सरग की काया
5
1 क्युं क आपा जाणा छा क आपणी काया मतलब टापरा ज्यांम्अ आपा ई धरती प रेवा छा, जिन्अ ढसायो जाव्अलो तो आपान्अ सरग मं परमेसर की ओड़ी सुं कद्या बी नास कोन होबाळो घर मल्अलो ज्यो मनखा का हाथा सुं कोन बणायड़ो। 2 ई काया म आपा नसास भरता रेवा छा। अर घणा चावां क सरग की काया न्अ पेरल्या। 3 आपणो योई बस्वास छ क आपा उन्अ पेरअला अर फेर कद्या बी उघाड़ा कोन होव्अला। 4 आपा ई काया मं रेताहोया बोझ क तळ्अ दब'र कराता रेवा छा, ईकी बजे या छ क आपा ई काया न्अ बदलबो ई कोन चावां पण ई काया मं सरग की जन्दगी जीबो चावां छा। जिसुं मरबाळी काया सदामेस की काया होजाव्अ। 5 अर आपान्अ सदामेस की काया बेई त्यार करबाळो परमेसर'ई छ, अर वोई आपान्अ जामनी बेई आत्मा बी दियो छ।6 ई बजेसुं आपा सदाई हिम्मत रांखा छा अर आपा या जाणा छा क जद्या ताणी ई काया मं छा, परबु सुं आंतरअ छा। 7 क्युं क आपा बस्वास सुं जीवां छा। आंख्या देख्या का सायरा सुं नई। 8 म्हान्अ पक्को बस्वास छ क आपा खुदकी काया न्अ छोड़र परबु की लारां घर म रेबो चोखो समझा छा। 9 ई बजेसुं म्हारा हीया की इच्छा तो या छ क छाव्अ लार रेवा या फेर न्यारा रेवा पण परबु न्अ चोखा लागता रेवा। 10 aक्युं क आपा ई काया मं जीर ज्योबी भलो-बुरो काम कर्या छा उंको फळ पाबा बेई मसी का न्याय सिंहासन क साम्अ पक्कोई उबो होणो पड़्अलो।
लोगबागा न्अ परमेसर सुं मलाबा की सेवा
11 जिसुं म्हे जाणा छा ईको मतलब परबु को ड़र मानबो छ, अर जिसुंई मै दूसरा न्अ परमेसर ओड़ी फरबा बेई हिम्मत बंधावा छा। परमेसर आपान्अ खुब चोखा जाण्अ छ, अर म आसा करू छु, क थे बी म्हारा बारा म खुब चोखा जाणो छो। 12 म्हे फेरबी थांक्अ साम्अ खुदकी बड़ाई कोन कर्या। पण थान्अ म्हाप्अ घमण्ड करबा को एक मोको देवा छा। क ज्यो मनख खुदका हीया की बाता न्अ छोड़र दखावटी बाता प घमण्ड करअ छ वान्अ थे जुवाब दे सको। 13 अर ज्यो मै बावळ्या जस्या दीखां छा तो परमेसर बेई छा अर समझदार छा तो थांका फायदा बेई छा। 14 क्युं क मसी को परेम म्हान्अ बसम्अ राख्अ छ, अर मै या समझग्या क एक मनख आपा सबळा बेई मर्यो, तो आपा सबळा बी मरग्या। 15 वो आपा सबळा बेई मरग्यो जिसुं क ज्यो जीव्अ छ वे खुदका मतलब बेई कोन जीव्अ पण उं बेई जीव्अ ज्यो वा बेई मर्यो अर वा बेई फेरू जुवायो गियो छ।
16 ई बजेसुं अब आपा कोई बी मनख को संसार की नजरा सुं न्याय कोन करां। एक बगत आपा मसी को बी दनीया की नजरा सुं न्याय कर्या छा। पण अब अस्यान कोन्अ। 17 ई बजेसुं अब ज्योबी मसी मं छ वो परमेसर मं नुई सृष्टी छ। पराणी बाता जाती री। अर अब देखो सब नयो छ। 18 अर ये सबळी बाता परमेसर की ओड़ी सुं होई छ। ज्यो आपान्अ मसी क जरिये खुद मं मला लियो अर लोगबागा न्अ परमेसर सुं मलाबा की सेवा आपान्अ सुप्यो छ।
19 म्हाको संदेसो यो छ क परमेसर मसी की बजेसुं लोगबागा का पाप को हिसाब कोन्अ राख्अ पण वान्अ खुद म मलार्यो छ अर वोई मनखा न्अ परमेसर सुं मलाबा को संदेस म्हान्अ सुप्यो छ। 20 ई बजेसुं म्हे मसी की ओड़ी सुं यो काम करां छा। अर जाण्अ परमेसर म्हाक्अ जरिया थान्अ चेतार्यो छ। ई बजेसुं म्हे मसी की ओड़ी सुं थासुं हाथ जोड़र अरदास करां छा क थे परमेसर सुं मलजावो। 21 अर ज्यो कद्या बी पाप कोन कर्यो उन्अ परमेसर आपण्अ बेई पापबली बणायो जिसुं क आपा उंक्अ जरिये परमेसर क साम्अ धर्मी मान्या जावां।