ईसू परमेसवर जग पहुंचे कर डगर लागे
14
1 ईसू हर कहीस, “तुमन कर मन हर बियाकुल झईन होए, तुमन परमेसवर कर ऊपरे बिसवास रखा अऊ मोरोच ऊपरे बिसवास रखा। 2 मोर दाऊ कर घरे ढेरेच अकन रहे कर जघा हवे, अगर नई रतीस, त मंए तुमन के कईह देतें, काबरकि मंए तुमन बर जघा तियार करे जाथों। 3 जब मंए जाए के, तुमन बर जघा तियार करहूं, त फेर आए के मंए तुमन के अपन ठन ले जाहूं, तेमेकि जिहां मंए रहूं उहां तुंहूच मन रईहा। 4 जिहां मंए जाथों तुमन ऊहां कर डगर ला जानथा।”5 थोमा हर ईसू ला कहीस, “ए परभू, हमरे नई जानी कि, तंए कहां जाथस, त फेर हमरे डगर ला कईसे जानब?”
6 ईसू हर ओके कहीस, “डगर, सचाई अऊ जीवन मंहीच लागों, मोर बिना कोनो दाऊ जग नई जाए सके।
7 अगर तुमन मोके जाने रहता, त मोर दाऊओच ला जानता। अऊ अब तुमन ओके जानथा अऊ ओके देखलोच हवा।” 8 तेकर फिलीपुस हर कहीस, “ए परभू, हमके दाऊ ला देखाए दे, कि हमर मन हर माएढ़ जातीस।”
9 त ईसू हर कहीस, “ए फिलीपुस, मंए एतेक दिन ले तुमन कर संगे रहें, तबोले तंए मोके नई जानस? जेमन मोके देखीन हवें, ओमन मोर दाऊओच ला देखीन हें, त तंए कईसे कहथस कि दाऊ ला हमके देखाए दे? 10 का तंए बिसवास नई करस, कि मंए दाऊ में रथों अऊ दाऊ हर मोर में रथे? ए बात जेला मंए तुमन ला कहथों, अपन कती ले नई कहत हों, बकिन दाऊ मोर में रहिके अपन अचमहों कर काम ला करथे। 11 मोर बिसवास करा, कि मंए दाऊ कर संगे हवों अऊ दाऊ मोर संगे हवे। नहीं तो मंए जे अचमहों कर काम मन ला करथों, ओकर कारन मोर ऊपर बिसवास करा। 12 मंए तुमन के फूरोंच में कहथों, कि जेहर मोर ऊपरे बिसवास करथे, ओहर ओ काम मन ला करही जेला मंए करथों, बकिन ओहर एकरोच ले बड़खा काम करही, काबरकि मंए दाऊ जग जाथों। 13 जे जाएत तुमन मोर नांव लेमांगिहा, ओला मंए देहूं, ताकि बेटा कर दुवारा मोर दाऊ कर महिमा होए। 14 अगर तुमन मोर नांव ले मोर जग कांहीच मांगिहा, त ओला मंए करहूं। 15 अगर तुमन मोर ठन मया करथा, त मोर सब हुकूम मन ला मानीहा।
ईसू हर पबितर आतमा ला भेजे कर बात जबान करथे
16 मंए दाऊ ले अरजी करहूं कि, ओहर तुमन ला अऊ एगोट मदेत करोईया ला देही, अऊ ओहर हमेसा तुमन कर संगे रही। 17 ओहर सचाई कर आतमा हवे, जेला संसार कर मईनसे मन अपनाए नई सकें, काबरकि संसार कर मईनसे मन तो ओके ला नई देखें अऊ ओके ला नई जानें। बकिन तुमन ओला जानथा, काबरकि ओहर तुमन कर संगे रथे अऊ ओहर तुमन में रही।
18 मंए तुमन के टूरा छउवा नई छोडहूं, मंए तुमन जग फेर आहू। 19 अऊ तनीक जुआर में संसार कर मईनसे मन मोके नई देखहीं, बकिन तुमन मोके देखीहा। मंए जीयत हों, तेकर ले तुहूंच मन जीयत रईहा। 20 ओही दिन तुमन जानिहा कि मंए अपन दाऊ में रथों, अऊ तुमन मोर में रथा अऊ मंए तुमन में रथों। 21 जेहर मोर हुकुम ला मानथे अऊ ओमे चलथे, ओहीच हर मोर जग मया करथे। अऊ जेहर मोर जग मया करथे, ओकर जग मोर दाऊ मया करही अऊ मंहूच ओकर जग मया करहूं अऊ मंए अपने-आप ला परगट करहूं।
22 तब एहूदा जेहर इसकरोती नई रहीस, ईसू ला कहीस, “ए परभू, तंए काबर अपन आप ला, संसार कर मईनसे जग परगट करे बर नई चाहत हस, बकिन सिरीप हमर जग परगट करे बर चाहत हस?” 23 ईसू हर ओके जबाब देहीस, “अगर कोनो हर मोर जग मया करही, त मोर बचन ला मानही अऊ मोर दाऊ ओकर जग मया करही अऊ हमरे ओकर लिघे आबो अऊ ओकर संगे रहबो। 24 जेहर मोर जग मया नई करे, ओहर मोर बचन ला नई माने। अऊ जे बचन ला तुमन सुनथा, ओहर मोर ना लागे बकिन मोर दाऊ कर लागे, जेहर मोके भेजीसे।
25 ए बात मन ला मंए तुमन कर संगे रहत घरी कहे रहें। 26 बकिन ओ मदेत करोईया मानेकी पबितर आतमा, जेला दाऊ हर मोर नांव ले भेजही, ओहर तुमन के सब बात मन ला सीखाही अऊ जे जाएत मंए तुमन के कहे हवों, ओ सब ला तुमन के सुरता देवाही।
27 मंए तुमन के सांती देके जाथों अऊ अपन सांती ला तुमन के देहत हों। जेकस संसार कर मईनसे मन सांती देथें, ओकस मंए तुमन के नई देवों। तुमन कर मन हर झईन घबराए अऊ झईन डराए। 28 तुमन मोके ए कहत सुने रहा कि “मंए जाथों अऊ तुमन जग फेर आहूं। अगर तुमन मोर जग मया करता, त तुमन खुस होता कि मंए दाऊ जग जाथों। काबरकि दाऊ हर मोरो ले महान हवे। 29 मंए ए बात मन कर होए ले पहिले तुमन के एला बताए देहे हों, कि जे घनी ए बात हर पूरा होए जाही, त तुमन मोर ए कहल बात में बिसवास करीहा। 30 मंए तुमन जग ढेरेच जुआर नई गोठियाओं, काबरकि ए संसार कर राएज करोईया हर आवत हे। मोर ऊपर ओकर कोनो अधिकार नईए। 31 बकिन जेकस दाऊ हर मोके हुकुम देहिसे, ओही कस मंए करथों, ताकि संसार हर ए जाएन ले कि मंए दाऊ जग मया करथों। आवा इहां ले चली।”