पौलुस यरुशलेम जाणौ
(प्रेरितों २१:१-१७)
21
1 इफिसुसॉक मैंसों बे विदा लिणक बाद हम कोश द्वीप पुज्‍यूं। और वांबे दुसर दिन हम रुदूस द्वीप आयूं, और फिर वांबे पतारा नगर गोयूं। 2 पतारा नगर मिं हमुकैं फीनीके इलॉकक तरफ जाणी जहाज मिलौ और हम उमिं भैबेर न्‍है ग्‍याय। 3 फिर हमुल कुप्रुस द्वीप देखौ, पर हम उकैं बौं तरफ छोड़िबेर अघिल कै सीरियाक तरफ बढ़ ग्‍याय। और फिर सोर नगर मिं उतरयूं, किलैकि यां जहाज बे माल लै उतारण छी। a 4 वां हमुल विश्‍वासियोंक पत्त-पाणि लगैबेर सात दिन उनर दगाड़ रयूं। उनुल पवित्र आत्‍माल भरिबेर पौलुस धैं कौ, "तुम यरुशलेम नि जाओ!" पर पौलुसल उनेरि बात नि मानि।
5 और जब यौं सात दिन पुर हईं, और हम उनुबे विदा लिबेर वांबे जाणी छी, तब सब मैंस नॉनतिनोंक दगाड़ हमुकैं पुज्‍यूणक लिजी नगर बे भ्‍यार तलक आईं। फिर हमुल समुद्रक किनॉर मिं घुन टेकिबेर प्रार्थना करी। 6 यैक बाद उं हम सबों कैं समुद्री जहाज मिं बैठैबेर आपण घर लौट ग्‍याय। 7 जब हम सोरक बॉट पतूलीमिस नगर पुज्‍यूं, तब हम एक दिन विश्‍वासियोंक दगाड़ रयूं। 8 दुसर दिन हम वांबे जैबेर कैसरिया पुज्‍यूं। वां हम भलि खबरक परचार करणी फिलिप्‍पुसक घर मिं रयूं। उ सात मैंसों मिंबे एक छी, जनुकैं खॉण बांटणक लिजी यरुशलेम मिं छांटि रॉखछी। 9 वीक चार अणब्‍यवाई चेली छी, जो परमेश्‍वरक बात बतूंछी।
10 जब हमुकैं वां थ्‍वाड़ दिन है ग्‍याछी, तब अगबुस नामक नबी यहूदा प्रदेश बे वां आ। 11 वील पौलुसक झाड़नल आपण हात-खुट बादिबेर कौ, "जो मैंसक यौ झाड़न छु उकैं यरुशलेम मिं यहूदी मैंस इसकै बादिबेर अन्‍य जातियोंक हात मिं सौंपॉल।" 12 यौ बात सुणिबेर हम और वांक मैंस सबोंल पौलुस धैं बिनती करिबेर कौ, "तुम यरुशलेम नि जाओ!" 13 लेकिन पौलुसल कौ, "तुम यौ के कूणाछा? तुम डाड़ मारि-मारिबेर मिकैं निराश किलै करणाछा? मी प्रभु यीशु मसीक नामल यरुशलेम मिं न केवल बादीणक लिजी पर मरणक लिजी लै तैय्‍यार छूं।" 14 और जब पौलुस हमेरि बात मानणक लिजी तैय्‍यार नि हाय, तब हम यौ कैबेर चुप है ग्‍याय कि प्रभुक मंशा पुर हो।
15 यैक बाद हम तैय्‍यारी करिबेर यरुशलेमक तरफ बॉट लागीं। 16 कैसरियाक थ्‍वाड़ विश्‍वासी हमर दगाड़ लै आईं और जब हम यरुशलेम पुज्‍यूं, तब उं हमुकैं कुप्रुसक रुणी मनासोनक घर ली गेईं, जो शुरुवादक दिनोंक विश्‍वासी छी। 17 और वां हमर स्‍वागत सब विश्‍वासियोंल खुशील करौ।
पौलुसक यरुशलेम मिं विश्‍वासियोंक दगाड़ भेट
(प्रेरितों २१:१८-२६)
18 दुसर दिन पौलुस और हम सब याकूबक घर गोयूं, जां विश्‍वासियोंक सब अधिकारी जॉम छी। 19 पौलुसल उनुकैं उ सब बता जो परमेश्‍वरल वीक जरियल अन्‍य जातियोंक बीच मिं करछी। 20 यौं सब बातों कैं सुणिबेर उनुल परमेश्‍वरक महिमा करी। और पौलुस धैं कौ, "हजारों यहूदियोंल विश्‍वास लै करि है, और उं सब नीमोंक पालन लै पक्‍क रीतील करनी। 21 पर उनुल तुमर बारि मिं सुण रॉखौ, कि तुम दुसॉर देशों मिं रुणी यहूदियों धैं कूंछा, कि तुम मोशेशक नीमों कैं मानण छोड़ि दियो, और न आपण च्‍यालोंक खतना करो और न यहूदियोंक रीती-रिवाजों कैं मानो। 