ईसू के मारे बर घात लगाथें
14
1 दुई दिन कर पाछू फसह अऊ बिगर खमीर कर रोटी कर तिहार होए बर रहीस,
ओही घनी मुख आजक अऊ कानहूंन कर सीखोईया मन,
ए मोका कर खोज में रहीन,
कि ओला कईसे छल कएर के धरुवाए के माएर दारी।
2 ओमन कहत रहीन,
“एला तिहार कर दिन नई करी,
कहों अईसना झईन होए,
कि मईनसे मन में भगदेर मचे।”
3 त ओहर बएतनियाह गांव में समोन जेला कुड़गा रोग रहीस ओकर घरे,
खाए बर बईठे रहीस,
ओही जुआर एगोट सवांगीन हर संगमरमर कर चुकीया में जाटामासी कर बड़ा महंगा आंतर तेल ला ले के आईस,
ओहर चुकीया ला फोएर के आंतर तेल ला ईसू कर मूड़ में रीकोए देहीस।
4 बकिन ओजग कर कोनो-कोनो रीसाए के एक दूसर ले कहे लागीन,
“ए आंतर तेल ला बरबाद काबर करा?
5 काबरकि ए आंतर ला साल भेर जेतना मजदूरी में कमाथें ओतना पईसा में बेंच के गरीब मन ला,
बांटल जाए सकत रहीस।” तेकर ओमन ओ सवांगीन ला ढेरे दबकाए लागीन।
6 ईसू हर ओमन जग कहीस “ओके छोंएड़ देआ,
ओके काबर परेसान करथा?
ओहर तो मोर जग भलाई करीस हे?
7 गरीब मन तुमन कर संगे हमेसा रहीं,
अऊ तुमन जब चाईहा,
तब ओमन कर भलाई कएर सकथा,
बकिन मंए तुमन कर संगे हमेसा नई रहूं।
8 जे कुछ ओहर कएर सकीस,
ओहर करीस,
ओहर मोर गाड़ल जाए कर तियारी में,
आगु ले मोर देंह में आंतर तेल ला लगाईस।
9 मंए तुमन ला फूरोंच कहथों,
सब दुनिया में कहों जग मोर सुघर-खभेर कर परचार करल जाही,
ओ जघा में जे जाएत एहर करीसे,
ओकर सुरता में ओकर चरचा करल जाही।”
10 तेकर बारह चेला में ले एक झे एहूदा इसकरोती हर,
ईसू के धरुवाए बर,
मुख आजक मन जग गईस।
11 ओमन एला सुईन के खुस होईन,
अऊ ओके रुपीया देहे बर राजू होए गईन,
त एहूदा हर मोका खोजे लागीस,
कि ईसू ला कईसे धरुवाओं।
फसह तिहार में चेला मन कर संगे ईसू कर बियारी
12 बिगर खमीर कर रोटी कर,
तिहार कर सुरू दिन,
फसह कर भेंड़ी कर छउआ ला बलीदान करत रहीन। ईसू कर चेला मन ओकर जग पूछीन,
“तंए कहां चाहथस कि हमरे जाए के फसह तिहार खाए कर तियारी करी?”
13 ओहर अपन चेला मन ले दुई झन ला ए कहिके भेजीस “सहर में जावा,
अऊ तुमन एगोट हांड़ी में पानी डोहल मईनसे ला भेंटईहा,
ओकर पाछू होए लेईहा
14 अऊ ओहर जे घर में जाही,
ओही घर कर मालीक जग कईहा,
गुरूजी कहीसे,
मोर पहुना मन बर बईंगरा कहां हवे,
जेमे मंए अपन चेला मन कर संगे,
फसह तिहार ला खाहूं?
