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जोन सिंघासन ने बसी हुए, मुय हातार दाहिना हाथ ने गोटक पुस्तक ढकली जोन भीतरे आउर बाहरे लिकलार आचे आउर हाय तर सात मुहर लगायकरी बंद करलार आचे। 2 फिर मुय गोटक बलशाली सरगदूत के दकली जोन ऊंचा शब्द ले ए प्रचार करते रही, ‘‘इ पुस्तक के खोलबार आउर हातार मुहर तोडबार योग्य कौन आय ? " 3 मातर ना सरग ने, ना जगत ने ना जगत र तले कोनी हाय पुस्तक के खोलबार नोएले हाय जाने पृष्टि डालबार योग्य निकरला । 4 तेबे मुय फुट-फुटकरी कांदली कंसन बलले हाय पुस्तक र खोलवार नोएले हाय ताने दृष्टि डालबार योग्य कोनी ना मिश्लाय । 5 इ ताने हाय प्राचीन मन ले जोटक आरकरी मोके बलला , ‘‘ ना कांद, दक यहूदा र गोत्र र हाय बाघ जोन दाउद र मूल आय, हांय पुस्तक के खोलबार आउर हातार खातो मुहर के तोडना काजे जयवंत होयला आचे । " 6 तेबे मुय हांय सिंघासन आउर चारो प्राणी आउर हांय प्राचीन मन र मंजी गता मानो गोटक वध करलार मेमना ठिंआ, दकला । घतार सात गोटा सींग आउर सातटा संांग रए, ये परमेश्वर र सात आत्मा आय जोन सबु पृथ्वी ने पटायलार आचे । 7 हांय आइकरी हातार दाइना दाइना हाथ ने जोन सिंघासन ने बंसला आचे, हांय पुस्तक के धरला 8 जड़दाय हांय पुस्क के धरबा लो हांय चारो प्राणी आउर चैबीस प्राचीन हाय नेयता र हाने घंसरलाय । हाय मन ने सबर हाथ वीणा आउर धूप जो पबित लोर र प्राथना आय, ले भरला सोन र बटका रए । 9 ए हाय नुआ गाना गायके लागली, तूय ए पुस्तक र धरबा, आउर, एतार मुहर खोनबार योग्य आय, कसन बलले तभी वध होइ कुरी, अपनार लव ले सनु फुल आउर भाषा आउर, लोक आउर जाति मत, ले परमेश्वर र काजे लोक मनक भोल धरलाआत, 10 आउर हांके हामर परमेश्वर कांजे गोटक राज आउर या जक बनाह, आउर हाय जगत ते राज कुरूया या । 11 जड़दाय मुय दकली, तो हाय सिंघासन आउर हाय प्राणी माउर, हाय प्राचीन र चारो बांटे खूबे मा सरग दूत र शब्द सुनला जाहार गिनती लाख आउर करोड रए, 12 आउर हांय ऊंचा शब्द ले बलूआत, ‘‘ वध करला मेमना ची सामरथ आउर धन, आउर ज्ञान आउर शाक्ति आउर आदर आउर महिमा आउर धन्यवाद र योग्य आया । 13 किर मुय आउर समुंद र सबु सृंजो होयला वस्तु के आउर सबुं काई जोन हायमते आचे ए बलने सुनली द जोन सिंघासन ने बसला आंचे हातार आउर मेमना र धन्यवाद आउर आदर आउर राज युग युग तक रयसी " 14 आउर चारो प्राणी मन आमीन बललाय, आउर प्राचीन मन घसरी करी दंडवत् करलाय