11
अगर तमी मोर खिनिक ची मुरकता सही देले तो काय ची भला होयता; हां, मोर सही बले दियास | 2 कसन मुय तमर बिषय ने माहा परबु धुन लगाय रउ आंय, ई काचे मुय गोटकी ची माने ले तमर गोट लगायली आची की तमके पवित्र कुंवारी र असन मसीह के सोपी देली | 3 मातर मुय डरबी आची की जसन साप आपना चालाक हवा के बह्काला, असनी ची तमर मन हांय सीधा आवरी पवित्रता ले जोन मसीह र संगे होयबार आय, काय भरष्ट ना करा जाये | 4 अगर कोनी तमर लगे आई करी कोनी दुसर यीशु र परचार करले, जाहार परचार हामि ना करलू; नोयले कोनी आवरी आतमा तमके मिरले, जोन पईले ना मिरी रला; नोयले आवरी कोनी सुसमाचार सुनायले जोनके तमि पईले ना मानी राहास, तेबे तमि हाके सयबास | 5 मुय तो समझबी आची की मुय कोनी गोट ने बड़े ले बड़े पेरिरित ले शुरू नुआय | 6 अगर मुय वक्तव्य ने अनाड़ी आंय, तेबे बले गियान ने नाई | हामि एके सबु गोट ने सबु परकार ले तमर काचे परगट करलू आचू | 7 काय इ थाने मुय काई पाप करली की मुय तमर माहा परबु र सुसमाचार सेत -मेत सुनायली ; आवरी आपना निज के तले करली की तमि उपरे होई जाहा ? 8 मुय अन्य कलिसिया मन के चोरली, अरथात मुय हांय मन के भूति धरली ताकि तमर सेवा करू | 9 आवरी जड़ दाय मुय तमर संगे रली आवरी मोके घटी होयला, तेबे मुय कोनी उपरे बोझा के ना बुआयली, कसन की भाई मन मकी दुनिया ले आई करी मोर घटी के पूरा करला ; आवरी मुय सबु गोट ने अपना निज के तमर उपरे बोझ बनबा ले ठेबायली, आवरी ठेबाय रबी | 10 अगर मसीह र सत मोके आचे तो अखिया देस ने कोनी मोके ये घमण्ड ले ना ठेबायत | 11 कसन ? काय ई काचे की मुय तमके मया ना सोंगाई ?माहा परबु जानसी आचे की मुय मया सोंगाऊ आंय | 12 मातर जोन मुय बलबी आची, हांय करते रंहु आय की जोन लोक दांव दगराउत तिके मुय दांव पायके ना देबी, ताकि जोन गोट ने हांय मन घमण्ड करू आत हांय थाने हांय मन हामर ची असन ठेबू आत | 13 कसन की असन लोक झुटा पेरिरित, आवरी छंद ले काम करबा बिता, आवरी मसीह र पेरिरित र रूप धरबा बिता आत | 14 ऐ कोनी अक चकायबा गोट नुआय कसन की सैतान आपना बले ज्योतिमय सरगदुत र रूप धरु आय 15 ई काचे अगर हांतार सेवक बले धरम र सेवक र मा रूप धरो, तेबे कोनी बड़े गोट नुआय, मातर हांतार अंग हांतार काम र अनुसार होयसी, 16 मुय आवरी बलबी आची, कोनी मोके मुरक ना समझा ; नाई तो मुरक ची समझी करी मोर सई दियास, ताकि खिनिक मा मुय बले घमण्ड करके सकबी | 17 ई बे धड़क घमंड ने जोन काई मुय बलु आंय, हांय परबु र आगिया र अनुसार नुआय मातर माना मुरकता ले ची बलबी आची | 18 जड़दाय की खुबे लोक गागर र अनुसार घमण्ड करू आत, तेबे मुय बले घमण्ड करबी | 19 तमि तो समझदार होई करी आनन्द ले मुरक के सई जाऊ आस | 20 कसन की जड़दाय तमके कोनी दास बनाऊ आय, नोयले खाई जाऊ आय, नोयले लटकाय देऊ, नोयले आपना निज के बड़े बनाऊ आय, नोयले तमर मुंह उपरे थापड़ मारू आय, तेबे तमि सई जाऊ आस | 21 मोर बलबा र आनादर की निति उपरे आचे, माना हामि एतार काचे निरबल रलू मातर जोन कोनी गोट ने काई साहस करू आय - मुय मुरकता ले बलबी आची - तेबे मुय बले साहस करू आंय | 22 काय हांय मन ची इब्रानी आत ? मुय बले आंय | काय हांय मन ची इस्राएली आत ? मुय बले आंय | काय हांय मन ची अब्राहम र बंस आत ? मुय बले आंय | 23 काय हांय मन ची मसीह र सेवक आत - मुय बया र असन बलबी आची- मुय टिकर ले बड़ी करी आंय | खुबे परिश्रम करले; घन घन कैदी होयबा ने; कोड़ा खायबा ने; घन घन मिरतु र घराहा ने | 24 पांच हार मुय यहूदी मन हाथ ले उनचालीस उनचालीस कोड़ा खायली 25 तीन हार मुय बेत खायली; गोटक हार मोर उपरे पकना र मारा गली; तीन हार जाहार, जोन उपरे मुय चेगी रई, टूटी गला; गोटक राती- दिन मुय समुंद ने कटायली | 26 मुय घन घन यात्रा मन ने; नदी र घराह ने; चोर मन र घराह ने; आपना जाति बिता र घराह ने; अन्य जाति मन र घराहा ने; नगर र घराहा ने; झार र घराहा ने; समुंद र घराहा ने; झुटा भाई मन र मंजी घराहा न रली | 27 परिश्रम आवरी कसट ने; घन घन उठते रबा ने; भूख-प्यास ने; घन घन उपास करबा ने; सीत ने; डूमडा रबा ने; 28 आवरी अन्य गोट के छाड़ी करी जाहार बरनन ना करी, सबु कलीसिया मन र चिन्ता रोजे मोके चेपाऊ आय | 29 जाहार निरबलता ले मुय निरबन ना होई ? जाहार ठोकर खायले मोर जीव ना दुके ? 30 अगर घमण्ड कारबा जरूरी आय, तेबे मुय आपना निरबलता र गोट उपरे घमण्ड करबी | 31 परबु यीशु माहा परबु आवरी बाबा जोन सबू दाय धन्य आय, जानसी आचे की मुय झूट ना बली | 32 दमिस्क ने अरितास राजा र बाटले जोन आकिम रही, हांय मोके धरबा काचे दमिस्क मन र नगर उपरे पाहारा बसाय रला, 33 आवरी मुय टुकना ने खिड़कि ले होई करी सहर पनाह उपरे ले उतराय गली आवरी हातार हाथ ले बाची निकरली |