5
इ काजे प्रिय बालक र जसन परमेश्वर र अनुकरा करा। 2 मसी बले तमके मया करला, आउर हमर काजे अपना आप के सुख सुगन्ध काजे मापरू र छोमे भेंट करी बलिदान करी देला। 3 जसन पवितर लोक र योगय आचे असन तमर ने व्यभिचार आउर कोनी परकार र अशुद्ध काम नोएले लालच गोट ना है। 4 आउर ना निलब, ना मूढ़तार गोट गोठा न मजाक उड़ायबारंे कसन बलले ए गोट शोभा ना दे, वरन् धन्यवाद चीं सुनके होयसी। 5 कसन बलले तमी ए जानास कि कोनी व्यभिचार नोएले अशुद्ध लोक नोएले लालची मनुक के जोन पूर्ति पूजार बराबर आय मसी आउर मापरू र राज ने मीरास नुआय। 6 ६कोनी तमके व्यर्थ कोट ने धोखा ना देओत कसन की ई काम मन लागी माहा परभु र रिस गोट ना मानबा लोक उपरे होऊ आय 7 इ काजे तमी हांतार सहभागी तो तमी अन्धकार रहास मांतर एबे परभु ने ज्योति आस, 8 अतः ज्योति र सन्तान र जसन हिन्डा। 9 कसन बलले ज्योति जल सबु परकार र भलाई, आउर धार्मिता आउर सत्य, है आय) 10 आउर ए जांचा कि परभु के काय भाऊ आय। 11 अंधकार र ना मिरबा कलर काम ने सहभागी ना हुआ वरन! हाय मनके उलाहना दियास। 12 सन बलले तीजर गुप्त काम र चर्चा बले इज्जत र गोट आय। 13 मांतर जतक काम ने उलाहना देउआत हाय सबु ज्योति ले परगट होउआत कसन बलले जोन सबु कांई के परगट करूआअ हांय ज्योति आयं 14 इ कारन हांय बलेआय ‘‘हे सोयबालोक उठा आउर मोरला लोक ने जी उठ तो मसी र ज्योति उपर चमसी।" 15 इ काजे ध्यान ले दबा के कसन चाल चलूआसः बुद्धि नोएला असन नाई मांतर बद्धिमान असन चाल चला। 16 कसन बलले दिन बुरा आय। 17 इ कारन निर्बुद्धि ना हुआ मांतर ध्यान ले समझा कि परभुर इच्दा काय आय। 18 दाखरस ले मतवाला ना बना कसन बलले इ ताने लुचपन होहुआय मांतर आत्मा ले पूरा होयते जाहा। 19 आउर आपस ने भजन आउर स्तुति गान आउर आत्मिक गाना गायते रहा। आउर अपना-अपना मन ने परभुर छोमे गायते आउर कीर्तन करते रहा। 20 आउर सदा सबु गोट काजे हामर परभु ईशु मसी र नाम ले मापरू बुआ र धन्यवाद करते रहा। 21 मसी र डर ले एक दुसरा र अधीन करा। 22 हे बायले मन अपना अपना मनुक र अधीन रहा जसन परभु के। कसन बलले बायले मनुष र मुंडे 23 कसन बलले बायले मनुष र मुंड आया आउर अपना चीं देह र उद्धारकर्ता आय। 24 ांतर जसन कलीसिया मसी र अधीन आचे। असनी ची बायल मन बले सबु गोट ने अपना अपना मनुष र अधीन रहा। 25 हे मनुष मन, अपना अपना बायले के माया करा जसन मसी ने बले कलीसिया ले माया करी अपना आप के हातार काजे दी देलाय। 26 कि हांके बचन र द्वारा जलर स्नान ने शुद्ध करी पवितर बना, 27 आउर हांके गोटक असन तेज कलिसिया बनाई करी अपना लगे ठिआं करोत जोन ताने ना दाग न सुरी ना काई आउरी बस्तु बरन! पवितर आउर निर्दोष होव। 28 अपना अपना बायले ले अपना देहर जसन मया करोत जोन अपनार बायले ले मया संगाउआय हांय अपना आप ले माया संगाउआय। 29 कसन बलले केबी ना केबी अपनार देह ले बैर ना संगा बरन! हांतार पालन पोषण करूआय, जसन मसी बले कलसियार संगे करूंआय। 30 ाजे कि हामी हातार देह र अंक आव। 31 ‘‘ इ कारन मनुक अपना आया बुआ के छाड़ीकरी अपनार बायले संगे मिली रयसी, आउर हांय दुनो गोटक तन होयबाय।" 32 ए भेद तो बड़े आय मांतर मुय ए ताने मसी आउर कलसिया र बिषय ने बलली आची। 33 मांतर तमी मन में सबु अपनार गोटक अपना अपना बायले ले अपनार जसन माया संगा, आउर बायले बले अपनाए मनुष के डरो।