त्रोआस मिं पौलुसक अद्‌भुत काम
(प्रेरितों २०:१-१२)
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1 यौ हाल्‍ल-गुल्‍ल खतम हुणक बाद पौलुसल सब विश्‍वासियों कैं बुलैबेर उनेरि हिम्‍मत बढ़ै। फिर उनुबे विदा लिबेर मकिदूनिया न्‍है गोय। 2 और फिर वील पुर प्रदेशक दौर करौ, और उपदेश दी-दिबेर विश्‍वासी मैंसों कैं हिम्‍मत दिनै, उ दक्षिण दिशा मिं यूनान देश पुजौ। 3 और वां तीन म्‍हैण बितूणक बाद उ समुद्रक पार सीरिया देश जाणी छी। पर जब उकैं यौ पत्त चलौ, कि थ्‍वाड़ यहूदी मैंस मिकैं सफरक बीच मिं मारणक लिजी मशौद करणईं, यैक लिजी वील मकिदूनियाक बॉट वापिस लौटणक फैसॉल करौ। 4-5 तिमोथी और थ्‍वाड़ दुसॉर मैंस लै वीक दगाड़ छी। 6 तब हमुल फसहक त्‍यारक बाद फिलिप्‍पी नगर बे समुद्रक बॉट आपण सफर शुरु करौ और पांच दिनोंक बाद हम त्रोआस नगर मिं पुज्‍यूं। वां हम सात दिन तलक रयूं।
7 पौलुसक यांबे जाणक पैल ब्‍याव हम यीशुक यादगारिक भोजन खॉणक लिजी एक भवनक तिमंजल मिं जॉम हयी। किलैकि पौलुस दुसर दिन यांबे जाणिवॉल छी, यैक लिजी उ अधरात तलक वां परचार करनै रौ। 9 और वां यूतुखुश नामक एक लौंड खिड़कि मिं बैठि रौछी। जब पौलुस अधरात तलक बातै करण मिं छी, उ लौंड कैं नीन ऐ गेई, और उ नीन मिं तेलि छुटिबेर मरि गोय। 10 यौ देखिबेर पौलुस तेलि आ और उकैं आपण गव लै लगैबेर सबों धैं कौ, "झन डरो, यौ दुबार ज्‍यून है गो।" 11 यैक बाद पौलुसल मेलि जैबेर र्‌वट लिबेर खा। फिर उ उज्‍याव हुण तलक परचार करनै रौ। 12 और यौ बीच मिं उ लौंड कैं मैंस ज्‍यूनै घर ली आईं, यैल उनुकैं भौत तसल्‍ली है।
इफिसियोंक लिजी पौलुसक विदाइक भाषण
(प्रेरितों २०:१३-३८)
13-14 यैक बाद पौलुसल हमुधैं कौ, "तुम जहाजल जाओ और मी वां तलक हिटबेर ऊंल।" और अस्‍सुस पुजणक बाद जब पौलुस लै वां पुजौ तब हमुल उकैं लै आपण दगाड़ जहाज मिं भैटै ले। फिर हम मितुलेने मिं आईं। 15 यैक दुसर दिन हम खियुस द्वीप पुज्‍यूं। तिसर दिन हम समुद्र पार करिबेर सामोस द्वीप, और चौथूं दिन मिलेतुस नामक बन्‍दरगाह मिं आयूं। 16 पौलुसल इरॉद करि रॉखछी कि हम सब इफिसुस कैं छोड़िबेर अघिल न्‍है जूंल ताकी हम पेंतेकुस्‍तक त्‍यारक दिन यरुशलेम पुजि सकूं। 17 यैक लिजी वील मिलेतुस बे जबाब भेजिबेर इफिसुसॉक विश्‍वासियोंक समुदायक अधिकारियों कैं वां बुलवा।
