मसी की काया मं एको
4
1 जिसुं म, ज्यो परबु की सेवा की बजेसुं केदी छु, थां मनखा सुं अरदास करू छु क थे अस्यान की ठीक जन्दगी जीओ जीक्अ ताणी परमेसर थां मनखा न्अ बुलायो छ। 2 aसबळी बाता मं अपणा-आपन्अ छोटो बणार नरमाई सुं, थ्यावस राखर परेम सुं एक-दूसरा न्अ सेन करो। 3 पवितर-आत्मा थान्अ ज्यो एकता देव्अ छ। बिन्अ बणाया रांखबा ताणी गठजोड़ कराबाळी सांति सुं ज्योबी कर सको छो बिन्अ करो। 4 ज्दया परमेसर थान्अ बलायो छो बी बगत थान्अ एक'ई आस ताणी बलायो छो। जस्यान एक'ई काया छ अर एक'ई पवितर-आत्मा छ। 5 एक'ई परबु छ, एक'ई बस्वास छ, अर एक'ई बतिस्मो छ। 6 परमेसर एक'ई छ अर वो सबळा को बाप छ। बोई सबळा को मालिक छ, अर सबळा क माईन्अ काम करअ छ, अर सबळा मं बोई समा मेल्यो छ। 7 मसी जस्यान चायो, बी नाप सुंई आपा म सुं हरेक न्अ एक खास बरदान दियो छ। 8 जिसुं सासतर खेव्अ छ,
“जद वो ऊंची ठोर मं गियो,
तो बन्धेड़ा न्अ बीक्अ लार लेग्यो अर मनखा न्अ बरदान दियो।”
9 “वो ऊंची ठोर मं गियो” बीको मतलब कांई छ? योई क वो पेली धरती का तळ्अ का हस्सा प उतर्यो। 10 ज्यो तळ्अ उतर्यो छो, वो बोई छ ज्यो ऊंची ठोर मं गियो, अतरो उपरअ क सबळा आम्बर सुं बी उपरअ, क वो सबकी पूरती करअ। 11 बोई छ ज्यो एकात न्अ खास थरपेड़ा, एकात न्अ परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा, एकात न्अ चोखा समचार को हलकारो देबाळा, एकात न्अ परमेसर का मनखा का गुवाळ अर सखाबाळा बणायो। 12 मसी बान्अ ई बजेसुं बणायो क ब परमेसर का पवितर मनखा न्अ सेवा क ताणी त्यार करअ जिसुं बीकी काया तगड़ी होती जावे। 13 यो, सबळा बस्वासी न्अ परमेसर का छोरा का ज्ञान मं अर बस्वास मं एक होबा ताणी अर मसी का सबळा गुणा मं पाका होबा ताणी होवेलो। 14 जिसुं आपा बाळक की जस्यान कोन्अ रेवा, ज्यो ठग मनखा की ठगबद्‍या अर चतराई सुं, भरम की बाता अर छळ का उपदेस की आंधी सुं फेराया जाव्अ अर अण्डी-उण्डी भटकाया जाव्अ छ। 15 पण आपा परेम की लार सांच बोलता होया सब तरा सुं मसी की जस्यानका बणबा क ताणी बढ़ता जावां। जस्यान माथो सारी काया न्अ चलाव्अ छ, वस्यानई मसी बस्वास्या न्अ चलाव्अ छ। 16 bबीका खिया मं सबळा साअरो देबाळा जोड़ा सुं काया का सबळा अंगा न्अ जोड़या जावे, अर एक हो जाव्अ छ। ई बजेसुं जद सबळा अंग अपणो-अपणो काम करअ तो पूरी काया बड़े छ अर बा परेम मं खुद तगड़ी होवे छ।
मसी मं नुई जन्दगी
17 ई बजेसुं, देखो, परबु का नांऊ सुं म थान्अ खेर्यो छु क अब थे आग्अ कद्‍या बी गेर बस्वास्या की जस्यान मत जीओ ज्यांका बच्यार बेकार का छ। 18 बाम्अ समझ कोन्अ अर ब मन सुं ढीठ होग्या। ई बजेसुं ब परमेसर की सच्चाई न्अ देख कोन्अ सक्अ अर परमेसर सुं मलबाळी जन्दगी सुं आंतरअ छ। 19 बांकी लाज-सरम चलेगी अर ब काया की बुरी मन्सा का बसम्अ आग्या। जिसुं बा सबळा लुचपण का कामा न्अ सदा ई करबा की लाळसा करअ छ। 20 पण मसी का बारा मं थे ज्यो सिख्या छो, बा बात तो अस्यान की कोन्अ। 21 ईसु का बारा मं मतलब ज्यो सांच बीम्अ छ बीका बारा मं थे पक्‍का सुण्या अर सींख्या छो। 22 cथांकी पाछली जन्दगी का चाल-चलण न्अ छोड़बा क ताणी थान्अ सखायो गियो छो। ज्यो धोखो देबाळी बुरी मन्सा सुं थान्अ बगाड़ दियो छो। 23 जिसुं थांका मन का बच्यार बदलर नया होणा चायजे। 24 dपरमेसर का बी नया सुभाव न्अ धारण करल्यो। ज्यो परमेसर का सुभाव की जस्यान बणायो गियो छ। ज्यो सुभाव सांच्याई पवितर अर परमेसर क साम्अ सही छ। 25 जिसुं थे लोगबाग झूंट बोलबो छोड़र आमा-सामा सांच बोलो, क्युं क आपा सबळा एक'ई काया का अंग छा। 26 रोषा मं आर पाप मत करो। दन आथबा सुं पेलीई थांका रोष न्अ खतम करद्‍यो। 27 सेतान न्अ थान्अ पाप मं फसाबा को मोको मतद्‍यो। 28 ज्यो चोरी करतो आर्यो छ उन्अ कद्‍या बी चोरी कोन्अ करणी चायजे, पण खुदका हाथां सुं कोई चोखो काम करर मेहनत की कमाई करणी चायजे। जिसुं कोई जुरताळा को हाथ बटा सके। 29 थांका मुण्ढा सुं कोई बी नुकसाण की बात न्अ नखळणी चायजे, पण मनखा को होसलो बड़ाबा क ताणी जड़े जुरत होवे बड़े चोखी बात नखळणी चायजे, जिसुं ज्यो सुण्अ बांको भलो होव्अ। 30 पवितर-आत्मा ई बा छाप छ जीन्अ परमेसर थां माळ्अ छुड़ाबा का दन क ताणी लगायो छ। ई बजेसुं पवितर-आत्मा न्अ दुखी मत करो। 31 कड़वाहट, गुस्सो, रोष, झगड़बो, गाळी बकबो, अर सबळी बुराया न्अ छोड़द्‍यो। 32 eआमा-सामा दीया-मेरबानी अर तरस रांखो। एक-दूसरा न्अ माफ करो जस्यान मसी की बजेसुं परमेसर थान्अ माफ कर्यो छ।