अधिकारी की आज्ञा मानो
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1 हरेक मनख न्अ अधिकारी की आज्ञा मानणी चायजे। क्युं क अधिकार परमेसर की ओड़ी सुं मल्अ छ अर ज्यो अधिकारी मेजुद छ वान्अ परमेसर बणायो छ। 2 ई बजेसुं ज्यो अधिकारी को बिरोध करअ छ वो परमेसर की आज्ञा को बिरोध करअ छ। अर ज्यो परमेसर की आज्ञा को बिरोध करअ छ, वे सज्या पाव्अला। 3 क्युं क राज करबाळो चोखा काम करबाळा न्अ डरपाबा बेई कोन्अ पण बरा काम करबाळा न्अ डरपाबा बेई छ। अर ज्यो थे अधिकारी सुं कोन डरपबो चावो तो भला काम करता रेवो। तो थान्अ अधिकारी की ओड़ी सुं बड़ाई मल्अली।
4 ज्यो अधिकारी छ वे थांको भलो करबा बेई परमेसर की सेवा करबाळा छ। अर ज्यो थे बरो करअ छ तो उसुं डरपो, क्युं क वो बनाबात तलवार कोन लेमेल्यो। वो परमेसर की सेवा करबाळो छ ज्यो बरा काम करबाळा प्अ परमेसर को रोष ल्याव्अ छ। 5 ई बजेसुं थे अधिकारयां की आज्ञा मानो। परमेसर की सज्या का ड़र की बजेसुं नही पण थांका मन की समझ सुं।
6 aई बजे सुंई तो थे हांसल देवो छो क्युं क अधिकारी परमेसर की सेवा करबाळा छ ज्यो खुदका काम न्अ पूरो करबा मं लाग्या रेव्अ छ। 7 कोईको बी करजो छ, तो उन्अ चुका द्अ। ज्यो हांसल थन्अ देणो छ, वो हांसल द्अ। जिसुं थन्अ ड़रपणी चायजे, उसुं ड़रप। जिको आदर करणी चायजे, उंको आदर कर।
परेम बेवस्था न्अ पूरी करअ छ
8 आपसरी का परेम क्अ अलावा कसी बी बात मं कोई का करजदार मत होवो, क्युं क ज्यो आमा-सामा परेम राख्अ छ, वो बेवस्था न्अ पूरी करअ छ। 9 क्युं क “व्यभिचार मत करो, हत्या मत करो, चोरी मत करो, लालच मत करो।” अस्या ज्योबी ओर बेवस्था का निम छ वे ई आज्ञा म्अ आजाव्अ छ क, “खुदका पाड़ोसी सुं अस्यान'ई परेम कर जस्यान तु खुदसुं परेम करअ छ।” 10 अर ज्यो तु दूसरा सुं परेम करअ छ तो वांको बरो कोन करअलो, ई बजेसुं परेम रांखबो बेवस्था न्अ पूरो करबो छ।
11 थे बगत न्अ पेचाणर अस्यान'ई करो क्युं क अब थांकी नींद मं सुं जागबा की घड़ी आ पुंची। क्युं क जद्‍या आपा बस्वास कर्या छा उं बगत का स्याप सुं अब आपणो उद्धार सांकड्अ छ। 12 रात पूरी होबाळी छ अर दन नखळबाळो छ। ई बजेसुं आओ आपा अन्धेरा का कामा न्अ छोड़र उजाळा का हथियार धारण करल्या। 13 ई बजेसुं आपा वस्यान ई चोखा रेवां जस्यान दन का उजाळा मं रेवां छा। रंगरेळ्या, नसोपत्तो, वेभिचार, लुचोपणो, झगड़ा अर बळ्यामरबो मत राखो। 14 पण परबु ईसु मसी का सुभाऊ न्अ पेरल्यो। अर ई काया की मन्सा न्अ पूरी करबा मं मत लाग्या रेवो।