सवांगीन जेमन ईसू कर चेला रहीन
8
1 ए सब जाएत होए कर पाछू,
ईसू हर नगर-नगर अऊ गांव-गांव में परचार करत,
अऊ परमेसवर कर राएज कर,
सुघर-खभेर ला सुनात फिरे लागीस,
अऊ बारहों खास चेला मन ओकर संगे रहीन,
2 अऊ तनीक सवांघीनो मन रहीन,
जेमन दुसटआतमा मन ले,
अऊ बेमारी ले छोंड़ाल गए रहीन,
जेमे मरियम मगदलीनी नांव कर सवांगीन रहीस,
जेकर ऊपर ले,
ईसू हर सात गोट दुसटआतमा ला निकाले रहीस,
3 अऊ हेरोदेस राजा कर मुंसी खोजा कर परानी ओना,
अऊ सूसना,
अऊ ढेरेच झन आने सवांगीनो मन रहीन,
जेमन अपन धन ले,
ईसू अऊ ओकर चेला मन कर सेवा-जतन करत रहीन।
बिहन बुनोईया कर अहना
4 एक दिन एगोट बड़खा भीड़ जूटत रहीस,
अऊ आने-आने गांव ले,
मईनसे मन ईसू जग आवत रहीन,
त ईसू हर एगोट अहना सुनाए के सिखाईस,
5 “एगोट किसान हर,
बिहन बुने बर निकलीस,
अऊ बुनत घनी चटिक बिहन हर,
डगर कर धरी में गिरीस,
अऊ गोड़ में दरमेसाए गईस,
अऊ चराई मन ओला खाए देहीन।
6 अऊ चटिक बिहन हर पखनोरीया भुईंया में गिरीस,
अऊ जामीस,
त हाल नई पाईस तेकर चलते झुराए गईस।
7 अऊ चटिक बिहन हर,
भूंदरा कर मझारे गिरीस,
अऊ भूंदरा हर संगे-संगे बाड़हीस,
अऊ बिहन कर गांछी ला ठेल देहीस।
8 अऊ चटिक बिहन हर,
बढ़िहां भुईंया में गिरीस,
अऊ जाएम के सवो गुना फर लानीस।” ए अहना ला कहे कर पाछू ईसू हर कीरलाए के कहीस,
“जेमन सुने बर तियार हवें ओमन सुईन लें अऊ समझ लें।”
अहना कर मतलब
9 ओकर चेला मन ओकर जग पूछीन,
“कि ए अहना कर का मतलब हे?”
10 ईसू हर जबाब देहीस,
“तुमन ला परमेसवर कर राएज कर गुपत बात ला समझे कर बूधी देहल गईसे। बकिन ओ बात मन ला बाहरी कर लोग मन जग ले गुपत राखे बर मंए अहना में कथों,
तेमे कि परमेसवर कर किताब में जे जाएत हर लिखल हे,
ओहर पूरा होए। ओमन देखथें बकिन सहीच में नई देख पावें,
ओमन सुनथें बकिन समझ नई पावें।”
11 “ए अहना कर मतलब एकस हवे,
कि बिहन परमेसवर कर बचन लागे।
12 डगर कर धरी में गिरल बिहन ओमन ला देखाथे,
जेमन बचन ला तो सुनथें,
बकिन सएतान हर आए के,
ओमन कर मन ले बचन ला उठाए के ले जाथे,
तेमे कि ओमन बिसवास झईन करें,
अऊ उदधार झईन पाएं।
13 अऊ पखनोरीया भुईं में गिरल बिहन ओमन ला देखाथे,
जेमन परमेसवर कर बचन ला सुनथें,
अऊ ओकर बचन ला सुईन के खुसी ले माएन लेथें,
बकिन जएर नई धरे कर चलते,
