इंजोर कर लईका बना
5
1 तुमन परमेसवर कर दुलरुवा लईका मन हवा, एकरले परमेसवर कर सुभाव नियर होए बर कोसिस करा। 2 जईसने मसीह हर हमन जग मया करीस अऊ हमन बर अपन जीव ला देहीस अऊ मह-महावत बली बएन के परमेसवर कर आगु में भेंट चघाए देहीस, वईसने मया कर संगे जिनगी जीया।
3 तुमन कर मझारे बेभिचार, अऊ कोनो मधे कर असाएध काम अऊ लोभ-लालच झईन होए। अईसना काम हर पबितर मईनसे मन ला नई फबे 4 तुमन में घिनक सोंच कर बात झईन होए, बोया कर बात अऊ घिनक हसी ठठा कर बात झईन होए। अईसन बात हर तुमन के नई फबे, बलकी तुमन कर मूंह ले परमेसवर बर धनबाद होवत रहे। 5 काबरकि तुमन जानथा कि कोनो बेभिचारी आखिर असाएध मईनसे, आखिर लोभीया मईनसे जेहर मूरती पूजा करोईया कर बरोबर हवे, ओमन बर मसीह अऊ परमेसवर कर राएज में हक नईए।
6 कोनो हर तुमन के बेकार कर बात कएर के झईन ठएग दारे, काबरकि एही काम-बूता कर चलते परमेसवर कर डंड हर अगींया नई मनोईया मन कर ऊपर भमेक जाथे। 7 तेकर ले ओमन कर संगे कोनो नाता झईन रखा। 8 काबरकि तुमन तो आगु अंधार में भरे रहा, बकिन अब तो परभू कर इंजोर लागा। तेकर ले परमेसवर कती ले इंजोर कर लईका मन कस जिनगी बितावा। 9 काबरकि जे इंजोर तुमन कर भितरी हवे ओमे ले भलाई, सत अऊ जे जाएत हर परमेसवर ला फबथे ओ सब हर जामथे। 10 एहू ला तजबीजत रईहा कि परभू ला का हर सूहाथे? 11 अंधार कर अबिरथा काम-बूता में मेरवा झईन होवा, बलकी अईसन काम मन कर खराबि ला परगट करा। 12 काबरकि जे काम ला ओमन लूकाए के करथे ओकर बारे में गोठियायो ले लाज कर बात हवे। 13 बकिन जब इंजोर आथे त ओकर सब घिनक काम-बूता हर परगट होए जाथे, 14 काबरकि इंजोर हर सब जाएत ला देखे लाईक बनाथे। तेकरे ले भजन संहिता कर किताब में एकस लिखल हवे कि
ए सूतईया, जाएग जा
अऊ मरल में ले जी उठ,
त मसीह कर इंजोर हर तोर ऊपर जगमगाही।
15 तेकर ले सवाचेती होए के देखत रहा कि, तुमन कईसना जिनगी जियत हवा गंवार मन कस झईन चला, बलकी बूईधमान मन कस चला। 16 जे मोका मिलीस हवे ओला पूरा-पूरा काम में लानिहा, काबरकि ए जबाना हर ढेरेच घिनक हवे। 17 तेकर ले बिगर बुधी कर झईन रईहा बलकी धियान लगाए के खोझिहा कि परभू कर तुमन बर का ईछा हवे। 18 मंद पीके मतवार झईन बने रहा, काबरकि अईसन करे ले लूचा-लफंगई होवत रथे। बलकी पबितर आतमा में भरपूर होए जावा। 19 अऊ जब तुमन जूटिहा त परभू बरीक भजन, इसतुती गीत अऊ आतमा में भएर के गीत ला गावत रईहा अऊ अपन-अपन मन में ओकर इसतुती करत रईहा। 20 अऊ सबेच घनी सबेच बात बर हमर परभू ईसू मसीह कर नांव ले परमेसवर दाऊ कर धनबाद करत रहा।
घरगोंसाईन अऊ घरगोंसिया मन बर उपदेस
21 मसीह ला मरजाद करे कर चलते एक-दूसर कर अधीन रईहा। 22 ए घरगोंसाईन मन, जईसने तुमन परभू कर अधीन में रथा ओइसने अपन-अपन घरगोंसिया कर अधीन में रईहा। 23 काबरकि घरगोंसिया हर, घरगोंसाईन कर मूड़ी लागे, जईसने कि मसीह हर कलिसीया कर मूड़ी लागे। अऊ कलिसीया हर ओकर देंह अऊ ओहर खुद कलिसीया कर उदधार करोईया लागे। 24 जईसने कलिसीया हर मसीह कर अधीन में रथे, ओइसने घरगोंसाईन मन सबेच बात में अपन-अपन घरगोंसिया कर अधीन में रहें।
25 ए घरगोंसिया मन, अपन-अपन घरगोंसाईन जग ढेरेच मया करीहा, जईसना कि मसीह हर कलिसीया ला मया करीस अऊ अपन आप ला ओकर बर दे देहीस। 26 ओहर अईसना एकरले करीस कि अपन कलिसीया ला बचन कर जरिये पानी ले फरियाए के पबितर बनाए। 27 तेमेकी ओला एगोट जगमगावत कलिसीया बनाए के अपन बर पेस करे, अऊ ओमे दाग झईन रहे अऊ ओहर झुरावल झईन रहे अऊ कोनो दूसर दोस ओमे झईन रहे बलकी पबितर अऊ निरदोस रहे। 28 एही नियर घरगोंसिया मन ला अपन-अपन घरगोंसाईन जग अपन देंह कर बरोबर मया करे बर चाही। जेमन अपन घरगोंसाईन जग मया करथे, ओहर अपन आप ले मया करथे। 29 कोनो हर कभों अपन देंह कर संगे बएर नई करे, बलकी ओकर पालन-पोसन करथे जेकस मसीह हर कलिसीया बर करथे। 30 काबरकि हमरे ओकर देंह कर अंग मन लागी। 31 पबितर किताब में लिखल हवे कि “एकरे कारन मईनसे हर अपन दाई-दाऊ ला छोंएड़ के अपन घरगोंसाईन जग मेराए जाहीं। अऊ ओमन दुनों झे एकेच देंह कस होए जाहीं।” 32 एकर भीतरी ढेरेच बात हर लूकाईस हवे। बकिन मंए एला मसीह अऊ कलिसीया कर बारे में कहथों। 33 तुमन में ले सबेच कोनो हर अपन घरगोंसाईन जग अपने कस मया करे अऊ घरगोंसाईन ला अपन घरगोंसिया कर माएन मरजाद करे बर चाही।