फिलिप्पयोंक नाम पौलुसकि चिट्ठी
फिलिप्पयोंक लिजी पौलुसकि प्रार्थना
(फिलिप्पियों १:१-११)
1
1 फिलिप्पी नगर मिं रुणिवॉल यीशु मसीक सब विश्वासियोंक लिजी, यीशु मसीक दास पौलुस और तिमोथीक चिट्ठी। 2 हमर पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीक किरपा और शांति तुम सबों मिं हो।3 जब-जब मी तुमुकैं याद करनू, तब मी तुमर लिजी परमेश्वरक धन्यवाद करनू। 4 और मी तुमर लिजी हमेशा आनंदित हबेर प्रार्थना लै करनू, 5 किलैकि तुम शुरु बे ऐल तलक भलि खबरक परचारक काम मिं हमेरि मधत करनै उणाछा। 6 परमेश्वरल तुमर मन मिं यौ भल काम शुरु करौ, और म्यर पुर भरौस छु कि उं तुमर मन आपण तरफ बढ़ूनै रौल। और यीशुक दुबार उण बखत यौ काम पुर है जॉल, और तब तुमर मन बिल्कुल पवित्र बणि जॉल।
7 तुम सबनक बारि मिं मेरि यौ राय भलि छु किलैकि मी तुमुकैं भौत प्रेम करनू। परमेश्वरक किरपाल तुम सब यौ खाश काम मिं म्यर दगाड़ भागिदार राछा, न केवल उ बखत जब मी जेल मिं छी, बल्िकन तब लै जब मी न्यायालय मिं भलि खबरक बचाव करणौछी। 8 परमेश्वर कैं लै यौ पत्त छु कि मी तुमुकैं भौत याद करनू और यीशु मसीक चारि प्रेम लै करनू।
9 मेरि यौ प्रार्थना छु, कि तुम परमेश्वरक प्रेम, बुद्धि और समझ मिं हमेशा बढ़नै रओ। 10 जब तुम यस करला, तब तुमुकैं पत्त लागि जॉल कि जरूड़ी और खाश बात के छन। इसिक तुम यीशु मसीक वापिस उण तलक पाप बे दूर रैबेर र्निदोष साबित रौला। 11 तब जसिक बोट मिं फल बढ़ुं, उसिकै यीशु मसीक जरियल तुमर जिन्दगी मिं भाल काम और सोच-विचार बढ़ुं, जैल परमेश्वरक महिमा हो।
यीशुक नाम फैलणल पौलुसकि खुशी
(फिलिप्पियों १:१२-१९)
12 भाइयो, मी तुमुकैं ऑब यौ बतै दिण चांनू, कि जे लै खराब बात म्यर दगाड़ हईं, उं भलि खबरक परचारक लिजी भल हईं। 13 यैक लिजी कि मी कैद मिं छूं, महलॉक सब मैंस और भौत दुसॉर मैंसोंल लै यीशु मसीक बारि मिं सुणौ। 14 यैक अलावा म्यर बन्दी हुणक कारणल भौत विश्वासी प्रभु मिं और लै भरौस धरिबेर परमेश्वरक भलि खबरक परचार निडर हबेर सुणूण लागीं। 15 यौ बात सांचि छु कि थ्वाड़ मैंस जलनक कारणल परचार करनी, लेकिन दुसॉर मैंस दुसरोंक भलाइक लिजी प्रेमल यौ काम करनी। 16 उं जाणनी कि मी भलि खबरक तरफदारि करणक लिजी ठैराई छूं। 17 दुसॉर मैंस भलाइक मंशाल नै पर यौ मंशाल परमेश्वरक भलि खबरक परचार करनी कि जेल मिं म्यर लिजी दु:ख मुशीबत हो। 18 लेकिन चाहे भल या नक क्वे लै तरिकल हो, पर मसीक परचार तो हुं! यैक लिजी मी मगन छूं।
19 और मी यैक लिजी लै खुशि छूं किलैकि मी यौ जाणनू कि तुमेरि प्रार्थनाओं और यीशु मसीक आत्माक मधतल म्यर छुटकॉर ह्वल।
ज्यून या मरी, हम यीशुक छूं
(फिलिप्पियों १:२०-२७)
20 मेरि मनकि ऑश और विश्वास यौ छु कि मी क्वे लै यॉस कामों कैं नि करुं जैक लिजी मिकैं शर्मिन्दा हुण पड़ो, लेकिन मी पुर हिम्मतल यीशु मसीक महिमा करनै रूं, चाहे मी ज्यून रूं या मरि जूं। 21 किलैकि अगर मी ज्यून छूं, मी यीशुक सेवा करनू, लेकिन अगर मी मरि जूंल, यौ म्यर लिजी और लै जादे भल छु। 22-24 अगर मी यौ आङ मिं ज्यून रूं, तब मी परमेश्वरक लिजी फल दिणी काम करि सकनू, लेकिन मरिबेर मी मसीक पास न्है जूंल। यैक लिजी मेरि समझ मिं नि उणय कि मी के बात कैं छांटों। मेरि मंशा छु कि मी मरिबेर मसीक पास न्है जूं, किलैकि म्यर लिजी यौ सबों है जादे भल छु। लेकिन तुमर लिजी म्यर यौ आङ मिं ज्यून रुण जादे जरूड़ी छु। 25 यैक लिजी मी जाणनू कि मी ऐल ज्यून रूंल और तुम सबनक दगाड़ रूंल, जैल तुम सब विश्वास मिं मजबूत हुनै जाओ और यौ कारणल मगन रओ। 26 और जब हम फिर मिलूं, तब तुम और लै जादे खुशि ह्वला कि परमेश्वरल म्यर लिजी के करौ।
निडर हबेर सताव सहण करण चैं
(फिलिप्पियों १:२७-३०)
27 तुम बस यस करिया कि तुमर चाल-चलन प्रभुक कूणक अनुसार हो। तब चाहे मी तुमर दगाड़ रूं या तुमुबे दूर, तुमर बारि मिं बस यौ सुण मिं आओ कि तुम एक मन हबेर परमेश्वरक लिजी इदुक छाउ-छरपट हबेर काम करणाछा कि वील दुसॉर मैंस भलि खबर मिं भरौस करो।
28 और तुम आपण दुश्मणों बे बिल्कुल झन डरिया, किलैकि तुम उनर सताव सहबेर दिखूंछा कि उं हरै दी जॉल, लेकिन तुमुकैं परमेश्वर बचाल। 29-30 जस दु:ख-पीड़ मील फिलिप्पी मिं उठै और आज तलक लै उठूणयूं, उस्सै ऑब तुम लै उठूणाछा। किलैकि तुमुकैं न केवल मसीह मिं भरौस करणक, बल्िकन वीक लिजी दु:ख उठूणक बरदान लै मिली छु।