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इकाजे मुंय जोन परभु ने बन्दी आंस तमके बिनती करबी आची कि जोन हागदेबाटाले तथा हागदिया गलाआस, हातार योग्य चाल चला 2 असनी सबु दीनतार आउर नमरता संगे आउर धीरज धरीकरी मया र ले एक दूसरार सहा, आउर ेलर बन्धन ने आत्मा रे 3 एकता संगायबार जतन कर। 4 गोटक चीं देह आय, आउर गोटक चीं आत्मा जसन तमके जोन, हागदेलात अपना के हागदेबा ने गोटक चीं आशु आचे। 5 गोटक चीं परभु आय, गोटक चीं बिस्बास, गोटक चीं बपतिस्मा, 6 आउर सबुर गोटक चीं मापरू आंउर बुआ आय जो सबु र उपरे आउर सबुर बीच ने आउर सबु ने आचे। 7 मांतर हामर ने सबु गोटक ले मसी र दान र परिमान र अनुसार अनुग्रह मिरला बाचे। 8 इ काजे हांय बलूआयः ‘‘हांय उपरे चेगला आउरी बन्दी मन के बांदी नेएला, आउर मनुक मन के दान देला।" 9 हांतार चेगले, आउर काय पाया जायसी केबल ऐ कि हांय पृथ्वी र निचला जगा ने उतरी बले रए। आउर जोन उतरला ए हाई आय। 10 जोन एक आकाश र उपरे चेगला बले आये कि सबु काई पूरा करा। 11 हांय काई के प्रेरित करी आउर काई के भविष्यकता घोषित करी ओर काई के सुसमाचार सुनायबा बीता घोषित करी, आउर काई के रखबाला आउर उपदेशक घोषित करी की देला। 12 जसन के पवितर लोक सिद्ध होयबाय आउर सेबार काम करा जाओ, आउर मसीर देह ने बड़बाटा पोभा। 13 जेबे तक कि हामी सबु के सबु बिस्बास आउर मापरू र बेटा र पहिचान ने एक ता होई जाऊ आउर गोटक सिद्ध मनुक ना बनी जाऊं आउर मसी र द्वारा डीलडोल तक ना बढ़ी जाउॅं, 14 जोन मनुक र ठग बुद्धि आउर चालक ले हांतार भरम र युक्ति र आउर उपदेशर सबु झोंका ले उदलाओ आउर एबाटे हांयबोटे घुमाउआत। 15 बरन मया ने सच्चाई ले चली करी सबु गोट ने हांय ताने जोनती मुन्ड आचे आउरी मसी ने बढ़ते जाहां। 16 जसन सबु देह सबु गोटक र जोड़ र सहायता ले गोटक संगे मिलीकरी आउर गोटक संगे गठीकरी हांय परभावर अनुसार जोन सबु अंग ठीक काम करबार द्वारा हांय ताने होउआय अपना आपके बड़ाउनाय कि हांय माया ने बड़ते जाओ। 17 इ काजे मैं एक बलूआंय आकर परभुले बिनती करूआंय कि जसन दूसरा जातिर लोक अपबार मनर अनर्थ रीति ने हिंडभात तमीएबेले फिर असन नाहिंडा। 18 कसन बलले हांतार बुद्धि अन्धेरी होयला आचे आउर होय अज्ञानतार कारन जो हांय ताने आचे आउर हांतार मन र कठोरता र कारण हाय मापरू र जीबन ले अलग करला आचेत। 19 आउर हांय सुन्न होइकरी लुचपन ने लगलाय कि सबु परकार र घिनघ्ज्ञिना काम लालसा ले करा। 20 मांतर तमी मसी र असन शिक्षा ना पायलास। 21 मांतर तमी सन्ते ने हांतार सुनलास जसन ईशु ने सत्य आप, हांय ने सिखया गेलोस। 22 कि तमी पिछला चालचलन र जुनं। मनुष्यवतः के जोन भरमायबा बीती अभिलाषा र अनुसार भ्रष्ट होउआय, उतराय दीयास। 23 आउर अपनार मन के आत्मिक स्वभाव ने नुआ बनते जाहा आउर नुआ 24 मनुस्यत के निन्दा जोन मापरूर अनुरूप सत्ये र धारामिकतार आउर पवितरता ने सृजा गला आचे। 25 इ कारन ठगबार छाडीकरी गोटक अपनार पड़ोसी ले सते बला कसन बलले हामी आपस ने गोटक दूसरा र अंग आंव। 26 रीस तो हुआ मांतर पाप ना करा, सूरज डूबते तक तमुर रीस ना रओ। 27 आकर ना शैतान के अवसर दियास। 28 चोरी करबा बीता फिर चेाी ना करो, वरन् भलाकाम करबा ने अपनार हाथ ले परिश्रम करा, इ काजे जाके प्रयोजन हो होके देबा काजे तार लगे कांई हो, 29 ले ना निकरो, मांतर जरूरत र अनुसार हांई निकरो जोन बड़बा काजे, उत्तम आय, ताकि हांयने सुनबा लोक उपरे अनुग्रह हो। मापरूर पवितर आत्मा के सोनित ना करा, 30 जसन कि तमर उपरे छुटकारा र दिने काजे छाप देलात। 31 सबु परकार र कड़वाहट आउर रिस आउर कलह, आउर निन्दा सबु बैरभाव संगे तमर ले दूर हो। 32 एक दूसरा ने कृपा करबा बीता और करूणा मय हो, आउर जसन मापरू मसीह तमर अपराध के क्षमा करला, उसनी चीं तमी बले एक दूसरा र अपराध के क्षमा करो।