15 ओहर तुमन ला एगोट सजल-सजाल तियार करल बड़खा बईंगरा ला ऊपर छत में देखाही,
उहां हमर बर तुमन भोज तियार करीहा।”
16 चेला मन निकेल के सहर में आईन,
अऊ जईसने ईसू ओमन जग कहे रहीस,
ओइसने पाईन अऊ ओमन फसह कर भोज तियार करीन।
17 सांझ होईस त ओहर बारहों चेला मन कर संगे आईस।
18 जब ओमन बईठ के खात रहीन,
त ईसू हर कहीस,
“मंए तुमन जग फूरोंच कहथों,
कि तुमन में ले एक झन हर,
जे मोर संगे खात हे मोके ला धरुवाही।”
19 चेला मन उदास होए के एक-एक झन ईसू जग कहे लागीन,
“का ओ मंए लागों?”
20 ईसू हर कहीस,
“तुमन बारह झन में ले एक झन हे,
जेहर मोर संगे मोर छिपा में हांथ डालत हवे।
21 जेकस मईनसे कर बेटा कर बारे में परमेसवर कर किताब में लिखल हे ओही कस ओहर मरबे करही,
बकिन हाए ओ मईनसे कर ऊपर,
जेकर चलते ओहर पकड़वाल जाही,
अगर ओ मईनसे कर जनम नई होए रतीस,
तो ओकर बर बढ़िहां होतीस।”
22 जे घनी ओमन खात रहीन,
ओहर रोटी ला लेहीस,
अऊ आसीस माएंग के टोरीस,
अऊ चेला मन के देहीस,
अऊ कहीस,
“लेआ एहर मोर देंह हवे।”
23 फेर ओहर कटोरा ला ले के धनबाद करीस,
अऊ चेला मन ला देहीस,
अऊ चेला मन ओमे ले पीईन।
24 अऊ ओहर चेला मन जग कहीस,
“एहर मोर करार कर लहू हवे,
जेहर ढेरेच झन बर रिकोवल जाथे।
25 मंए तुमन जग फूरोंच कहथों,
अंगूर कर रस ला ओ दिन तक नई पीहूं,
जब तक परमेसवर कर राएज में ओला नांवा नई पीहूं,।”
26 तेकर ओमन भजन गाए के बाहरी कती जएतून कर पहार में गईन।
ईसू बताथे कि पतरस हर इनकार करही
27 तेकर ईसू हर ओमन जग कहीस,
“तुमन सब कोनो मोके छोंएड़ के भाएग जईहा,
काबरकि लिखल हे,
कि मंए चरवाह ला मारहूं,
अऊ भेंड़ी मन ईते-ऊते होए जाहीं।
28 बकिन मंए जी उठे कर पाछू तुमन ले आगु मंए गलील जिला में जाहूं।”
29 पतरस हर ओकर जग कहीस,
“सब कोनो तोके छोंएड़ के भागहीं त भागहीं,
बकिन मंए तो छोंएड़ के नई भागहूं।”
30 ईसू हर ओकर जग कहीस,
“मंए तोर जग फूरोंच कहथों,
कि आएज कर रातीच मूरगा कर दुई दाएर बासे कर आगु,
तंए मोर तीन दाएर इनकार करबे।”
31 तेकर पतरस हर अऊ जोर देके कहीस,
“अगर मोके तोर संगे मरे बर परही,
तबो ले मंए तोर इनकार कभों नई करहूं।” एहीच कस सबेच झेमन कहीन।
ईसू गतसमनी बगीचा में पराथना करथे
32 फेर ओमन गतसमनी नांव कर बगीचा में गईन,
अऊ ईसू हर अपन चेला मन जग कहीस,
“एजग बईठे रईहा जब तक मंए पराथना करत हों।”
33 त ओहर पतरस,
आकूब,
अऊ एहूना ला अपन संगे ले गईस,
अऊ ढेरेच अकबकाए गईस अऊ उदास होए लागीस,
34 त ओहर ओमन जग कहीस,
“मोर मन हर ढेरेच उदास हवे,
इहां तक कि मंए मरे बर हों,
तुमन इहां रुका,
अऊ जागत रईहा।”
35 तेकर ओहर तनिक आगु में जाए के,
अऊ भुईंया में गिर के पराथना करे लागीस,
कि अगर होए सके तो ए दुख कर घरी ला मोर ऊपर ले हटाए दे,
36 अऊ कहीस,
“ए अबा,
ए दाऊ,
तोर ले तो सब कुछ होए सकथे,
ए दुख कर कटोरा ला मोर जग ले हटाए दे,
तबो ले मंए जईसन चाहथों ओइसना झईन होए बकिन तंए चाहथस ओइसना होए।”
37 फेर ईसू हर फिर के आईस त ओमन ला सूतत पाईस,
अऊ पतरस जग कहीस,
“ए समोन तंए सूतत हस?