बिसवास में तनीक घनी बर रथें,
अऊ परीछा कर जुआर में गिर जाथें।
14 भूंदरा में गिरल बिहन ओमन ला देखाथे,
जेमन परमेसवर कर बचन ला तो सुनथें,
बकिन आगु जाए के चिंता,
धन,
अऊ जिनगी कर सुख बिलास में फंएस जाथें,
अऊ फर फरे कर जुआर तक बाएढ़ नई पावें।
15 बकिन बढ़िहां भुईं कर गिरल बिहन ओमन ला देखाथे,
जेमन सचा अऊ सुघर मन ले परमेसवर कर बचन ला सुनथें,
अऊ जोगाए के राखथें,
अऊ कयास कएर के बढ़िहां फर लानथें।”
ढेबरी कर अहना
16 “कोनो हर ढेबरी ला बाएर के भांड़ा में नई ढांपे,
अऊ ओला खाटी कर तरी नई मढ़ाए,
बकिन ओला अवंठा में मढ़ाथे,
कि भीतरी अवईया मन ला इंजोर दिखे।
17 सब जाएत,
जेहर छुपाईस हे,
ओहर सफा-सफा दिखही,
अऊ सब लूकावल बात हर परगट होए जाही।
18 एकरले जे जाएत तुमन सुनथा,
ओमे बढ़िहां ले धियान देआ। जेमन मोर सिकछा ला अपनाए बर तियार हे ओमन ला बगरा गियान देहल जाही। बकिन जेमन सुने बर नई करें,
ओमन जग ले ओहू ला ले लेहल जाही जेला ओमन सोंचथें कि पाए गए हवन।”
ईसू कर सहीच कर परिवार
19 एक दिन ईसू कर दाई अऊ ओकर भाई,
ओकर जग भेंट करे बर आईन,
बकिन भीड़ कर चलते,
ओकर जग भेंटाए नई सकीन।
20 तेकर एक झन हर ईसू ला बताईस “तोर दाई अऊ तोर भाई मन,
बाहरी ठड़होईन हवें,
अऊ तोर जग भेंटाए बर करथें।”
21 ईसू हर,
ओमन ला कहीस,
“मोर दाई अऊ भाई ओमन लागें,
जेमन परमेसवर कर बचन ला सुनथें,
अऊ ओला मानथें।”
ईसू हर गररा-घांटा ला घुड़काथे
22 एक दिन ईसू अऊ ओकर चेला मन,
डोंगा में चघीन,
अऊ ईसू हर ओमन ला कहीस,
“आवा,
हमन बड़खा दह कर ओ पार चली।” तेकर ओमन जाए लागीन।
23 बकिन जे घनी डोंगा हर चलत रहीस,
ते घनी ईसू हर सूईत भुलाईस,
तेकर बड़खा दह में गररा-घांटा आईस,
अऊ डोंगा में पानी भरे लागीस,
अऊ ओमन खतरा में पईर गए रहीन।
24 चेला मन ठांवें जाए के ईसू ला कीरलाए के जगाईन,
अऊ कहीन,
“मालीक,
ए मालीक,
हमन पानी में बूईड़ जाथन।” तेकर ओहर उईठ के,
गररा-घांटा अऊ पानी कर लहरा ला घुड़काईस,
अऊ घांटा अऊ पानी कर लहरा हर माएढ़ गईस,
अऊ सांत होए गईस।
25 तेकर ईसू हर ओमन ला कहीस,
“तुमन कर बिसवास हर कहां गईस?”
बकिन चेला मन ढेरेच डराए गईन,
अऊ अचमहों होए के एक दूसर झन ठे कहे लागीन,
“एहर कोन लागे,
जेहर गररा-घांटा अऊ पानीयोच ला हुकूम देथे अऊ ओमन ओकर बात मानथें?”