22 ऑब तुम उनुकैं शांत करणक लिजी यस करो। 23-24 हमर बीच मिं चार मैंस छन, जनुल दुबार शुद्ध हुणक रीती करण छु। तुम लै इनर दगाड़ परमेश्‍वरक भवन मिं जैबेर यौ रीती करो और इनर खर्च लै उठाओ, जैल सबों कैं पत्त चल जॉल कि तुम लै मोशेशक नीमों कैं मानछा। 25 जां तलक अन्‍य-जातियोंक विश्‍वासियोंक बात छु, हमुल चिट्‍ठी लिखबेर उनुकैं आपण यौ फैसॉल भेजि है कि तुम मूरतियोंक सामण चढ़ाईं शिकार, खूनक खॉण-पिण, दम घोटी जानवरोंक शिकार और व्‍यभिचार बे बचो।" 26 तब पौलुसल जस उनुल कौ, उस्‍सै करौ।
पौलुस पकड़ी जां
(प्रेरितों २१:२७-४०)
27 यैक एक हफ्‍तक बाद पौलुस शुद्ध हुणक रीती पुर करणक लिजी बलिदान चढ़ूणक लिजी परमेश्‍वरक भवन मिं गो। लेकिन जब ऑशियाक थ्‍वाड़ यहूदियोंल पौलुस कैं देखौ, तब उं नराज हबेर 28 जोर-जोरल कूण लागी, "भाइयो, आओ! यौ वी मैंस छु, जो सब जॉगोंक मैंसों मिं यौ बातक परचार करुं, जो हमर जात, नीम और यौ परमेश्‍वरक भवनक लै खिलाफ छु! केवल इदुकै नै, यैल यूनानियों कैं यौ भवन मिं लैबेर यैक पवित्रता लै नांश करि है!" 29 उनुल इफिसुसक रुणी तोफिमुस कैं पौलुसक दगाड़ यौ नगर मिं देखि रॉखछी, यैक लिजी उनुल यौ गलत समझौ कि पौलुस उकैं आपण दगाड़ लिबेर परमेश्‍वरक भवन मिं आ।
30 यौ बातक कारणल पुर शहर मिं हड़कंप मचि गेई, और मैंस चारों तरफ बे दौड़बेर वां जॉम है ग्‍याय। और उं पौलुस कैं पकड़िबेर परमेश्‍वरक भवनक भ्‍यार बे खींच ल्‍याईं। 31 उं पौलुसक खून करणयै छी कि उ बखतै रोमी सेनाक सैप कैं यौ खबर मिली कि सॉर यरुशलेम मिं उत्‍पात मचि रौ। 32 उ तुरंत सिपैनों कैं लिबेर भीड़क तरफ दौड़ पड़ौ। जब मैंसोंल सेनाक सैप और सिपैनों कैं देखौ, तब उनुल पौलुस कैं मारण बन्‍द करि दे। 33 फिर सेनाक सैपल नजिक ऐबेर पौलुस कैं पकड़िबेर उकैं द्वी जंजीरोंल बादणक हुकुम दिबेर मैंसों धैं पुछौ कि यौ को छु? और यैल के करौ? 34 भीड़ मिंबे क्‍वे के कूणौछी और क्‍वे के। यौ कारणल सेनाक सैप कैं ठिक-ठिक बातक मालुम नि चल सक, यैक लिजी वील सिपैनों कैं पौलुस कैं सेनाकि चौकि मिं ली जाणक हुकुम दे।
35 जब उं वांक सीढ़ियों मिं पुजीं, तब भीड़क खतरनाक माहौल देखिबेर सिपैनों कैं पौलुस कैं उठैबेर ली जाण पड़ौ। 36 और भीड़, "मारो, मारो!" कैबेर हकाहाक करनै वीक पछिन-पछिन बे उणैछी।
37 जब सिपै पौलुस कैं सेनाकि चौकि भितेर ली जाणाछी, तब पौलुसल सेनाक सैप धैं कौ, "के मी तुमुधैं एक गुजारिश करि सकनू?" यौ सुणिबेर वील कौ, "के तुम यूनानी भाषा जाणछा? 38 के तुम उ मिस्री न्‍हैंतिया जैल थ्‍वाड़ बखत पैली झगड़ फसाद करछी और चार हजार मैंसों कैं तलवार लिबेर भड़कैबेर रेगिस्‍तान मिं ली गोछी?" 39 पौलुसल कौ, "ना, ना, मी यहूदी छूं, और तरसुस नगरक रुणी छूं। मी क्‍वे यस-उस नगरक रुणी न्‍हैंतियूं। मेरि गुजारिश छु, कि तुम मिकैं भीड़क दगाड़ बात करणक मंजूरी दियो।"
40 वील मंजूरी दी दे, फिर पौलुसल सीढ़ियों मिं ठॉड़ हबेर हातल मैंसों कैं चुप रुणक इशॉर करौ, और जब सब चुप है ग्‍याय, तब पौलुस उनुधैं इब्रानी बोलि मिं बात करण लागौ।