महापरभु के खोजतो जीव सितर पायसे
जहूदा राज चो छीड़ा भाटा ने रलो बेरा दाउद चो भजन-गीत।
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ए महापरभु, तुय मोचो महापरभु आस, मय तुके खोजेंसे,तुके डगराते-डगराते मोचो जीव डाहाल-बिकाल होयसे;
टंग-टंगा भाटा ने पानी खोजलो असन,
मय तुके डगराते-डगराते मुछियाउन गेले।
2 असन बरन ले पवितर ठान ने,
मय तुचो सकत आउर मयमा दखले।
3 कसनबलले तुचो सत-मया, जीव ले बले नंगत आय,
मय आपलो टोंड ले तुके सहरायंदे।
4 एईकाजे मय जीवता-जीव भर तुके धन-धन करेंदे;
मय आपलो हाथ उपरे उचाउन तुचो नाव धरुन गुहारेंदे।
5 मोचो जीव नंगत खादी-पीदी ले उमकली,
आउर मोचो टोंड हरिक ले तुचो जय-जय गीत गायसे
6 ओचना ने रउन मय तुके सूरता करेंसे,
आउर रात-भर तुचेई धियान ने रयंसे;
7 कसनबलले तुय मोचो साहरा करलीस,
आउर मय तुचो पाटकी आड़ ने रउन हरिक चो गीत गायंसे।
8 मोचो जीव तुचेई धराव ने आसे;
तुय आपलो उजा हाथ ले मोके थामलिसीस।
9 मानतर जोन मोचो जीव धरुक खोजसोत,
हुनमन पतालपुरे जादे;
10 हुनमन के खांडा ने मारदे,
आउर हुनमन हुंडारमन चो चारा होदे।
11 राजा, महापरभु किरता हरिक-उदीम होयदे;
जोन कोनी महापरभु चो नाव ने किरिया खादे हुनमन चो बड़ाई होयदे;
मानतर फंद गोटेयाउमन चो टोंड ओगाय होयदे।