घरगोंसाईन अऊ घरगोंसिया मन बर उपदेस
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1 ए घरगोंसाईन मन, तुहूं मन अपन घरगोंसिया मन कर अधीन में रहा। 2 तेमेकि कहों ओमन में कोनो परमेसवर कर बचन कर ऊपर बिसवास नई करें, तबोले ओमन अपन घरगोंसाईन कर सूध अऊ बढ़िहां चाल-सहूर ला देख के, बिगर कोनो गोएठ बात कर अपन-अपन घरगोंसाईन कर बेवहार ले जीत लेहे जाए सकत हें। 3 तुमन कर सिंगार हर बाहरी देखवटी कस झईन होए; जेकस कि चूंदी ला बेनी गंथाई अऊ सोना कर गहना अऊ आने-आने किसीम कर ओढ़ना पहिराई, 4 बलकि तुमन कर मन हर, नरम अऊ सांत सुभाव ले सफरे रहे। एकस सफरल हर कभों नई उधसही अऊ एकस बात मन परमेसवर कर नजेर में ढेरेच किमती होथें। 5 एही कस पहिले जुग कर पबितर सवांगीन मन, जेमन परमेसवर कर ऊपरे अपन आसा रखत रहीन, ओमन अपन घरगोंसिया कर अधीन में रहीके के अपन आप ला सुघर सफरात रहीन। 6 जेकस कि सारा हर, अबराहम कर बात मानत रहीस, अऊ ओके अपन मालिक कहत रहीस। ओहीकस तुंहूच मन अगर बिगर डराए भलाई करथा, त तुमन ओकर बेटी ठहरिहा।7 ओही कस ए घरगोंसिया मन, अपन-अपन घरगोंसाईन ठन समझदारी कर संगे रहा, काबरकि ओमन कमजोर संगी हवें। अऊ अपन संगे ओमन के जिनगी कर बरदान कर बारीस जाएन के ओकर आदर करा, ताकि तुमन कर पराथना में कोनो रुकावट झईन आए।
भलाई करे ले दुख आथे
8 तेकर ले, तुमन जमों झन एक मन होए के रहा, दूसर झन बर दयालु बना, एक दुसर के अपन भाई-बहिन जाएन के मया करा, किरपालू अऊ नरम सुभाव कर बना। 9 बुराई कर बदला में बुराई झईन करा आखिर बेजती कर बदले बेजती झईन करा, बकिन ओकर बदले में आसीस देआ, काबरकि तुमन एकरे बर बलाए गए हवा, त तुमन के आसीस मिलही।
10 काबरकि, “जे कोनो हर जिनगी ले मया करे बर चाहथे अऊ सुघर दिन देखे कर ईछा करथे,
ओकर बर जरूरी हवे कि ओहर अपन जीभ ला बुराई ले अऊ अपन होंठ ला छल-कपट कर गोएठ ले दुरिहां राखे।
11 ए जरूरी हवे कि ओहर बुराई ला छोंड़ के, भलाई करे
अऊ एहू जरूरी हवे कि ओहर सांती कर खोज करे अऊ ओकर पाछू में लगे रहे।
12 काबरकि परभू कर नजेर, धरमी मन कर ऊपरे लगल रहथे
अऊ ओकर कान हर ओमन कर पराथना ला सुने बर लगे रथे,
बकिन परभू कर मुंह हर बुराई करोईया मन कर बिरोध में रथे।”
13 अगर तुमन भलाई करे बर ऊतसूक रईहा, त तुमन के नुकसान कोन पहुचाए सकत हे? 14 बकिन कहों तुमन बढ़ियां काम करे कर चलते दूख उठाथा, त आसीस पईहा। एकर ले मईनसे मन कर डरुवाए ले झईन डरावा अऊ झईन घबरावा। 15 बकिन मसीह ला परभू जाएन के अपन-अपन मन में आदर देआ। कहों कोनो तुमन ठे तुमन कर बिसवास कर बारे में काहीं पूछही, त ओके जबाब देहे बर हमेसा तियार रईहा, बकिन नरम सुभाव अऊ मरजाद कर संगे अईसना करीहा। 16 अऊ अपन सोंच ला सुध राखिहा, ताकी मसीह में तुमन कर बढ़िहां चाल-चलन कर बिरोध में, जेमन खराप गोएठ गोठियाथें, ओमन लजाए जाएं। 17 काबरकि कहों परमेसवर कर एही ईछा हवे, कि तुमन भलाई करे कर चलते दुख भोगा, त एहर बुराई करे कर चलते दुख भोगे ले बढ़ियां हवे। 18 मसीहो हर हमर पाप बरीक मरीस, मानेकि जेहर निरदोस रहिस, ओहर हमर सबेच झन कर सेंथी एकेच दाएर मरीस, कि ओहर तुमन ला परमेसवर कर लिघे लाने। ओहर देंह में तो मारल गईस, बकिन आतमा कर दुवारा जियाल गईस। 19 त आतमिक दसा में ओहर जाएके कएदी आतमा मन ठे परचार करिस। 20 एमन तो ओ जुग कर हुकूम नई मनोईया आतमा मन रहींन। जब नूह जहाज बनात रहीस, तब मईनसे मन ला मन फिराए बर परमेसवर धीरज धएर के अगूरत रहीस। ओ जहाज में सिरीप तनीक मईनसे मन मनेकि सब मिलाए के आठ झेमन पानी ले बांचीन। 21 अऊ एहर बतीसमा कर चिनहा लागे, जेहर अब तुंहूच मन ला बचाथे। एहर देंह कर मईल धोवाई ना लागे, बकिन एहर सूध बिवेक में अपन आप ला परमेसवर बरीक जीए कर एगोट वायदा कराई लागे। ईसू मसीह कर फेर जी ऊठे कर चलते ए बतिसमा हर तुमन के बचाथे। 22 एही ईसू मसीह हर सरग में जाए के, परमेसवर कर जवनी कती बईठीस हवे अऊ सबेच सरगदूत अऊ अधिकारी मन अऊ सामरथी मन ओकर अधीन में करल गईन हवें।