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1 यैक बाद पौलुस दिरबे और लुस्त्रा नगर मिं लै पुजीं, जां तिमोथी नामक एक विश्वासी रुंछी। वीक इज एक यहूदी विश्वासी और बौज्यू यूनानी छी। 2 तिमोथियक लुस्त्रा और इकोनियुसाक विश्वासियों मिं भलौ नाम छी। 3 पौलुस चांछी कि यौ लै हमर दगाड़ यात्रा मिं हिटो। उ प्रदेश मिं रुणी यहूदी मैंसोंक कारणल पौलुसल तिमोथियक खतना करवा। a 4 उनुल अलग-अलग नगरों मिं घुमि-घुमिबेर मैंसों तलक उ फैसॉल कैं पुजा जो यरुशलेम मिं खाश शिष्योंल और अधिकारियोंल करि रॉखछी, कि उं मैंस उनुकैं मानो। 5 इसिक वांक विश्वासियोंक भरौस मजबूत और उनेरि गिनती लै लगातार बढ़नै रै।पौलुस मकिदूनिया जां
(प्रेरितों १६:६-१०)
6 पवित्र आत्माल पौलुस, सिलास और तिमोथी कैं ऑशिया प्रदेश मिं परमेश्वरक बातोंक प्रचार करणक लिजी मना करौ। यैक लिजी उं फ्रुगिया और गलातिया प्रदेशक बॉट बे अघिल गेईं। 7 जब उं मुसिया प्रदेशक वड़ मिं पुजीं, तब उनुल बिथुनिया नगर मिं जाणकि कोशिश करी। लेकिन यस करणक लिजी लै पवित्र-आत्माल उनुकैं मना करौ। b 8 यैक लिजी उं मुसिया पार करिबेर त्रोआस नगर मिं आईं। 9 वां पौलुसल रात मिं दर्शन देखौ कि एक मकिदूनियाक रुणी मैंस ठॉड़ हबेर उनुधैं गुजारिश करणौ, कि तुम समुद्र पार मकिदूनिया मिं ऐबेर हमेरि मधत करो!"
10 जस्सै उकैं यौ दर्शन मिलौ, हम वां पुजणकि कोशिश मिं लागि ग्याय। किलैकि हम समझि ग्याछी कि परमेश्वर हमुकैं वांक मैंसोंक बीच मिं भेजणक लिजी बुलूणईं। c
फिलिप्पी मिं
(प्रेरितों १६:११-१५)
11 हमुल त्रोआस बे समुद्रक आपण सफर शुरु करौ। पैल दिन हम पाणिक जहाजल सिद्द समुत्राके और तब वांबे नेआपुलिसक बॉट फिलिप्पी गोयूं। 12 फिलिप्पी मकिदुनियांक खाश नगर और रोमियोंक बस्ती छु। हम थ्वाड़ दिन वां रयूं। 13 अरामक दिन हम यौ सोचिबेर नगरक भ्यार आयूं कि यां कैं गाड़क किनॉर मिं यहूदी मैंस प्रार्थनाक लिजी जॉम हैरा ह्वाल। और वां जैबेर हम थ्वाड़ स्यैणियोंक दगाड़ बात-चीत करण लागि गयूं। 14 उं स्यैणियों मिंबे एकक नाम लुदिया छी, उ थुआतीरा नगरकि रुणी और महैंग बैगनी लुकुड़ोंक धंध करछी। उ यहूदी नि हुण पर लै परमेश्वरक अराधना करछी। उ हमेरि बात सुणणैछी और परमेश्वरल उकैं पौलुसकि बात समझणक लिजी वीक मन तैय्यार करौ। 15 उ यीशु मिं भरौस करण लागी, फिर उ और वीक परिवारल पाणिक-बपतिस्मा ली ले। यैक बाद वील हमुधैं बिनती करी कि अगर तुम मिकैं सांचि मिं प्रभु यीशु मिं भरौस करणी मानछा तब म्यर घर हिटो। इसिक उ हमुकैं मनैबेर आपण घर ली गे।
पौलुस और सिलास जेल मिं
(प्रेरितों १६:१६-४०)
16 एक दिन जब हम फिर उ प्रार्थनाक जॉग जाणाछी, तब बॉट मिं हमेरि भेट एक जवान दासीक दगाड़ है। उ एक भूतक जरियल भविष्यबाणी करछी, जैल उ आपण मालिकक लिजी भौत डबल कमूंछी। 17 यौ पौलुस और हमर पछिल-पछिल बे जोर-जोरल कूण लागी, "यौं सबों है ठुल परमेश्वरॉक सेवक छन, जो तुमुकैं मुक्तिक बॉट बतूणक लिजी ऐ रईं!" 18 उ भौत दिनों बे यस्सै करणैछी। आखिर मिं पौलुसल तंग हबेर पछिल मुड़िबेर उधैं कौ, "मी यीशु मसीक नामल तुकैं हुकुम दिंनू, तु यौ चेलि मिंबे भ्यार निकल!" और भूत उ बखतै उमिंबे भ्यार निकलि गोय।
