ईसू हर बंदी बनाल जाथे
18
1 तेकर ईसू हर पराथना कएर दारीस, तेकर अपन चेला मन कर संगे किदरोन नरवा कर ओ पार एगोट बगीचा में गईस। 2 ईसू ला धोखा देवईया एहूदा हर ओ जघा ला जानत रहीस, काबरकि ईसू अपन चेला मन कर संगे ओजग जात रहीस। 3 तेकर एहूदा हर तनिक रोमी सएनीक अऊ तनिक मंदिर कर सिपाही, जेमन ला मूख आजक अऊ फरीसी मन भेजे रहीन, ओमन ला लेके ओ बगीचा में आईस, ओमन लालटेन, मसाल अऊ हथियार धरे रहीन। 4 ईसू हर ओ जमों बात, जेहर ओजग होवईया रहीस, ओला जानत रहीस, तेकरले ओहर निकलीस अऊ ओमन ठन पूछीस, “तुमन काके खोजत हा?” 5 ओमन जबाब देहीन, “नासरत कर ईसू ला।” ईसू हर कहीस, “ओ मंए लागों।” ईसू ला धोखा देवईया एहूदोच हर उहां ओमन संगे ठड़होए रहीस। 6 जब ईसू हर ओमन ला ए कहीस कि, “ओ मंए लागों”, त ओमन पाछू घुंचिन अऊ भुईंया में गिर परीन। 7 तेकर ईसू हर फेर ओमन जग पूछीस, “तुमन काके खोजथा।” ओमन कहीन, “नासरत कर ईसू ला।” 8 ईसू ओमन ला जबाब देहीस, “मंए तो तुमन के कह दारे हों, कि ओहर मंए लागों। तेकर ले अगर तुमन मोके खोजथा, त एमन ला जाए देआ।” 9 ए बात ला ओहर एकरले कहीस, कि जेला ओहर कहे रहीस ओ बात हर पूरा हो जाए, “जेमन ला तंए मोके देहे रहे ओमन में ले मंए एकोच झन ला नई गंवाए।”
10 तेकर समोन पतरस जेकर जग तलवाएर रहीस, ओहर ओला घिंच के निकालीस अऊ महाआजक कर सेवक कर जवनी कान ला काएट देहीस अऊ ओ सेवक कर नांव मलखुस रहीस। 11 तेकर ईसू हर पतरस ला कहीस, “अपन तलवाएर ला जेमे ले निकाले रहे ओमे राख, जे दुख दाऊ हर मोर बर राखीस हवे, का ओला मंए नई सहूं?”
ईसू के हन्ना ठन ले जाथें
12 तेकर रोमी सएनीक मन अऊ ओमन कर सुबेदार अऊ मंदिर कर सिपाही मन ईसू ला धईर के बाएंध लेहीन। 13 अऊ ओमन ओके धईर के आगु हना जग ले गईन, काबरकि ओहर ओ बछर कर महाआजक काइफा कर ससुर रहीस। 14 एहर ओही काइफा रहीस, जेहर एहूदी नेता मन ला ए सलाव देहे रहीस, कि बढ़ियां होतीस अगर एगोट आदमी हर जमों मईनसे मन बरीक मरतीस।
पतरस हर ईसू कर पहिलो दाएर इनकार करथे
15 समोन पतरस अऊ एगोट दूसर चेला ईसू कर पाछू गईन। ए चेला हर महा आजक कर चिनहार रहीस। एकरे ले ईसू कर संगे ओहर महाआजक कर अंगन में गईस। 16 बकिन पतरस बाहरी दुरा में ठड़होए रहीस, तेकर ओ दूसर चेला जेहर महाआजक कर चिनहार रहीस, ओहर बाहरी निकेल के दुरा कर पहरा-दारीन ला कहिके पतरस ला भीतरी ले गईस। 17 ओ दासी जेहर पहरा-दारीन रहीस, पतरस ला पूछीस, “का तंहूच तो ए मईनसे कर चेला में ले एक झन लागस?” पतरस हर कहीस, “मंए ना लागों।” 18 जाड़ कर मारे गुलाम मन अऊ अधिकारी मन, कोईला बाएर के आगी तापत रहीन, अऊ पतरसोच हर ओमन कर संगे ठड़होए के आगी तापत रहीस।
महाआजक हर ईसू ठन पूछताछ करथे
19 तेकर महा आजक हर ईसू जग ओकर चेला मन कर अऊ ओकर उपदेस कर बारे में पूछताछ करीस। 20 ईसू हर ओके जबाब देहीस, “मंए मईनसे मन जग खुईल के गोठियाए हवों, मंए धरम सभा कर घर मन में अऊ परमेसवर कर मंदिर कर अंगन में, जिहां सब एहूदी मन जूटत रहीन, हमेसा उपदेस देहे हवों, मंए लूकाए के कांहीच नई कहे हवों। 21 तंए मोर जग काबर पूछथस? सुनोईया मन जग पूछ, जेमन मोर बात ला सुनीन हवें, ओमन जानथें कि मंए का कहे हवों।”
