याकूब मिस्र उणौ
(उत्पत्ति ४६:१-६, ४७:२७)
46
1 यैक लिजी याकूब आपण परिवार और सारि धन-दौलत कैं लिबेर मिस्र देशक लिजी बॉट लागौ। जब उं बेर्शेबा पुजीं तब याकूबल परमेश्वर कैं भेट चढ़ै।2 परमेश्वरल रात मिं याकूब कैं दर्शन दिबेर कौ, "याकूब, याकूब!" वील कौ, "हो!" 3 परमेश्वरल कौ, "मी वी परमेश्वर छूं जकैं त्यर बौज्यू और तु लै मानछै। तु मिस्र देश जाणक लिजी नि डर, किलैकि मी वां त्यर जरियल एक ठुल देश बणूंल। 4 मी त्यर दगाड़ मिस्र देश ऊंल और वांबे तुकैं दुबार वापिस ल्यूंल। और जब तु मरलै तब यूसुफ त्यर ऑखों कैं बन्द करल।"