यूसुफ आपण भैनों कैं परखूणौ
(उत्पत्ति ४४:१-१३)
44
1 यूसुफल आपण घरक अधिकारी कैं हुकुम दिबेर कौ, "यौं मैंसोंक बोरियों मिं इतुक अन्न भर दियो, जतुक यौं ली जै सकनी। और हरेकॉक रुपैं लै वीक बोरि मिं वापिस धरि दिया। 2 और म्यर चांदिक गिलास कैं उनार सबों है नॉनवॉल भैक बोरि मिं अनाज और डबलोंक दगाड़ धरि दिये।" तब वील उसै करौ।3 और वीक बाद रात्ति उज्याव हुण पर भैनों कैं उनर समान और गधोंक दगाड़ विदा करी गो। 4 यैक थ्वाड़ बाद यूसुफल आपण अधिकारी धैं कौ, "जाओ, उनर ख्याद पड़ो और जब उनर पास पुजला, तब उनुधैं कया, "तुमुल हमेरि भलाइक बदाव हमर दगाड़ बुराइ किलै करी? 5 तुमुल हमर मालिकक चांदिक गिलास चोरि किलै करौ? उं उ गिलास मिं पाणि पिंछी और भविष्यबाणी लै करछी!"
6 तब नौकरल उनर पिछ करिबेर उनुकैं पकड़ि ले और यौ सब बात वील उनुधैं कै।
7 तब यूसुफॉक भैनोंल उधैं कौ, "हे मालिक, तुम यस किलै कूणाछा? 8 देखो, हमुकैं पैली बारक जो रुपैं हमार बोरियों मिं मिली, हम उनुकैं लै कनान देश बे तुमर पास वापिस लिबेर आयूं। फिर हम आपण मालिकक घर बे सुन या चांदिक चोरि किलै करुन? 9 तुम हमार बोरियों कैं खोलिबेर देखो और जैक बोरि मिं तुमुकैं उ गिलास मिलल तुम उकैं मारि दिया और हम सब भै लै तुमर गुलामी करुंल।" 10 तब यूसुफक अधिकारील कौ, "जस तुम कूंछा, मी उसै करुंल, लेकिन सिरफ उ मैंस हमर दास ह्वल जैक पास उ गिलास मिलल, और सब आजाद ह्वाल।" 11 यौ सुणिबेर उं सब भैनोंल सरासरि आपण-आपण बोरियों कैं भिं मिं खोलि दे।
12 तब यूसुफक नौकरल उं सब भैनोंक बोरियों मिं चाण शुरु करौ और उकैं बिन्यामीनक बोरि मिं यूसुफक गिलास मिलौ।
13 और यौ देखिबेर कि बिन्यामीनक बोरि मिं गिलास मिलौ उं सब भैनोंल आपण-आपण लुकुड़ फाड़िबेर शोक मना और उं बोरियों कैं गधों मिं दुबार लादिबेर नगरक तरफ वापिस लौटीं।
बिन्यामीनक लिजी बिनती
(उत्पत्ति ४४:१४-३४)
14 यैक बाद फिर यूसुफॉक भै वीक महल मिं लौट आईं। यूसुफ वैं छी, और उं वीक खुटॉन मिं पड़ीं। 15 यूसुफल उनुधैं कौ, "तुमुल यौ कस काम करौ? के तुम यौ नि जाणछिया कि मी हरेक भेदोंक बारि मिं जाणनू?" 16 यहूदाल यूसुफ धैं कौ, "हम आपुं कैं बेकसूर कसिक ठैरूंनू? परमेश्वर हमर आज तलकक सब पापोंक सजा हमुकैं दिणौ। ऑब हम सब तुमार गुलाम छूं।"
17 लेकिन यूसुफल उनुधैं कौ, "ना, ना, केवल उ म्यर गुलाम बणल जैक पास म्यर गिलास मिलौ और बाकि तुम लोग भली कै आपण घर जाओ।"
18 तब यहूदाल यूसुफक नजिक ऐबेर उधैं कौ, "हे म्यर स्वामी, किरपा करिबेर आपण यौ सेवक कैं के कूण दियो। मी तुमुकैं यौ बतूण चां लेकिन तुम मि पर नराज नि होया, किलैकि तुम रॉजक बराबरक छा। 19 म्यर मालिक, तुमुल आपण यौ सेवक धैं यस पुछछी कि त्यर बौज्यू और दुसॉर भै छिना? 20 तब हमुल तुमुकैं बताछी, "हमार बौज्यू बुड़ छन और उनर बुढ़ापाक एक च्यल छु। उ हमर सबों है नॉन भै छु और वीक एक शांक ठुल भै मरि गो। और ऑब उ आपण इजक औलादों मिं बे एकलै बची छु, यैक लिजी हमार बौज्यू उकैं सबों है जादे प्यार करनी।" 21 यौ सब सुणणक बाद तुमुल हमुकैं यौ हुकुम देछी, कि उकैं म्यर पास ल्याया, जैल मी उकैं देखि सकुं। 22 हमुल आपण स्वामी धैं कौछी, "उ लौंड आपण बौज्यू कैं नि छोड़ि सकन। अगर उ यस करल, तब वीक बौज्यू मरि जॉल।" 23 तब तुमुल हमुकैं चिताक करै हैछी, कि जब तलक तुमर दगाड़ तुमर नॉन भै नि आल तब तलक तुम म्यर दगाड़ भेट नि करि सकना। 24 हम आपण बौज्यूक पास गोयूं और उनुकैं तुमेरि बात बतै। 25 जब हमर बौज्यूल कौ, "मिस्र देश जाओ और हमर लिजी अन्न खरीदिबेर ल्याओ," 26 तब हमुल कौ, "हम नि जै सकन। अगर हमर सबों है नॉन भै हमर दगाड़ नि ह्वल, तब हम मिस्र देशक उप-रॉजक दगाड़ भेट नि करि सकन।" 27 हमार बौज्यूल हमुधैं कौ कि तुम तो जाणछा कि मेरि स्यैणि राहेलल मिंबे द्वी च्यालों कैं जनम देछी। 28 एक च्यल मिकैं छोड़िबेर जानै रौ। यौ पक्क छु कि उकैं मारि दी ह्वल, किलैकि तब बटी मील उकैं कभै दुबार नि द्यख। 29 अगर तुम यकैं लै म्यर दगाड़ बे ली जाला और यै पर क्वे मुशीबत ऐ पड़ेलि, तब तुम यौ शोकक दगाड़ मी बुड़ कैं मारि द्यला।
30-31 ऑब अगर हम यकैं यैं छोड़िबेर आपण बौज्यूक पास वापिस जूंल और जब उं यकैं हमर दगाड़ नि देखॉल, तब उं पक्क मरि जॉल। किलैकि उनार प्राण तो यौ लौंड मिं अटकी छन। 32 मील आपण बौज्यू धैं यौ लौंडक हिफाजतक वैद यौ कैबेर करि रॉखौ, कि अगर मी यकैं तुमर पास वापिस नि ल्यूंल, तब मी उमर भर तुमर कसूरदार रूंल। 33 यैक लिजी दया करिबेर ऑब तुम हुकुम दियो कि यौ लौंडक बदाव, मी तुमर गुलाम बणिबेर रुं और तुम यौ लौंड कैं आपण भैनोंक दगाड़ घर वापिस जाण दियो। 34 अगर यौ लौंड हमर दगाड़ नि ह्वल, तब हम आपण बौज्यूक पास कसिक जूंल? किलैकि मी आपण बौज्यूक दु:ख नि देखि सकन।"