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मय हाई पौलुस जोन तमर छमे दीन आय मातर पिटी बाटे तमर बाटे साहस करू आय, तमके मसीह र नरमता आवरी कोमलता र लागी समझायबी आची | 2 मय ये बिनती करबी आची की तमर छमे मके ना डरी करी साहस करबार ना पड़ो, जसन मय कोनी लोक मन ने जोन हामके गागर र अनुसार चलबा लोक समझू आत, साहस दकायबार विचार करू आय | 3 कसन की अगर हामी हामी गागर ने चला बूला होऊ आवं, तेबे बले गागर र अनुसार ना लडू | 4 कसन की हामर लड़ाई र ह्तेआर गागर र नाई, मातर गड़ मन के ढायबा काचे माहा परभु र बाटले सामरती आय | 5 हाई काचे हामी सोच मन र आवरी हाय सबू ऊचा गोट मन के, जोन माहा परभु र पईचान र बिरोध ने उठू आय, खण्डन करू आत ; आवरी सबू भावना के बंदी करी मसीह र गोट मानू बनाय देऊ आत, 6 आवरी तिआर रऊ आत की जड़ दाय तमर आगेया पालन पूरा होयसी, तो सबू परकार र आगेया ना मानू मन के दण्ड देओत | 7 तमी हाई गोट मन के दका, जोन आकी र छमे आचे |अगर कोनी के आपना उपरे ये भोरषा आचे की मय मसीह र आय, तो हांय ये बले जानोत की जसन हाय मसीह र आय असनी ची हामी बले आवं | 8 कसन की अगर मय हांय अधिकार र बारे ने आवरी बले घमण्ड दकायबी, जोन परभु तमर नसायबा काचे नाई मातर बनायबा काचे हामके देला आचे, तो लाज ना होई | 9 ये मय ई काचे बलबी आची की चिटी पतरी मन ने तमके डरायबा बिता ना होई | 10 "कसन हांय मन बलु आत, ""तार पतरी मन तो गंभीर आवरी परभाव शाली आय, मातर जड़ दाय हाय छमे रऊ आय, तो हांय गागर र निरबल आवरी वक्तव्य ने हल्का जान पडू आय |""" 11 जोन असन बलु आय, हांय मन ये समझी रओत की जसन पिटी बाटे पतरी मन ने हामर बचन आचे, असनी ची तमर छमे हामर काम बले होयसी | 12 कसन की हामके ये साहस निआय की हामी खूद के हांय मन ने कोनी मन ने गेनोत नोयले हांय मन ले मन के मिलाओत, जोन आपना बड़ाई खूद करू आत, आवरी खूद के एक दुसर के नापी तोअली करी एक दुसर के मिली करी मुरख होऊ आत | 13 हामी तो सीमा ले बाहरे घमण्ड केबई ना करू, मातर हाई सीमा ले जोन माहा परभु हामर काचे ठयरायला आचेम, आवरी हायती तमी बले आयला आस, आवरी तार अनुसार घमण्ड बले करबू | 14 कसन की हामी आपना र ची सीमा ले बाहरे खूद के बाड़ाय बार ना चाहऊ, जसन की तमर लगले ना पहुच बार हाल ने होयता, मातर मसीह र सुसमाचार सुनायते तमर लगले पहुचलू आचू | 15 हामी सिमा ले बाहरे दुसर र मयनत ने घमण्ड ना करू ; मातर हामके आशा आचे की जेने जेने तोमर विश्वास बाड़ते जायसी हाने हाने हामी आपनार सिमा र अनुसार तमर लागी आवरी बले बाड़ते जिबाय, 16 की हामी तमर सिमा ले छमे जाई करी सुसमाचार सुनायबू, आवरी ये नाई की हामी दुसरा र सिमा र भीतरे बनी बनाय रला काम मन ने घमण्ड करू 17 मातर जोन घमण्ड करबाय, हाय मन परभु उपरे घमण्ड करोत | 18 कसन की जोन आपनार बड़ाई करू आय हांय नाई, मातर जाहार बड़ाई परभु करू आय, हाई गरहन करा जाऊ आय |