दुसट आतमा धरल मईनसे ला ईसू चंगा करथे
26 फेर ईसू अऊ ओकर चेला मन गिरासेनीयों ईलाका में पहुंचीन,
जेहर ओ बड़खा दह कर ओ पार,
गलील कर आगु में रहीस।
27 जे घनी ईसू दह कर धरी में उतरीस,
त ओ सहर कर एगोट मईनसे हर ओकर जग भेंटाईस,
जेमे दुसटआतमा मन समाए रहीन,
अऊ ढेरेच दिन ले ओहर कपड़ा नई पहिरत रहीस,
अऊ घरे नई रहत रहीस,
बलकी ओहर मरघेटिया में रहत रहीस।
28 ईसू हर,
ओ मईनसे कर भीतरी ले,
दुसटआतमा ला निकले कर अगींया देहीस,
काबरकि ओ दुसट आतमा हर,
कईयो दाएर ओ मईनसे ला धरत रहीस,
अऊ मईनसे मन ओके संकड़ी में बांधत रहीन,
बकिन ओहर,
संकड़ी ला अऊ बेरा ला टोएर देहत रहीस,
अऊ दुसट आतमा हर ओके सुनसान जघा में ले जात रहीस।
29 ओहर ईसू ला देख के,
ओकर आगु में गिरीस अऊ कीरलाए के कहीस,
“ए सबले ऊंच में रहोईया परमेसवर कर बेटा ईसू,
तंए मोर काम में अड़ंगा झईन डाल,
मंए तोर जग बिनती करथों,
कि मोके डंड झईन दे।”
30 ईसू हर ओकर जग पूछीस,
“तोर का नांव लागे?”
ओहर कहीस,
“सेना” काबरकि ओकर ऊपर,
ढेरेच अकन दुसट आतमा मन समाए गए रहीन।
31 तेकर ओमन ईसू जग बिनती करीन अऊ कहीन,
“कि हमन के अथाथाह गड़हा में जाए कर,
अगींया झईन दे।”
32 ओजग पहार कर ऊपरे,
बरहा मन कर खईरखा चरत रहीस,
एकरले दुसटआतमा मन,
ईसू जग बिनती करीन कि,
हमन के ओ बरहा मन कर ऊपरे समाए दे,
तेकर ईसू ओमन के जाए देहीस।
33 तेकर दुसटआतमा मन,
ओ मईनसे ले निकेल के बरहा मन में समाए गईन,
अऊ सब बरहा मन करखा ले कुईद के,
बड़खा दह में जाए गिरीन,
अऊ बूईड़ मरीन।
34 बरहा कर चरोईया मन एला देख के भागीन,
अऊ आस-पास कर सहर में,
अऊ गांव में जाए के ए खभेर ला बताईन।
35 जे जाएत होए रहीस,
ओला देखे बर सहर अऊ गांव कर मईनसे मन,
ईसू जग आईन,
त दुसटआतमा निकलल मईनसे ला,
कपड़ा पहिरल अऊ सही दिमाग पाए के,
ईसू कर गोड़ तरी बईठल देख के,
डराए गईन।
36 त देखोईया मन,
ओ गांव कर मईनसे मन ला बताईन,
कि दुसटआतमा कर सताल मईनसे हर कईसे बढ़िहां होईस।
37 तेकर गिरासेनीयों जिला कर आस-पास कर सबेच मईनसे मन,
ईसू जग बिनती करीन,
कि तंए हमर इहां ले चईल जा,
काबरकि ओ गांव कर मईनसे मन ढेरेच डराए गए रहीन,
तेकर ले ईसू डोंगा में चईड़ के फिर गईस।
38 जे मईनसे कर भीतरी ले,
दुसट आतमा मन निकले रहीन,
ओ मईनसे हर ईसू जग बिनती करे लागीस कि,
“मोके अपन संगे रहे दे।” बकिन ईसू हर ओके बिदा कएर के कहीस,
39 “तंए अपन घरे फिर जा,
अऊ सब मईनसे मन ला बताओ,
कि परमेसवर हर तोर बर केतेक बड़खा-बड़खा काम करीसे।” त ओहर जाए के सबेच गांव,
अऊ सहर में परचार करे लागीस,
कि ईसू हर मोर बर,
केतेक बड़खा-बड़खा काम करीस हे।
बिसवास ला देख के ईसू बढ़िहां करथे
40 जे घनी ईसू हर वापिस फिरत रहीस,
त मईनसे मन ओकर सवागत करीन काबरकि ओमन ईसू ला,
अगुरत रहीन।
41 उहां आईर नांव कर एगोट मईनसे जेहर धरम सभा कर घर कर मुखिया रहीस,
ओहर आए के ईसू कर गोड़े गिर के बिनती करे लागीस,
कि तंए मोर घरे चल,
42 काबरकि ओकर बारह बछर कर एकेच ठन बेटी रहीस,
अऊ ओहर मरोईया रहीस अऊ जे घनी ईसू हर आईर कर घरे जात रहीस,
त बड़खा भीड़ हर ओकर ऊपरे ढोंसाए जात रहीन।
43 ओ भीड़ में एगोट सवांगीन रहीस,
जेके ला बारह बछर ले लहू बहे कर बेमारी रहीस,
जेहर अपन सब धन अऊ संपती ला बईध मन जग जाए के सीरवाए धारे रहीस तबो ले ककरो जग ले चंगाई नई पाए रहीस।
44 ओहर पाछू कती ले आए के,
ईसू कर ओढ़ना कर अंचरा ला छुईस,
अऊ ओहीच घनी ओ सवांगीन कर लहू बहाई,
बंद होए गईस।
45 ओढ़ना कर अंचरा ला छुईसa,
तेही घनी ईसू हर कहीस,
“मोके ला कोन छुईस?”
