दुसट आउर एड़जा मनुकमन
(भजन 53)
बजनेया मुखिया काजे दाउद चो भजन-गीत
14
एड़जा आपलो मन ने असन बिचारेसे, “महापरभु नीआय ची बले।”हुनमन नसलासोत, हुनमन घिनघिना बुता करसोत,
कोनी नंगत बुता करतो लोग नीआत।
2 महापरभु सरग ले मंजपुर चो लोगमन के दखेसे,
महापरभु के डगरातो
कोनी बुद बीता आसे कि नाई।
3 हुनमन सपाय जहोवा चो बाट के छांडलासे, हुनमन सपाय नसलासे;
कोनी बले नंगत बुता करतो लोग नीआत,
गोटोक बले नीआत।
4 काय, सपाय दुसटमन के मुरे बुद नीआय,
जोनमन मोचो लोग के रोटी असन खायसोत,
आउर जहोवा चो नाव नी धरोत?
5 काई डर नी रलो थाने हुनमन के डर चेपायदे,
कसनबलले महापरभु धरमी लोगमन चो मंडली ने रयसे।
6 ए दुसटमन, तुमी तो गरीब-दुखी चो उआट के हांसुन पकायसास,
मानतर हुनमन जहोवा चो सरन ने आसोत।
7 इसराएल चो मुक्ति सियोन ले ईले नंगत होती!
जेबे जहोवा आपलो रयत के, कमेया बुता ले छंडाउन आनेदे,
तेबे जाकूब* हरिक बललोने, इसराएल हरिक-उदीम होयदे।