ईसू हर अपन बर पराथना करथे
17
1 ए बात मन ला कहे कर पाछू ईसू हर, सरग कती देखीस अऊ पराथना करीस, “ए दाऊ, अपन बेटा कर महिमा करे कर समय हर आए गईस हवे, ताकी तोर बेटोच हर तोर महिमा करे। 2 काबरकि तंए ओके सबेच मईनसे मन कर ऊपरे अधिकार देहे हस, ताकी जेमन ला तंए ओके देहे हस ओ सब झेला ओहर अमर जिनगी दे। 3 अऊ अमर जिनगी एहर लागे कि, ओमन तोके जानें कि तंए एकेच ठन सचा परमेसवर लागस अऊ ईसू मसीह ला जानें, जेला तंए धरती में भेजे हस। 4 जे काम तंए मोके करे बर देहे रहे, ओला पूरा कएर के मंए धरती में तोर महिमा करे हों। 5 एकर ले ए दाऊ अब अपन आगु में मोर महिमा कर। ओही महिमा ला मोके दे, जेला तंए संसार ला बनाए ले पहिले मोके देहे रहे।
ईसू हर अपन चेला मन बर पराथना करथे
6 “तंए संसार में ले चुईन के जेमन ला मोके देहे हस, ओमन ऊपर तोर नांव ला परगट करे हों। ओमन आगू तोर रहीन, बकिन तंए ओमन ला मोके देहे हस अऊ ओमन तोर बचन ला माएन लेहीन हवें। 7 अब ओमन जाएन गईन, कि जे जाएत तंए मोके देहे हस, ओ सब जाएत हर तोर कती ले आईस हवे। 8 काबरकि जे बचन ला तंए मोके देहे, मंए ओला ओमन जग पहुंचाए देहें अऊ ओमन ओ बचन ला अपनाए लेहीन हवें अऊ फूरोंच में जाएन गईन कि मंए तोर कती ले आए हों अऊ ओमन बिसवास कएर लेहीन, कि तंए मोके भेजे हवस। 9 मंए ओमन बर पराथना करत हवों, जेमन ला तंए मोके देहे हस, काबरकि ओमन तोर हवें। बलकी मंए संसार कर मईनसे मन बर पराथना नई करों। 10 अऊ जे कुछ मोर हवें, ओहर तोर हवें अऊ जे कुछ तोर हवें, ओहर मोर हवें। अऊ एमन कर दुवारा मंए महिमा पाथों। 11 अब मंए तोर जग आवत हों, एकरेले मंए ढेर जुआर बर ए संसार में नई रहूं, बकिन ओमन संसार में रहीं। ए पबितर दाऊ, जेमन ला तंए मोके देहे हस, ओमन ला अपन नांव कर सकती कर दुवारा बचाए के राख, ताकी ओमन एकजुट होए जाएं, जेकस कि हमरे एकजुट हवन। 12 जब मंए ओमन कर संगे रहें, त जे नांव ला तंए मोके देहे रहे, ओ नांव कर सकती ले, ओमन के मंए बचाए के राखें। ओमन में ले कोनो नास नई होईन, बकिन पबितर किताब में लिखल वचन हर पूरा होए बर, सिरीप ओ बिनास होवईया हर नास होईस।
13 ए दाऊ, अब मंए तोर ठन आवत हों, बकिन ए बात मन ला संसार में रहत घनी एकरले कहत हों, कि ओमन मोर आनंद ले भएर जाएं। 14 मंए ओमन ला तोर बचन देहे हों अऊ संसार कर मईनसे मन ओमन जग बएर करीन, काबरकि जेकस मंए संसार कर ना लागों, ओही कस ओहूच मन संसार कर ना लागें। 15 मंए ए पराथना नई करत हवों, कि तंए ओमन ला संसार ले उठाए ले, बकिन एकरले पराथना करत हवों, कि तंए ओमन ला दुसट सएतान ले बचाए के राख। 16 ओमन संसार कर ना लागें, जेकस मंहू संसार कर ना लागों। 17 तोर बचन हर सच हवे, एकर ले ए सचाई कर दुवारा, तंए ओमन ला अपन बनाए ले। 18 जेकस तंए मोके संसार में भेजे, ओही कस मंए ओमन ला संसार में भेजे हवों। 19 ओमन बरीक मंए अपन आप ला अरपन करथों, ताकि ओहूच मन सत कर सेवा में अपन आप ला तोर बर अरपन करें।
ईसू हर सब बिसवासी मन बर पराथना करथे
20 “मंए सिरीप एमन बर पराथना नई करों, बकिन ओमनोच बर पराथना करथों, जे मईनसे मन एमन कर बचन ला सूईन के मोर ऊपरे बिसवास करहीं कि ओमन सब एक होए जाएं। 21 ए दाऊ, जेकस तंए मोर में रथस अऊ मंए तोर में रथों, ओही कस ओहू मन हमर में रहें। ताकि संसार कर मईनसे मन बिसवास करें, कि तंही मोके भेजे हस। 22 ओ महिमा जेला तंए मोके देहे हस, ओला मंए ओमन ला देहें हों, तेमेकि ओमन एक होए जाएं, जेकस हमरे एक हवन। 23 मंए ओमन में रथों अऊ तंए मोर में रथस, तेमेकी ओमन पूरा तरह ले एक होए जाएं। तेकर ले संसार कर मईनसे मन जानें कि, तंए मोके भेजे हस। अऊ जेकस तंए मोर जग मया करे हस, ओही कस तंए ओहू मन ला मया करे हस।
24 “ए दाऊ, जेमन ला तंए मोके देहे हस, मंए चाहथों कि जिहां मंए हवों, ओहू मन मोर संगे उहां रहें अऊ ओमन मोर ओ महिमा ला देखें, जेला तंए मोके देहे हस। काबरकि तंए संसार ला बनाए ले आगु मोके मया करे।
25 ए धरमी दाऊ, संसार कर मईनसे मन तोके नई जानें, बकिन मंए तोके जानथों अऊ ओमन एहू ला जानथें, कि तंए मोके भेजे हस। 26 मंए तोर नांव ला ओमन के बताए हवों अऊ बतावत रहूं, ताकि जे मया ले तंए मोर जग मया करे हस ओ मया हर ओमनो में रहे अऊ मंए खुद ओमन में रहों।