का तंए एको घनी जागे बर नई सके?
38 जागत रहा अऊ पराथना करते रहा कि तुमन परीछा में झईन परा,
आतमा तो तियार हे बकिन देंह हर कमजोर हवे।”
39 अऊ ओहर चएल गईस अऊ आगु जेकस पराथना करे रहीस ओही गोएठ ला कहिके फेर पराथना करीस।
40 जब ईसू हर आईस त चेला मन ला सूतत पाईस,
काबरकि ओमन कर आंएख हर नींद में माते रहीस। ओमन नई जानत रहीन कि ओके ला का जबाब देई।
41 ओहर तीसर दाएर आए के ओमन जग कहीस,
“अब तुमन सूतत रहा अऊ बीसोवत रहा,
बस,
ओ घरी हर आए पहुंचीस हे,
सुना मईनसे कर बेटा पापी मन कर हांथ में पकड़वाल जाही।
42 उठा,
चला चली,
देखा,
मोर पकड़ोईया मन लिघे आए पहुंचीन हवें।”
ईसू ला धरुवाईन
43 ओहर एला कहतेच रहीस,
त ओहीच घनी बारहों चेला में ले एक झे एहूदा इसकरोती हर आईस,
ओकर संगे मुख आजक मन,
कानहूंन कर सीखोईया मन,
अऊ अगूवा मन कर भेजल एगोट बड़खा भीड़ हर तलवाएर अऊ लाठी धईर के आईन।
44 ईसू कर धरुवईया हर ओमन ला ए बताए रहीस,
कि जेला मंए चुमहूं,
ओहीच हर रही?
ओला धईर के सवाचेती से ले जईहा।
45 जे घनी एहूदा आईस,
त तुरतेंच ईसू जग जाए के कहीस,
“ए गुरूजी” अऊ ओके चुमहीस।
46 तेकर ओमन ईसू ला धईर के ले गईन।
47 तेकर ईसू कर चेला मन ले एक झन हर,
अपन तलवाएर ला निकालीस,
अऊ महाआजक कर सेवक कर कान ला,
काएट देहीस।
48 ईसू हर ओमन जग कहीस,
“का तुमन मोके डांकू जाएन के पकड़े बर तलवाएर,
अऊ लाठी ले के निकले हा?
49 मंए तो रोज दिन तुमन संगे रहिके,
मंदिर में उपदेस देहत रहें,
अऊ तुमन मोके नई पकड़ा,
बकिन एहर एकर बर होईस,
कि परमेसवर कर किताब कर बचन हर पूरा होए।”
50 तेकर सबेच चेला मन ओके छोंएड़ के भाएग गईन।
51 एगोट जवान हर उघरा देंह में मलमल कर चदर ला ओएढ़ के,
ओकर पाछू होए लेहीस,
जब मईनसे मन ओके ला धरीन।
52 त ओहर चदर ला छोंएड़ के उघरा भाएग गईस।
दोस लगोईया मन कर आगु में ईसू ला लानीन
53 ओमन ईसू के महाआजक जग ले गईन,
त सब मुख आजक मन,
अगूवा मन,
अऊ एहूदी कानहूंन कर सीखोईया मन ओजग जुईट गईन।
54 तब पतरस हर दुरीहां ले,
ओकर पाछू-पाछू महाआजक कर अंगन कर भीतरी ले गईस,
त पहरादार मन कर संगे बईठ के आगी तापे लागीस।
55 मुख आजक मन अऊ सब भीड़ कर मईनसे मन ईसू के माएर दारे बर,
ओकर बिरोध में दोस खोजे लागीन,
बकिन नई पाईन।
56 ढेरेच झे मन ओकर बिरोध में,
झूठा गवाही देहत रहीन,
बकिन ओमन कर गवाही हर मेल नई खाईस।
57 तब तनीक झे मन ठड़होए के ओकर बिरोध में ए झूठा गवाही देहीन।
58 हमन एके एकस कहत सुने हन,
मंए ए हांथ कर बनावल मंदिर ला गिराए देहूं,
अऊ तीन दिन में दूसर बनाए देहूं,
जेहर हांथ कर बनावल नई रही।
59 तबो ले ओमन कर गवाही हर नई भिड़ीस।
60 तेकर महाआजक हर मझार में ठड़होए के,
ईसू जग पूछीस,
“का तंए कोनो जबाब नई देबे?
