जीवतो बलिदान
12
1 ई बजेसुं ह भायाओ परमेसर की दीया याद दुवार म थासुं अरदास करू छु क खुदकी जन्दगी एक जीवता अर पवितर बलिदान की जस्यान परमेसर न्अ राजी करता होया सुंपद्यो। या थांकी सांची आत्मिक सेवा छ ज्यो थान्अ करणी छ। 2 अब आग्अ सुंई दनीया की रीति प्अ मत चालो पण खुदका मना न्अ नया कर खुदन्अ बदलल्यो जिसुं थे परमेसर की मन्सा न्अ परखर जाण सको। मतलब ज्यो चोखो छ, ज्यो उन्अ भाव्अ छ अर पूरो छ।3 उंकी ज्यो दीया मन्अ मली छ, उन्अ ध्यान मं रखाणर म थाम्अ सुं हरेक न्अ या खेऊ छु क थे ज्यो छो उसुं साउटो मत समझो। पण थांका बस्वास की जस्यान परमेसर थान्अ ज्यो काबलियत दियो छ वतरोई खुदन्अ समझ्अ। 4 aजस्यान आपणी काया मं घणासारा अंग छा, अर वा सबळा अंगा का काम बी न्यारा-न्यारा छ। 5 एकधम वस्यान ई आपा घणासारा पण मसी मं एक छा। अस्यान आपा सबळा एक काया का न्यारा-न्यारा अंगा की न्याय आमा-सामा जुड़ मेल्या छा।
6 bपरमेसर की दीया सुं आपान्अ ज्यो न्यारा-न्यारा वरदान मल्या छ। अर ज्यो कोई न्अ परमेसर की ओड़ी सुं बोलबा को बरदान मल्यो छ तो आपा आपणा बस्वास की जस्यान परमेसर की ओड़ी सुं बोला। 7 अर ज्यो कोई न्अ सेवा करबा को बरदान मल्यो छ तो सेवा करअ, अर ज्यो कोई न्अ सखाबा को बरदान मल्यो छ तो सखातो रेव्अ। 8 अर ज्यो कोई न्अ दूसरा की हिम्मत बढ़ाबा को बरदान मल्यो छ तो वो वस्यान ई करअ। अर ज्यो कोई न्अ दान देबा को बरदान मल्यो छ तो उन्अ खुला मन सुं देव्अ। अर ज्यो कोई न्अ अगुवाई करबा को बरदान मल्यो छ तो वो जीजान सुं अगुवाई करअ अर जिन्अ दीया दखाबा को बरदान मल्यो छ वो राजी होर दीया करअ।
9 थांको परेम सांचो होव्अ। बराई सुं नफरत करो अर भलाई न्अ पकड़या रेवो। 10 एक-दूसरा सुं सांचो परेम करो। एक-दूसरा न्अ आदर की लार खुदसुं साउटो मान द्यो। 11 खुब मेनत करो, आळसी मत बणो। आत्मा मं जोस सुं भरो अर मन सुं परबु की सेवा करो। 12 आस मं राजी रेवो। दुखा मं थरचा राखो अर हर बगत परातना करता रेवो। 13 परमेसर का लोगा की जुरता मं सायता करो। अर आवभगत करबा को मोको हेरता रेवो।
14 cज्यो थान्अ सताव्अ छ वान्अ आसीर्वाद देवो। हां वान्अ सराप मतद्यो पण आसीर्वाद द्यो। 15 ज्यो राजी छ वांकी लार राजी रेवो। अर ज्यो रोव्अ छ वांकी लार रोवो। 16 आमा-सामा एक मन का होर रेवो। घमण्ड मत करो पण दीनहीन मनखा की संगत करो। अर खुदन्अ अस्यान मत समझो क म ही समझदार छु।
17 कोई न्अ बी बराई का बदला मं बराई मतद्यो। वोई करबा की बच्यारो ज्यो सबळा न्अ चोखो लाग्अ। 18 जण्ढ्अ ताणी हो सक्अ सबळा की लार सांति सुं रेवो। 19 म्हारा प्यारा भायलाओ, थे खुदकोई सुं बी बदलो मतल्यो। पण परमेसर का रोषा न्अ मोको द्यो। क्युं क सास्तर मं मण्ढर्यो छ, “परबु खियो छ बदलो लेबो म्हारो काम छ। म फळ देऊलो।” 20 पण तु तो “ज्यो थारो बेरी भूखो छ तो उन्अ भोजन करां। अर ज्यो वो तसायो छ तो उन्अ पाणी पा। क्युं क ज्यो तु अस्यान करअ छ तो वो सरम सुं पाणी पाणी होव्अलो।” 21 बराई सुं मत हारो पण भलाई सुं बराई न्अ जीतल्यो।