19 जब उ चेलिक मालिकोंल देखौ कि यैबे हमेरि कमाइक जरिया खतम है गो, तब उं पौलुस और सिलास कैं पकड़िबेर न्याय करणी सैपोंक सामण खींचबेर ली गेईं। 20 और उनुधैं यस कौ, "यौं यहूदी मैंस छन, और हमर नगर मिं अशान्ति फैलूणईं! 21 यौं येसि रीती-रिवाजोंक परचार करणईं, जकैं हम रोमियोंक लिजी मानण ठिक न्हैं!" 22 तब तलक वां एक ठुली भीड़ लै जॉम है गेई, और फिर सैपोंल उनार लुकुड़ फाड़िबेर आपण सिपैनों कैं इनुकैं चाबुक मारणक हुकुम दे। 23 उनुल पौलुस और सिलास कैं चाबुकोंल खूब जादे मारणक बाद उनुकैं जेल मिं खिति दे, और जेलर कैं इनर बारि मिं खाश चौकसी करणक हुकुम लै दे। 24 यौ हुकुम पैबेर जेलरल उनुकैं जेलक भितेर वालि कोठरि मिं खितिबेर उनार खुटों कैं जंजीरल बाद दे।
25 उ दिनै अधरात मिं जब पौलुस और सिलास परमेश्वरक अराधना करणाछी, और सब कैदी सुणनाछी, 26 तब एकाएक इतुक जोरदार भूचाल आ कि जेलकि नींव तलक हिल गेई। जेलॉक सब द्वार खुलि ग्याय, और यैक दगाड़ सब कैदियोंक जंजीर लै खुलि ग्याय।
27 जेलरकि नीन टुटण पर जब वील यौ देखौ कि जेलॉक सब द्वार खुलि रईं, तब वील सोचौ कि ऑब तलक सब कैदी भाजि गेईं! यैक लिजी वील आपण आत्म-हत्या करणक लिजी आपणि तलवार खींच रैछी। 28 लेकिन पौलुसल जोरल-जोरल कौ, "खबरदार, तु आपुं कैं के नि कर, हम सब यैं छूं!" 29 यौ सुणिबेर जेलरल बत्ती मंगवैबेर भितेर दौड़ौ, और डरनै-कामनै पौलुस और सिलासक सामण जैबेर उनार खुटों मिं पड़ि गोय। 30 यैक बाद वील उनुकैं भ्यार लिजैबेर उनुधैं पुछौ, "गुरुज्यू, ऑब मी कसिक बचुं?" 31 तब उनुल उधैं कौ, "जब तु प्रभु यीशु मिं भरौस करलै, तब तु और त्यर पुर परिवार कैं मुक्ति मिलेलि।"
32 तब उनुल जेलर और वीक परिवार कैं यीशुक बारि मिं बता। 33 यैक बाद उनर पुर परिवारल पाणिक-बपतिस्मा ले। 34 फिर जेलरल पौलुस और बरनबास कैं आपण घर लिजैबेर उनार घौ धोईं, खॉण खवा, और आपण पुर परिवारक दगाड़ उं सबोंल खुशी मनै। किलैकि ऐल उनुल परमेश्वर मिं भरौस करौ।
35 रात्ति पर न्यायालयक सैपोंल जेलर कैं हुकुम भेजिबेर कौ कि पौलुस और सिलास कैं छोड़ि दियो। 36 जब जेलरल यौ खबर पौलुस कैं बतै, तब पौलुसल उधैं कौ, 37 "हम रोमी नागरिक छूं, फिर लै उनुल हमर कसूर साबित करी बिना हमुकैं पकड़िबेर सबनक सामण चाबुक मारौ, और ऑब चुप-चापल हमुकैं चोरोंक चारि भ्यार उणक लिजी कूणईं! यस नि हो। जब उं खुद ऐबेर हमुकैं यांबे निकालॉल, तब हम यांबे सबनक सामण भ्यार जूंल।" d
38 यौ बात सुणिबेर सैप डरि ग्याय, किलैकि उनुकैं पत्त नि छी कि पौलुस और सिलास रोमी नागरिक छन। 39 यैक लिजी उनुल खुद ऐबेर उनुधैं माफि मांगी और भ्यार ली जैबेर उनुधैं यौ बिनती करी कि तुम यौ नगर छोड़िबेर जै दियो।
40 पौलुस और सिलास वांबे निकलिबेर लुदियाक घर गेईं, और वां विश्वासियोंक दगाड़ भेट करिबेर उनेरि हिम्मत बढ़ूणक बाद वांबे न्है ग्याय।