22 जब ईसू हर ए कहीस, त ओकर लिघे में ठड़होवल एगोट मंदिर कर सिपाही हर, ईसू के झापड़ मारिस अऊ कहीस, “का तंए महा आजक ला अईसना जबाब देथस?” 23 ईसू हर ओके जबाब देहिस, “अगर मंए कांही गलत बात कहे हों, त ओ गलती ला बता, बकिन अगर मंए सही बात कहें, त मोके काबर मारथस” 24 फेर हन्‌ना हर ईसू के बांधले-बांधल महा आजक काइफा जग भेज देहीस।
पतरस हर दूसर अऊ तीसर दाएर ईसू कर इनकार करथे
25 समोन पतरस हर ओजग ठड़होए के आगी तापत रहीस, तेकरले ओजग कर मईनसे मन ओके पूछीन, “का तंहूच ओकर चेला में ले एक झन लागस?” त पतरस हर इनकार कएर के कहीस, “मंए ना लागों।” 26 महा आजक कर एक झन सेवक ओजग रहीस। जेकर कान ला पतरस काटे रहीस, ओहर ओकर घराना कर रहीस। ओहर पतरस जग पूछीस, “का मंए तोके ईसू कर संगे बारी में नई देखे रहें?” 27 तेकर पतरस हर फेर इनकार करीस अऊ तुरतेंच मूरगा हर बासीस।
राएजपाल पीलातूस कर आगू में ईसू के लेजीन
28 तेकर ओमन ईसू ला काइफा महाआजक कर घर ले, रोमी राएजपाल कर गढ़ी में ले गईन। अऊ ओ घरी भिनसरहा जुआर रहीस। एहूदी नेता मन खुद गढ़ी कर भीतरी नई गईन, तेमेकि ओमन असुध झईन होएंa, बकिन फसह कर भोज खाए सकें। 29 तेकर ले राएजपाल पीलातूस हर ओमन जग बाहरी आईस, अऊ पूछीस, “तुमन ए मईनसे कर ऊपरे का बात कर दोस लगात हवा?” 30 ओमन ओके जबाब देहींन, “अगर ए मईनसे हर अपराधी नई रतीस, त हमरे एके ला तोर जग नई सोंपतेन।”
31 पीलातूस हर ओमन ला कहीस, “तुमन एके ले जावा अऊ अपन कानहूंन कर अनुसार एकर नियाओ करा।” त एहूदी नेता मन ओके कहीन, “ककरो जान लेहे कर अधिकार हमर ठन नईए।” 32 एहर एकर ले होईस, कि ईसू कर ओ गोएठ हर पूरा होए जाए, जेला ओहर आगुवे ले बताए रहीस कि मंए कईसे मरहूं।
33 तेकर राएजपाल पीलातूस हर फेर गढ़ी कर भीतरी गईस अऊ ईसू ला बलाए के ओकर जग पूछीस, “का तंए एहूदी मन कर राजा लागस?”
34 ईसू हर ओके जबाब देहीस, “का तंए ए गोएठ ला अपन कती ले कहथस, कि तोके दूसर झेमन मोर बारे में बताईन हवें?” 35 त पीलातूस हर कहीस “का तंए सोंचथस, कि मंए एहूदी लागों? तोर अपन जाति कर मईनसे मन अऊ बड़खा आजक मन, तोके मोर हांथ में सोपीन हवें, बता तंए का करे हस?” 36 त ईसू हर कहीस, “मोर राएज ए संसार हर ना हवे, अगर मोर राएज ए संसार हर रतीस, त मोर सेवक मन लड़तीन अऊ मंए एहूदी नेता मन कर हांथ में सोंपल नई जातें, बकिन मोर राएज इहां कर ना हवे।”
37 एला सुईन के राएजपाल पीलातूस हर ईसू जग कहीस, “त का तंए एगोट राजा लागस?” ईसू हर जबाब देहिस “तंए सही कहथस, कि मंए एगोट राजा लागों। मंए एकरे बरीक जनम लेहें अऊ एकरे ले संसार में आए हों, ताकि सत कर गवाही देवों। जे कोनो सचाई ला मानथे, ओहर मोर गोएठ ला सुनथे।”
38 पीलातूस हर ओकर जग पूछीस, “ए सचाई का हवे?” एकस कहिके पीलातूस हर एहूदी नेता मन जग फेर बाहरी गईस अऊ ओमन जग कहीस, “मंए तो ओकर ऊपरे कांहीच दोस नई पायें। 39 बकिन एहर तुमन कर चलन हवे, कि मंए फसह कर तिहार घरी में, तुमन बर एगोट बंदी ला छोंएड़ देवों, का तुमन चाहथा कि मंए तुमन बर एहूदी मन कर राजा ला छोंएड़ देवों?” 40 तेकर ओमन फेर किरलाए के कहीन, “एके ला नहीं, बकिन हमर बर बरअबा ला छोंएड़ दे।” अऊ ओ बरअबा हर एगोट दंगा करोईया रहीस।