देख ए मईनसे मन तोर बिरोध में का गवाही देहत हवें?”
61 बकिन ईसू हर कले-कस रहीस,
अऊ काहीं जबाब नई देहीस। महाआजक हर ओके फेर पूछीस,
“का तंए धनय परमेसवर कर बेटा मसीह लागस?”
62 ईसू हर कहीस,
“मंए हों,
अऊ तुमन मईनसे कर बेटा ला,
सबले सकतीसाली कर जवनी कती बईठल अऊ अगास कर बदरी में आवत देखीहा।”
63 तब महाआजक हर अपन ओढ़ना ला चीर के a कहीस,
“अब हमन ला अऊ गवाह मन कर जरूरत नईए?
64 तुमन परमेसवर कर निंदा जेला एहर करत हे ओला तुमन सुने हा,
तुमन कर का बिचार हे?”
ओमन सबेच झे ओके दोस लगाए के कहीन एहर माएर दारे कर लाईक हे।
65 तब कोनो मन तो ओकर उपरे थूंके लागीन,
अऊ कोनो हर ओकर मूंह ला थोपे लागीन,
अऊ ओके मुटका मारीन,
अऊ कहे लागीन,
“अगमबानी कर तोके कोन मारीस” अऊ पहरादार मन ओके धईर के झापड़ मारीन।
पतरस हर ईसू कर इनकार करथे
66 जे घनी पतरस हर खालहे अंगन में रहीस,
त महाआजक कर दासी मन ले एक झे हर ओजग आईस,
67 अऊ पतरस ला आगी तापत देख के,
ओके एक ढींट लगाए के देखीस,
अऊ कहीस,
“तंहूच तो ईसू नासरी कर संगे रहे।”
68 बकिन पतरस हर इनकार करीस अऊ कहीस,
“कि मंए नई जानों अऊ नई समझों कि तंए का कहत हस।” ए कहिके बाहरी दुरा में निकेल गईस अऊ मूरगा हर बाएस देहीस।
69 ओ दासी हर पतरस ला देख के जेमन ओकर लिघे ठड़होए रहीन,
ओमन जग फेर कहे लागीस,
“एहर तो ओमन में ले एक झन लागे।”
70 बकिन ओहर फेर इनकार करीस,
तनिक जुआर ले जेमन ओजग ठड़होए रहीन,
तेमन फेर पतरस जग कहे लागीन,
“जरूर तंए ओमन में ले एक झन हवस,
काबरकि तंए गलील कर लागस।”
71 तेकर पतरस हर अपन आप ला सराप देहे लागीस,
अऊ झूठा किरीया खाए लागीस,
अऊ कहीस,
“मंए ओ मईनसे ला नई जानों जेकर तुमन चरचा करथा।”
72 तेकर तुरतेंच मूरगा हर दूसर दाएर बाएस देहीस,
अऊ पतरस के हालुच ईसू कर कहल गोएठ हर सुरता आईस,
कि “मूरगा कर बासे ले आगु तंए तीन दाएर मोर इनकार करबे।” अऊ पतरस हर ए बात ला सोंएच के दुखी होईस अऊ सिसेक-सिसेक के रोए लागीस।