थेस्सलुनीका शेहरे मेह्णु
जे प्रतिनिधि पौलुसे दोकी चिट्ठि
नमस्कार
1
1 ट्यारे थेस्सलुनीका शेहरे भाई त भेणिओं! में पौलुसे, सिलवानुसे त तिमुथियुसे कनारा तुसी सोबी जे नमस्कार। तुस जे हें परमपिता परमेश्वरे त प्रभु यीशु मसीहे सतसंगे भो,a2 परमपिता परमेश्वरे त प्रभु यीशु मसीहे कृपादृष्टि त सुख शान्ति तुसी मेती रिहे।
आमीन!
धन्यवाद
3 ए भाई त भेणिओं! असी हर वकत तुं लिए परमेश्वरे धन्यवाद करण चहिए, किस कि तुं विश्वास सुसुर बधण लगोरा असा त तुं सम्हाई के अपफ बीची परेम बि सुआ पक्का भुणे लगोरा असा। त असी परमेश्वरे धन्यवाद करण बणता। 4 तोउं त अस अपफ परमेश्वरे सतसंग अन्तर तुं बारे रोभ किढ़ते, किस कि सुआ भुंजाणे पता बि तुसी अपु विश्वास त लाह छड़ ना दिता।
न्याय करणे रोज
5 परमेश्वर इन्हि दुखी कष्टी के बेलि अपु खरी पंची हरालता त तुसी अपु राज्ये लेएक बणता, जेसे लिए तुस दुख बि सीढ़ण लगो असे। 6 तोउं त परमेश्वर तेन्हि बि कष्ट दी कइ न्याय कता, जे तुसी कष्ट देन्ते। 7 ईं तपल भुन्तु जपल प्रभु यीशु आगी टह्नु बुचा अपु ताकतवर स्वर्गेदूती जुए स्वर्ग केआं प्रकट भुन्ता। तिएस असी जुए तुसी बि कष्ट सेहण केआं अराम मेता। 8 होर से तेन्हि मेह्णु सज्जा देन्ता, जे परमेश्वर ना जाणते त हें प्रभु यीशु मसीहे खुश खबरी ना मानते। 9 से प्रभु भेएड़ केआं त तसे ताकते शान केआं दूर भोई घेन्ते त तेन्हि ना मुकुणे बाड़ी सज्जा मेती। 10 ईं तिखेईं भुन्तु जिखेईं से अपु शुचे मेह्णु केआं महिमा त सम्हाई विश्वासी केआं इज्जत पाण जे एन्ता। जेन्हि बुच तुस बि भुन्ते, किस कि तुसी हें उगाही पुठ विश्वास किआ।