18 और उनर वां पुजण पर उनुधैं कौ, "तुम सब जाणछा कि जदिन बे मी पैल बार यां आईं, उ दिन बे म्‍यर चाल-चलन कस रौ। 19 मील परमेश्‍वरक सेवा दीनताल करी। और जो दु:ख-मुशीबत यहूदियोंक मसौदोंक कारणल मि पर आईं, उ सब सहण करी। 20 और तुमर भलाइक जो-जो बात छी, उनुकैं मील तुमुकैं बतूण मिं कभै के झिझक नि कर। और सबोंक घर-घर जैबेर लै उं बातोंक बारि मिं बतूनै रयूं। 21 मी यहूदी और दुसॉर सब मैंसोंक सामण साफ-साफ गवाही दिनै रुंछी, कि उं लै आपण मन फिराव करिबेर परमेश्‍वरक सामण ऐ जाओ और हमर प्रभु यीशु मिं भरौस करो। 22 ऑब मी पवित्र-आत्‍माक कूणल यरुशलेम जाणयूं, और मी नि जाणन कि वां म्‍यर दगाड़ के ह्‌वल। 23 बस इदुकै जाणनू कि हरेक नगर मिं पवित्र-आत्‍मा मिकैं खबरदार करणै, कि वां जंजीर और दु:ख म्‍यर इंतजार करणईं। 24 पर मेरि नजर मिं मेरि जिन्‍दगीक के कीमत न्‍हैं, मी बस यौ काम पुर करण चांनू जो प्रभु यीशुल मिकैं सौंप रॉखौ, कि मी वीक दयाक बारि मिं गवाही दिनै रुं।
25 मी तुमर बीच मिं रैबेर तुमुकैं परमेश्‍वरक राज्‍यक बारि मिं बतूनै रयूं। पर ऑब मी जाणनू कि हमेरि भेट नि हो। 26-27 यैक लिजी मी तुमुधैं कूणयूं कि अगर तुमुमिंबे क्‍वे लै यीशु मिं भरौस नि करणक कारणल नांश हो, तब मी यैक जिम्‍मेदार न्‍हैंतियूं। किलैकि मील भौत मेहनतल तुमुकैं परमेश्‍वरक पुरि बात बतै रॉखी। 28 यैक लिजी तुम आपण और सॉर दलक लिजी खबरदार रवो। पवित्र आत्‍माल तुमुकैं आपण दलक देख-भाल करणकि जिम्‍मेवारि दी रॉखी। तुम यौ काम भली कै करिया, किलैकि परमेश्‍वरल उनुकैं आपण च्‍यलक खून दिबेर छुड़ै रॉखौ। 29 मी जाणनू कि म्‍यर जाणक बाद बदमाश मैंस तुमर बीच मिं आल और तुमुमिं के दया नि करो। 30 और तुमर दल मिंबे लै यॉस मैंस निकलॉल जो विश्‍वासियों कैं भड़कैबेर उनुकैं गलत-गलत शिक्षा द्‌याल। 31 यैक लिजी चौकस रओ, और यौ लै याद धरिया कि मी तीन साल तलक भौत मुशीबतल यौं बातोंक लिजी तुमुकैं दिन-रात खबरदार करनै रयूं। 32 ऑब मी तुमुकैं परमेश्‍वरक हातों मिं सौंपनू। और उनर बचन मिं भरौस करनू कि उनेरि दया और माफिल तुमर भरौस बढ़नै रवो, और तुम उनर सब चुनी मैंसोंक दगाड़ परमेश्‍वरक राज मिं पुजि सको। 33 मील कभै कैकै सुन, चांदि और लुकुड़ोंक लोभ नि कर। 34 तुम सब जाणछा कि मील आपण और आपण दगड़ुवोंक जरूवतों कैं पुर करणक लिजी खुद काम करौ। 35 मील हमेशा तुमर सामण यौ उधारण धरौ, कि हमुकैं खुद काम करिबेर दीन-दुखियोंक मधत करण चैं। और तुम प्रभु यीशुक यौं बातों कैं लै याद धरिया, "लिण हबेर, दिण जादे भल छु।""
36 यौं सब बातोंक बाद पौलुसल उनर दगाड़ घुन टेकिबेर प्रार्थना करी। 37 यैक बाद उं सब मैंसोंल पौलुस कैं अङाव खितिबेर डाड़ मारनै उकैं प्‍यार करण लागीं। 38 उं सब मैंस जादे दु:खी यौ कारणल हईं कि उं यैक बाद पौलुस कैं फिर कभै नि देखि सकॉल। फिर उं सब मैंस पौलुस कैं विदा करणक लिजी पाणिक जहाज तलक गेईं।