जे घनी सबेच झेमन कहीन कि हमन नई छुए हन,
त पतरस हर कहीस,
“ए गुरूजी,
तोर ऊपर तो ए बड़खा भीड़ हर ढोंसाए जाथे,
अऊ तोके इंचेट धारत हे। ”
46 बकिन ईसू हर कहीस,
“कोनो हर मोके छुईस हे,
काबरकि मंए जाएन लेहे हों,
कि मोर भीतरी ले चंगाई देहे कर सकती निकलीस हे।”
47 जे घनी ओ सवांगीन हर सोंचीस,
कि अब मंए लूकाए बर नई सकों,
त ओहर कांपत आईस,
अऊ ईसू कर गोड़े गिर के,
सब कर आगु में बताईस,
कि काबर ओहर ईसू ला छुईस,
अऊ कईसे तुरतेंच चंगा होए गईस।
48 तेकर ईसू हर ओके ला कहीस,
“बेटी,
तोर बिसवास हर तोके ठीक करीस हे,
तंए सुघरे सुघर चईल जा।”
49 ओहर ए गोएठ ला कहत रहीस,
ओहीच घनी धरम सभा कर मुखिया,
आईर कर घर ले कोनो हर आईस अऊ कहीस,
“तोर बेटी हर मएर गईस हे,
तंए अब गुरू ला परेसान झईन कर।”
50 बकिन ईसू हर ओ गोएठ ला सुईन के,
आईर ला कहीस,
“तंए झईन डराओ,
सिरीप बिसवास कर,
त तोर बेटी बांएच जाही।”
51 जे घनी ईसू ओकर घरे आईस,
त पतरस,
एहूना,
आकूब,
अऊ ओ नोनी कर दाई-दाऊ कर छोंएड़,
अऊ दूसर झन ला अपन संगे भीतरी आए बर नई देहीस।
52 अऊ सबेच झन,
ओ नोनी बर कलेप-कलेप के रोवत रहीन,
बकिन ईसू हर कहीस,
“झईन रोवा,
काबरकि ओ नई मरीसे बकिन सूतत हवे।”
53 ओमन ईसू कर गोएठ ला सुईन के ओकर मजाक करे लागीन,
काबरकि ओमन जानत रहीन कि नोनी हर मएर गईसे।
54 बकिन ईसू हर ओ नोनी कर हांथ ला धरीस,
अऊ ओके चिकेर के कहीस,
“ए नोनी,
उठ!”
55 तेकर ओकर परान हर फिर आईस,
अऊ झट के उईठ बईठीस। त ईसू हर ओमन ला कहीस,
“नोनी ला कांही खाए बर देआ।”
56 ओकर दाई-दाऊ अकचकाए गईन,
बकिन ईसू हर ओमन ला चेताईस,
कि एजग जे जाएत होईस हे,
ओला ककरो जग झईन बतईहा।