भाई-बईनमन के बदी नी दियास
14
बिसवास ने निमल लोग के आपलो संगे मिसाहा, मानतर हुनचो मन कुट-कुट करतो गोटमन ने झगड़ा करतो काजे नाई।
2 बिसवास ने चमकट बीता समजेसे कि सपाय बानी खातोर नंगत आय मानतर निमल बिसवास बीता समजेसे कि दार-भाजी ची खातोर नंगत आय।
3 सपाय बानी* खातो लोग, नी खातो लोग के हिनस्ता नी करा आउर सोजे दार-भाजी खातो लोग, सपाय बानी खातो लोग के तुय फलना तीज के खायसीस बलुन बदी नी दियास। कसनबलले महापरभु हुनमन के आपलो लोग मानलोसे।
4 असन आय जाले, दुसर चो कमेया के बदी देतो बीता तुय कोन आस? हुन बिसवास ने चमकट रतोर नोहले घसरतोर हुनचो मालिक चो हाथे आसे। कसनबलले परभु हुनके बिसवास ने चमकट करुक सके आउर हुन चमकट रयदे।
5 कोनी गोटोक दिन के दुसर दिन ले नंगत आय बलुन मानेसे आउर कोनी सपाय दिन के गोटकी कटार चो मानेसे। मानतर सबु ए गोट के पक्का जानोत कि जोन बले करसोत, आपलो-आपलो नंगत बुद ले ची करसोत।
6 जोन गोटोक दिन के नंगत मानेसे, हुन परभु काजे मानेसे। जोन सपाय बानी खायसे, हुन सपाय बानी काजे महापरभु के धन-धन बलुन खायसे। जोन सोजे दार-भाजी खायसे, हुन बले दार-भाजी काजे महापरभु के धन-धन बलुन खायसे। कसनबलले सपाय महापरभु चो मान काजे खायसोत।
7 आमीमन ले कोनी, आपलेई काजे नी जीउंसे नोहले आपलेई काजे नी मोरुंसे।
8 आमी जीव आसुं जाले, परभु काजे जीव आसुं, आउर मोरुंसे जाले, परभु काजे मोरुंसे। एईकाजे आमी जीव रउं नोहले मोरुं, आमी परभुचेई आंव।
9 किरिस्त एईकाजे मोरलो आउर जीव उठलो कि हुन, मोरलोमन आउर जीव रतोमन, दुनो चो परभु होओ।
10 काय काजे तुय, सपाय बानी खातो आपलो भाई के बदी देयसीस? काय काजे तुय, दार-भाजी खातो आपलो भाई के हिनस्ता करसीस? आमी सपाय चो नियाव, महापरभु चो नियाव गादी पुरे होयदे।
11 कसनबलले धरमसास्तर ने लिखलीसे:
“परभु बलेसे: मय आपलेई जीव चो किरिया खाउन बलेंसे,
सपाय लोग मोके मांडिखुटा देउन पांय पड़दे,
आउर सपाय आपलो टोंड ले मोके महापरभु मानदे।”†
12 एईकाजे आमी सपाय के महापरभु चो पुरे आपलाहान हिसाब देउक पड़ेदे।
आमचो किरता कोनी भाई पाप ने नी पड़ो
13 एईकाजे एदांय आमी गोटोक-दुसर के बदी नी देउं, आउर पक्का बिचार करुं कि आमचो किरता कोनी भाई पाप ने नी पड़ो।
14 मय परभु जीसु के पतेयाउ आंय गुने पक्का जानेंसे कि सपाय बानी सुद आय मानतर जोन बले हुनके असुद मानेसे हुनचो काजे हुन असुद आय।
15 खातो बाटले तुय आपलो भाई के मुरमुरा करसीस जाले हुनके मया नी करसीस। किरिस्त हुनचो काजे बले मोरलो, एईकाजे तुय आपलो खातो बाटले हुनके नी नसाव,
16 कि तुचो भलई बुता के कोनी निंदरुक नी सकोत।
17 कसनबलले महापरभु चो राज खातोर-पीवतोर नोआय, मानतर पवितर आत्मा बाटले मिरतो धारनिक, मिला-मिसा आउर हरिक आय।
18 किरिस्त चो सेवा जोन बले असन नीती ले करेसे, हुन महापरभु के हरिक करेसे आउर लोगमन बले हुनके इजित-मान करसोत।
19 एईकाजे आमी हुनीची करते रउं जेचोले मिला-मिसा आउर गोटोक-दुसर चो आत्मिक बाड़ती होओ।
20 खातो बाटले तुय महापरभु चो बुता के नी नसाव। सपाय खातो बानी पवितर आय, मानतर तुचो खातो बाटले कोनी मनुक के मुरमुरा करासे जाले, खातो बीता काजे हुन अडरा आय।
21 तेबे सबुले नंगत ए आय कि आपलो भाईमन के अड़ंगा लगतो असन काई नी कर बललोने, हुनमन चो पुरे मास नोहले अंगुर रस नी खा।
22 तुचो बिसवास के महापरभु आउर तुचेई मंजी रउक देस। धन-धन आय हुन मनुक, जेचो मन-चेतन आपलो करलो बुता काजे खुद के दोसी नी माने।
23 मानतर जोन बले मन कुट-कुट करुन खायसे, हुन खातो बाटले दोसी होयसे, कसनबलले हुन बिसवास करुन नी खायसे। बिसवास नोहलोर करलो सपाय बुता पाप आय।