,
त ओमन आतमिक रूप में मरल हवें अऊ परमेसवर जग ओमन कर कांही रिसता नईए।
7 बिसवासी मन ला एहूच बात मन कर उपदेस दे,
तेमेकि ओमन ऊपर कोनो दोस लगाए झईन पाएं।
8 अगर कोनो अपन जाएत-सागा अऊ खास कएर के अपन परिवार कर देख-रेख नई करे,
त ओमन अपन बिसवास कर अनुसार जिनगी नई जीयें अऊ ओमन कर जिनगी हर अबिसवासीयो मन ले ढेरेच घिनक होए गईन हवेंa
9 अदावेंन मन कर सूची में ओही अदावेंन कर नांव लिखल जाए जेकर उमेर हर साएठ बछर ले ढेर हवे अऊ जेहर एकेच ठन घरगोंसिया कर परानी रहीस होही।
10 अऊ भलाई कर काम करे में ओकर बढ़िहां नांव रहीस होही अऊ जेहर अपन लईका मन ला पोसीस जीयाईस होही,
पहुना मन कर माएन-मरजाद करीस होही,
परमेसवर कर भगत मन कर गोड़ धोईस होही,
दुखिया मन कर मदेत करीस होही अऊ अपन जीव ला सब मधे कर बढ़िहां काम में लगाईस होही।
11 बकिन जवान अदावेंन मन कर नांव सूची में झईन लिखबे,
काबरकि ओमन देंह कर भोग-बिलास में पईर के मसीह कर सिकछा ले कगराए जाए सकत हें,
अऊ बिहाओ करे बर चाहथें।
12 एकस कएर के ओमन परमेसवर कर देख में दोसी होए जाथें,
काबरकि ओमन मसीह कर बात-जबानb ला छोंएड़ देहीन हें।
13 एकर संगे-संगे ओमन घरे-घरे जाए के अलढेरिहा बएन जाथें,
अऊ लाई-चुगली करत रथें अऊ दूसर कर काम में अड़ंगा डालथें अऊ जे गोएठ हर गोठियाऊ नई रहे ओ गोएठ ला गोठियाथें।
14 एकर ले बढ़िहां होतीस कि,
जवान अदावेंन मन बिहाओ कएर लें अऊ लईका-छऊवा हलूकाएं अऊ अपन घर दुरा ला समहारें अऊ कोनो मसीह बिरोधी ला ओरहन लगाए कर दांव झईन दें।
15 काबरकि तनीक अदावेंन मन सएतान कर डगर में चएल के बिसवास ले भटेक गईन हवें।
16 कहों कोनो बिसवासी मनc कर जाएत-सागा में अदावेंन मन हें,
त ओमन ओ अदावेंन मन कर मदेत करें,
तेमेकि ओमन कर बोझ कलिसीया कर ऊपरे झईन परे,
अऊ कलिसीया हर आने अदावेंन मन कर मदेत कएर सकें,
जेमन ला फूरोंच में मदेत कर जरूरत हें।
17 कलिसीया कर मुखिया,
जेमन कलिसीया में बढ़िहां अगुवाई करथें,
ओमन दुई गुना मरजादd कर लाईक समझल जाएं,
खास कएर के ओमन,
जेमन परमेसवर कर बचन परचार करे अऊ सिखाए में मेहनत करथें।
18 काबरकि पबितर किताब में लिखल हे,
“दंवरी में रेंगत गोरु कर मूंह ला,
झईन बांध”e अऊ एहू कस लिखल हवे “बनिहार हर अपन बनी पाए कर लाईक हवे।”f
19 कोनो मईनसे हर कलिसीया कर मुखिया कर ऊपरे बदी लगाथे त बिगर दुई अखीर तीन गवाह कर ओकर झईन मानीहा।
20 जेमन पाप करत रथे,
ओमन ला सब झन कर आगु में समझाए बर चाही,
तेमेकि दूसरो झेमन पाप करे ले डराए जाएं।
21 परमेसवर अऊ ईसू मसीह अऊ चुनल सरग दूत मन ला,
हाजीर जाएन के मंए तोके चेतावथों कि,
मोर सिखापन में पूरा धियान धईर के ए बात मन ला मानल कर। सब कर संगे बरोबर बेवहार करबे अऊ कोनोच काम में मूंह देखी झईन करबे।
22 बिगर तजबीजे कोनो मईनसे ला,
परभू कर सेवा करे बर हांथ ला राएख के झईन चुनबे। एकस कएर के ओकर पाप में सझीयारा झईन होबे,
अपन आप ला पबितर बनाए के राखबे।
23 खाली पानी झईन पीयत रह,
बकिन अपन पेट ला ठीक राखे बरीक अऊ हालू-हालू बेमार परे कर चलते तनिक-तनिक अंगूर कर रस ला पीयल कर।
24 थोरोक मईनसे मन कर पाप हर चुने कर फईसला लेहे कर आगु दिख जाथे,
बकिन थोरोक झेकर पाप हर पाछू दिखथे।
25 ओईसनेच बढ़िहां काम हर फरी-फरी दिखथे अऊ जेमन कर काम हर फरी नई दिखे,
ओहूमन लूकाये बर नई सकें।