2
1 एकरे ले सबेच मधे कर बएर, छल-कपट, ढ़ोंग अऊ जलन अऊ बदनामी ले अपन आप ला दुरिहां रखा, 2 नांवा जनमल लईका मन नियर सूध, आतमिक दूध कर लालसा करा, तेमेकि ओकर चलते अपन उदधार में बएढ़ सका। 3 अब तुमन, ए जाएन गए हवा कि परभू हर बढ़ियां हवे।जीयत पखना अऊ परमेसवर कर चुनल मईनसे मन
4 जब तुमन ओकर लिघे आथा, जेहर जीयत पखना लागे, जेला मईनसे मन बेकार समेझ लेहीन, बकिन ओहर परमेसवर कर नजेर में चूनल अऊ किमती हवे। 5 त तुंहूच मन जीयत पखना मन नियर एक ठन, आतमिक घर बनत जात हवा। तूमन पबितर आजक बएन के अईसन आतमिक बलिदान चघावा, जेहर ईसू मसीह कर मदेत ले परमेसवर ला फुरमा करे लाईक होए। 6 काबरकि पबितर किताब में एकस लिखल हवे,
“सूना, मंए सियोन में एगोट पखना राखत हवों,
ओहर चुनल अऊ किमती कोनहा कर मुख पखना हवे
अऊ जेहर ओकर ऊपरे बिसवास करथे
ओके कभों लजाए बर नई परही।”
7 अब तुमन बर जेमन बिसवास करथा, ए पखना हर कीमती हवे। बकिन जेमन बिसवास नई करें, ओमन बर “जे पखना ला राएज मीसतिरी मन बेकार समझ लेहीन, ओहीच हर कोनहा कर मुख पखना होए गईस।” 8 “ए पखना हर मईनसे मन कर अफठे कर अऊ ठोकर खाए कर चटाएन होही।” ओमन ठोकर खाथें, काबरकि ओमन परमेसवर कर बचन ला नई मानीन, जेकर बर ओमन ठहराल गए रहीन।
9 बकिन तुमन एक चूनल बंस, राएज-पदधारी आजक मन कर समाज, पबितर जाति अऊ परमेसवर कर खूद कर मईनसे लागा। एकर ले तुमन ओकर भलाई काम कर परचार करा, जेहर तुमन के अंधार में ले अपन अगजुत इंजोर में बलाईस हवे। 10 आगु तो तुमन परमेसवर कर अपन मईनसे नई रहा, बकिन अब तुमन परमेसवर अपन मईनसे लागा, एक समय रहीस जब तुमन परमेसवर कर दया ला नई पाए रहा, बकिन अब तुमन ओकर दया ला पाए गए हवा।
परमेसवर बरीक जीया
11 ए दुलरुवा संगता मन, मंए तुमन जग बिनती करत हों, कि तुमन अपन-आप ला ए संसार में परदेसी अऊ अनगंईहा जाएन के अपन देंह पापी ईछा ले बंचाए के रखा, जेहर तुमन कर आतमा कर बिरोध में लड़थे। 12 जेमन परमेसवर ला नई जानें ओमन कर मंझार में तुमन कर चाल-सहूर ठीक रहे, तेमेकि जे-जे बात में ओमन तुमन ऊपरे गलत काम करे कर दोस लगाथें, त ओ दिन जब परमेसवर हर तूमन कर लिघे आही, त ओमन हमर बढ़िहां काम मन ला देख सकें अऊ परमेसवर कर महिमा करें।
सासन करोईया मन कर अधीन में रहा
13 मईनसे मन कर मंझार में ठहरावल, सबेच अधिकारी मन कर अधीन में अपन-आप के परभू बरिक राखा, अऊ राजा कर अधीन में रहा, जेहर सब कर अधिकारी हवे, 14 चाहे राएजपाल कर अधीन में रहा, काबरकि ओमन गलत काम करोईया मन ला दंड देहे बर अऊ सुघर काम करईया मन कर बड़ाई करे बर राजा कर दुवारा ठहराल रथें। 15 काबरकि एहर परमेसवर कर ईछा लागे कि, भलाई कर बूता करे कर दुवारा तुमन बोया मईनसे मन कर बेकार गोएठ मन ला चुप कराए देआ। 16 अजाद मईनसे कस रहा, बकिन अपन अजादी कर आड़ में बुराई झईन करा, बलकि अपन आप ला परमेसवर कर दास समेझ के चला। 17 सबेच झन कर आदर करा, बिसवासी भाई मन ला मया करा, परमेसवर कर भय माना अऊ राजा कर आदर करा।
18 ए गुलाम मन, पूरा माएन-मरजाद कर संगे अपन मालीक कर अधीन में रहा, सिरिप बढ़ियां अऊ समझदार मालीक कर अधीन में नहीं बकिन कठोर मालीक कर भी अधीन में रहा। 19 काबरकि अगर कोनो हर परमेसवर बरीक, सही सोंच बिचार कर चलते अनियाए ले दूख सहथे, त एहर बडाई कर बात हवे। 20 काबरकि कहों तुमन, गलत काम करे कर चलते मार खाथा अऊ सहथा, त तुमन बर एहर कोनो बड़ाई कर बात ना हवे? बकिन कहों तुमन भलाई करे कर चलते धीरज ले दुख सहथा, त एहर परमेसवर कर आगु में बड़ाई कर बात हवे। 21 परमेसवर हर तुमन के एकरे बर बलाए रहीस, काबरकि मसीह हर तुमन बरिक दूख भोगीस अऊ तुमन बर एक नमूना राखिस हवे, कि तुमन ओकर अनुसार चला।
22 “ओहर कोनो पाप नई करीस
अऊ ओकर मूंह ले कोनो छल कर बात नई नीकलीस।”
23 ईसू हर गाली सून के कोनो के गाली नई देहत रहीस अऊ दूख ऊठाए के कोनोच के धमकी नई देहत रहीस, बकिन अपन-आप ला सचा नियाव करोईया परमेसवर कर हांथ में सोंपत रहीस। 24 ओहर खूद हमर पाप मन ला अपन देहे में लेके कुरूस ऊपरे चईढ़ गईस, ताकी हमरे पाप मन बर मएर जाई अऊ परमेसवर कर नजर में सही काम बरीक जिनगी बिताई। ओकर मार खाए कर चलते तुमन चंगा होए हवा। 25 काबरकि तुमन आगु भुलावल भेड़ मन कस रहा, बकिन अब तुमन ईसू जेहर चरवाह अऊ तूमन कर आतमा कर रखवार लागे ओकर ठांवे फिर के आए हवा।