झूंटा सखाबाळा
2
1 जस्यान बाम्अ परमेसर की ओड़ी सुं झूंटमाट बोलबाळा छा, वस्यानई थाम्अ बी झूंटा सखाबाळा होव्अला, ज्यो नास करबाळा पाखण्ड न्अ लुख-लुखर बतावला। अर ज्यो मालिक बान्अ मोल लियो छ बीको अन्कार करअ छ, अर खुदन्अ बेगाई बिनास मं पटक देव्अला। 2 घणासारा बांकी जस्यान गन्दा काम करअला, ज्यांकी बजेसुं सांचा गेला माळ्अ लांछण लाग्अला। 3 वे लोभ की बाता घड़र थान्अ खुदका फायदा को साधन बणावला, अर जी सजा की आज्ञा बां माळ्अ पेली सुं होगी, बीन्अ आबा मं थोड़ी बी बगत कोन्अ, अर वांको बिनास उंघर्यो कोन।
4 क्युं क परमेसर बां सरगदूता न्अ ज्यो पाप कर्या छा कोन छोड्‍यो, पण पाताळ मं खन्दार आंधा कुवा मं पटक दियो। जिसुं न्याय का दन ताणी केदी रेव्अ।
5 परमेसर पराणा जमाना का संसार न्अ बी कोन छोड्‍यो पण बना भगती का संसार माळ्अ पाणी सुं जोरको पळो खन्दायो। पण धरम को परचार करबाळा नूहा की लार आठ जणा न्अ बचा लियो।
6 अर सदोम अर अमोरा का नगरा न्अ असी सजा दियो, क बान्अ बाळर भसम कर दियो। जिसुं आबाळा बना भगती का मनखा न्अ सखाबा क ताणी एक उदारण बणजाव्अ। 7 पण धरमी लूत न्अ बचार नखाळ लियो ज्यो गंदा काम करबाळा सुं घणो दुखी छो। 8 क्युं क वो धरमी मनख पापी मनखा का बीच मं रेतां होया अर बाका अधर्म का कामा न्अ देखर सुणर खुदका हीया मं दुखी होव्अ छो।
9 अस्यान परबु भगता न्अ अंथ्याम मं सुं नखाळबो अर अधर्मी मनखा न्अ न्याय का दन ताणी सजा मं रांखबो जाण्अ छ। 10 परमेसर खासतोर सुं बा मनखा न्अ सज्या देव्अलो, ज्यो काया की गंदी लालसा की जस्यान चाल्अ छ, अर परबु की तागत को अपमान करबा सुं बी कोन ड़रप्अ।
वे बेसरम, अर टेकला छ, अर अधिकारयां न्अ बुरो-भलो खेबासुं कोन डरप्अ। 11 सरगदूत बी ज्यो बासुं साउटा परतापी अर जोरदार छ, परबु क सामान्अ बान्अ बुरो-भलो खेर लाछण कोन लगाव्अ। 12 पण ये मनख बेबुद्धि का डांढा की जस्यान छ, ज्यो पकड़र नास करबा क ताणी पैदा होया छ, अर ज्यां बाता का बारा मं जाण्अ बी कोन बां बाता का बारा मं दूसरा न्अ बुरो-भलो खेव्अ छ, ब खुदकी सड़ान्द मं खुद सड़ जाव्अ छ।
13 दूसरा को बरो करबा की बजाय बांको ही बुरो होव्अलो। बान्अ दन-दोपेरयां भोग-बिलास करबो चोखो लाग्अ छ। ये कळंक अर लांछण छ, जद ब थांकी लार खाव्अ-पिव्अ छ, तो खुदकी ओड़ी सुं जिमणो राखर भोग-बिलास करअ छ। 14 वे दूसरा की लुगायां न्अ वेभिचारीणी की जस्यानई देख्अ छ, ब पाप कर्या बना रूक कोन सक्अ। वे सराप की ओलाद छ। 15 ब सीधा गेला सुं डुलग्या, अर बोअर का छोरा बिलाम का गेला मं चलग्या, ज्यो खोटी कमाई न्अ प्यारी जाण्यो छो। 16 पण वो खोटा कामा क ताणी फटकार्यो गियो छो, अर एक बेजुबान गद्‍दी मनखा की बोली मं बोलर बी परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा का पागलपण न्अ रोकी।
17 ये धोखाबाज मनख सुखा कुओ-कोठ्‍यां अर आंधी सुं उड़ायड़ा बादळा जस्यानका छ, वाक्अ ताणी सदामेस को अंधेरो ठेरायो गियो छ। 18 ये बनाकाम की घमण्ड की बाता कर-करर गंदा कामा सुं बां मनखा न्अ काया की बुरी लाळसा मं फसा लेव्अ छ, ज्यो डुलेड़ा मं सुं अबार नखळर्या छ। 19 वे बान्अ आजाद करबा की परतिज्ञा तो करअ छ, पण खुद ई सड़ान्द का गुलाम छ, क्युं क ज्यो जिसुं हार जाव्अ छ, वो बीको गुलाम बणजाव्अ छ।
20 परबु अर उद्धार करबाळा ईसु मसी न्अ पेचाणबा सुं संसार की घणीसारी गंदी बाता सुं बचग्या, अर फेरसुं बाम्अ फसर हारग्या, तो बांकी दसा पेली सुं बी बुरी होव्अली। 21 क्युं क धरम का गेला न्अ कोन जाणबो'ई बांक्अ ताणी चोखो छ, ईक्अ बजाय क बी पवितर आज्ञा सुं ज्यो बान्अ सुंपेड़ी छ फरर पाछा चलजाव्अ। 22 बां माळ्अ या कावत सांची छ, क “गण्डक को मूंडो बीकी ही उल्टी मं, अर नायेड़ी सूळ्ड़ी पाछी कादा मं लोट्अ छ।”