गार का भांडा मं आत्मा को धन
4
1 परमेसर की दीया सुं म्हान्अ या सेवा मली छ, ई बजेसुं मै हिम्मत कोन हारा। 2 मै ओल्अ छान्अ करबाळा बेसर्मी का कामा न्अ कोन्अ करां। न्अ तो मै कपट रांखा अर न्अ परमेसर का बचन मं झूंटी बाता मलार बतावा। पण सांच न्अ साम्अ ल्यावा छा। परमेसर क साम्अ मै भलाई की हरेक बात न्अ मनखा का चत मं बठाणा छा। 3 अर जी चोखा समचार को म्हे परचार करां छा उंप्अ पर्दो पड़यो छ तो यो वा मनखा बेई पड़यो छ ज्यो नास होर्या छ। 4 अर ई जगत मं राज करबाळो सेतान वां मनखा की बुद्धि न्अ ज्यो बस्वास कोन करअ बांध मेल्यो छ। जिसुं वे मसी ज्यो परमेसर को रूप छ उंकी महमा सुं भर्या उजाळा का चोखा समचार न्अ कोन समझ्अ। 5 क्युं क मै म्हाको नही पण ईसु मसी को परचार करां छा क वोई परबु छ। मै ईसु की बजेसुं खेवां छा क मै थांका दास छा। 6 क्युं क वो परमेसर'ई छ ज्यो खियो क अंधेरा म उजाळो होव्अ छ अर वोई आपणा मन म होयो छ, जिसुं म्हान्अ ईसु मसी म परमेसर की मेमा का ज्ञान को उजाळो मल सक्अ।
7 अर आपण्अ जस्यानका गार का भांडा मं या आत्मा की जागीर धर मेल्यो छ या आत्मा की सक्‍ति आपणी कोन्अ पण परमेसर की छ। 8 आपा बार-बार कळेस मं पड़ा छा, पण नास कोन होवां, आपा बार-बार दुख म पड़ा छा पण आस कोन छोड़ा। 9 सताया तो जांवा छा, पण तज्या कोन जांवा। बेज्जत कर्या जांवा छा पण नास कोन होवां। 10 म्हे ईसु की मोत का दुख न्अ सदाई म्हाकी काया म लेर फरा छा। जिसुं क ईसु की जन्दगी बी म्हारी काया म खुला रूप म दिख्अ। 11 ईसु की बजे सुंई मै ज्यो जीवता छा वान्अ लगतमार मोत क हाथा मं सुंप्या जांवा छा जिसुं ईसु की जन्दगी नास होबाळी काया मं खुला रूप सुं साम्अ आव्अ। 12 ई बजे सुंई म्हे मोत की छाया मं जीवां छा जिसुं थे सदामेस की जन्दगी मं बड़ सको।
13 सास्तर म मण्ढेड़ो छ क “म बस्वास कर्यो जिसुंई म बोल्यो।” उई बस्वास सुं मै बोला छा क्युं क म्हे बी वोई बस्वास करां छा। 14 क्युं क म्हे जाणा छा क परमेसर परबु ईसु न्अ मरेड़ा म सुं जुवायो छ अर म्हान्अ बी उंकी लार जुवाव्अलो। अर परमेसर म्हान्अ बी थांकी लार खुदक्अ साम्अ उबो करअलो। 15 ये सबळी चीजा थां बेई करी जारी छ, जिसुं परमेसर की दीया ज्यादा सुं ज्यादा मनखा ताणी पुच्अ। अर लोगबाग परमेसर को धन्यवाद करअ जिसुं परमेसर न्अ महमा मल्अ।
बस्वास सुं जीवो
16 ई बजेसुं म्हे कद्‍या बी हिम्मत कोन हारा, म्हाकी काया कमजोर होती जारी छ, पण फेरबी म्हाकी आत्मा रोजिना नुई सुं नुई होती जारी छ। 17 अर यो थोड़ाघणा दना को कळेस आपण्अ बेई जुग-जुग की मेमा लेर आवलो। ज्यो ई दुख सुं घणी बड़ी। 18 अर ज्यो कांई बी दिख्अ छ उन्अ आपणी आंख्या कोन देख्अ, पण ज्यो चीजा कोन दिख्अ वान्अ देख्अ छ। क्युं क ज्यो चीजा दिख्अ छ, वांको नास होव्अलो पण ज्यो कोन दिख्अ वे सदाई रेव्अली।