कुलोसी शेहरे मेह्‍णु जे
प्रतिनिधि पौलुसे चिट्ठि
जपल अस केसे जेईं यक खास बोकी अन्तर बधाण चहन्ते, त अस तेन्के ख्याल रखते। अस तेन्हि तेस बोकी बारे शिचालते रेहन्ते त तेन्हि गलती करण केआं रोकणे कोशिश कते। अस न चहन्ते कि से केसे गलत शिक्षाई मान कइ अपु मकसद अन्तर नाकमियाब भोल। अस त चहन्ते कि से हें शिक्षा पूरे मन जुए मान कइ अपु मकसद अन्तर कमियाब भो।
इस चिट्ठि अन्तर बि कुछ इहांणि भुण लगो असु। ए चिट्ठि यीशु मसीहे प्रतिनिधि पौलुस कुलोसी शेहरे विश्वासी मेह्‍णु जे लिखुण लगो असा। पौलुस चहन्ताथ कि कुलोसी शेहरे विश्वासी मेह्‍णु मसीह पुठ विश्वास अन्तर यकदम पक्का भोई घियेल त विश्वासे सुसुर बत पुठ हंटियेल। पर जपल तस पता लगा कि तेन्हि बिचा केहि मेह्‍णु गलत शिक्षा मान कइ अपु मकसद केआं होर कना जे घेण लगो असे त से तेन्हि चेता दिआई कइ समझाण लगो असा। से बोता कि जे शिक्षा तेन दुतो थी, तेस छड़ कइ कोई होरी शिक्षा तेन्हि मनणे जरूरत नेईं। से तेन्हि अपु दुतो शिक्षा मान कइ मसीह पुठ विश्वास अन्तर पक्का भोई घेण जे हिम्मत देन्ता।
इस चिट्ठि पढ़ कइ कुलोसी शेहरे मेह्‍णु के मकसदे बारे त पौलुसे दुतो शिक्षाई बारे पता करे। पता करे कि सच्चे मसीह सोबी केईआं बोडा असा ना। होर जे मसीह पुठ विश्वास कते, तेन्के जीण की भुओ लौतु।
विषय सूची
नमस्कार (1:1-2)
सतसंग जे पौलुसे धन्यवाद त प्रार्थना (1:3-14)
सोबी केआं मसीह बोडा (1:15-23)
सतसंगे सेवक पौलुस (1:24—2:5)
मसीह अन्तर नोई जिन्‍दगी (2:6-19)
नोउआं जिन्‍दगी जीण (2:20—3:17)
विश्वासी मेह्‍णु के जीणे बारे (3:18—4:1)
होरी शिक्षा (4:2-6)
अखिरि बोके त नमस्कार (4:7-18)