ईसू कर खास चेला मन कर काम कर बखान
चिनहारी
1
1 ए थियुफिलूस,
मंए अपन पहिलो किताब में ओ सबेच बात मन ला लिखे हों,
जेला ईसू अपन सेवकाई कर सुरू ले अऊ सरग में ऊठाए लेहे जाए तक करत रहीस अऊ सीखात रहीस।
2 ओहर सरग में ऊठाए लेहे जाए कर आगु अपन चुनल खास चेला मन ला,
पबितर आतमा कर जरिये अगींया देहे रहीस।
3 ईसू हर दुख उठाए कर पाछू,
ढेरेच अकन पका सबूत ले,
ए खास चेला मन जग अपने-आप ला परगट करीस कि ओ जीयत हे,
अऊ चालीस दिन तक ओमन के देखार देहत रहीस,
अऊ परमेसवर कर राएज कर बारे में बात करत रहीस।
4 फेर एक दिन जब ओहर,
अपन चेला मन कर संगे खात रहीस त,
ओमन ला अगींया देहीस,
कि एरुसलेम ला झईन छोंड़ीहा,
बकिन मोर दाऊ कर बात-जबान ला पूरा होए बर अगुरत रईहा,
जेला तुमन मोर जग ले सुने हवा।
5 काबरकि एहूना हर तो पानी ले बतीसमा देहीस हे,
बकिन थोरहें दिन कर पाछू,
तुमन पबितर आतमा ले बतीसमा पईहा।
ईसू हर सरग में ऊठावल जाथे
6 जे घनी ओमन ईसू कर संगे जूटे रहीन तब ओकर जग पूछीन,
“ए परभू,
का तंए एही जुआर इसराईल के ओकर राएज ला फिराबे”
7 तेकर ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस,
“राएज फिराए कर आखिर ओ घरी ला जाने कर काम तुमन कर ना लागे,
जेला दाऊ हर अपन अधिकार में ठहराईस हवे।
8 बकिन जब पबितर आतमा हर तुमन उपर आही त,
तुमन सामरथ पईहा,
अऊ एरुसलेम,
अऊ सब एहूदिया,
अऊ सामरीया,
अऊ धरती कर ठुठूंग तक मोर गवाह होईहा।”
9 एला कहिके ओमन कर देखत-देखत ईसू ला सरग में उपरे उठाए लेहल गईस,
अऊ बदरी हर ओके ओमन कर आंएख ले लूकाए लेहीस।
10 ओकर जात घनी ओमन बदरी कती ला एकढीट देखत रहीन,
त ओमन देखीन कि,
दुई झन मईनसे मन उजर ओढ़ना पहिरल ओमन कर लिघे ठड़होईन हवें,
11 अऊ ओमन जग कहे लागीन,
“ए गलील कर सवांग मन तुमन काबर ठड़होए के सरग कती ला देखत हा?
एही ईसू,
जेहर तुमन कर आगु ले सरग में उठाए लेहल गईस हे,
जेकस तुमन ओके सरग में जात देखत हा,
ओही कस ओहर फेर आही।”
मतीयाह ला एहूदा इसकरोती कर जघा में चूनथें
12 तब खास चेला मन जएतून नांव कर पहार ले एरुसलेम सहर में फिरीन। ए जएतून पहार हर एरुसलेम सहर ले करीबन एक कोस दुरीहां में रहीस,।
13 ओमन में पतरस,
एहूना,
आकूब,
अन्‌दरीयास,
फिलीपुस,
थोमा,
बरतुलमे,
मती,
हलफई कर बेटा आकूब,
समोन जेलोतेस अऊ आकूब कर बेटा एहूदा रहीस। ओमन सहर ले आए कर पाछू छत कर ऊपरे बईंगरा में गईन जिहां रहत रहीन।
14 एमन कर संगे तनीक सवांगीन मन,
अऊ ईसू कर दाई मरियम,
अऊ ओकर भाई मन रहीन अऊ एमन सब कोनो एक मन होए के पराथना में लगे रहत रहीन।
15 एक दिन करीबन छवो कोरी बिसवासी मन जूटे रहीन त पतरस हर ओमन कर मंझारे ठड़होए के कहे लागीस,
16 “ए भाई-बहिन मन,
ईसू कर धरोईया मन कर अगुवा,
एहूदा कर बारे में,
पबितर किताब कर ओ लिखल बचन हर,
पूरा होए बर जरूरी रहीस। ओ बचन ला पबितर आतमा हर दाऊद राजा कर मूंह ले,
ढेरेच आगु ले कहे रहीस।
17 एहूदा हर तो हमर संग में गनल गए रहीस,
अऊ ए सेवा कर काम में हमर सझीयारा रहीस।
18 ओहर,
पाप कर कमाई ले एगोट खेत बेसाईस,
अऊ मूड़ कर बल गिरीस,
अऊ ओकर पेट हर फाएट गईस,
अऊ ओकर पोटा भेर हर निकेल गईस।
19 ए बात ला एरुसलेम कर सब रहोईया मन जाएन गईन,
एकर ले ओमन ओ खेत कर नांव अपन भांसा में हकलदमा राखीन ओकर मतलब हवे लहू कर खेत।
20 काबरकि भजन संहीता में लिखल हवे,
ओकर घर हर उजेड़ जाही,
अऊ ओमे रहे बर कोनो नई बांचहीं,
अऊ ओकर पद ला दूसर झन ले लेहीं।
21 एकर ले एहूदा इसकरोती कर पलटा में,
हमन के अब एक झेला चुने बर परही,
एहूना हर मईनसे मन ला बतीसमा देहे बर सुरू करीस ते घनी ले लेके,
परभू ईसू ला हमर जग ले सरग में उठाल जाए तक,
जेमन हमर संगे सगर दिन रहीन ओमे ले एक झन ला चुने बर परही
22 काबरकि ओ मईनसे हर हमर संगे ओकर जी उठे कर गवाह होए जाए।”
23 तब ओमन दुई झन के ठड़हुवाईन,
एक झन ईसुफ जेके बरसबा कथें,
अऊ ओहर उसतूस नांव ले जानल जाथे,
अऊ दूसर कर नांव मतीयाह रहीस,
24 तेकर ओमन पराथना करीन,
“ए परभू,
तंए सब झन कर मन ला जानथस,
अऊ हमके ला ए देखाए दे कि तंए दुनो झन में ले काके चुने हस,
25 कि ओहर खास चेला मन कर सेवकाई कर पद ला ले ले,
जेला एहूदा हर छोंएड़ के अपन जघा में चएल देहीस।”
26 त ओमन चिठी डालीन,
अऊ चिठी हर मतीयाह कर नांव में निकलीस,
तेकर ले ओहर ओ गियारह खास चेला मन कर झूंड में मेराए गईस।