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ये भाई मन, मुय तमके ये रिती ले गोटाय के ना सकली जसन आत्मिक लोक ले, मातर जसन शारिरिक लोक ले, आवरी हांय मन ले जोन मसीह ने पिला आचोत | 2 मुय तमके गोरस खुयाली, भात ना खुंवाई, कसन की तमी ताके ना खायके सकते रहास; मातर येबे ले बले ना खायके सकवा आस, 3 कसन की येबे ले बले शारिरिक आचास |ये काजे की जड़दाय तमर लगे डाहा आवरी झगड़ा आचे, तो काय तमी शारिरिक नुआहा ? आवरी काय मनुकर रिती उपरे ना चलू आहस ? 4 कसन की जड़दाय गोतक बोलू आय, “ मुय पोलुस र आय, ” आवरी दुसर, “मुय अपुल्लोस र आंय, ” तेबे काय तमी माने नुआहास ? 5 अपुलोस काय आय ?आवरी पोलुस काय आय केवल सेवक, जोन बाटले तमे विश्वास करलास, जसन सबु के परुभु देला | 6 मुय लगायली, अपुलोस चिचला, मातर माहा परुभु बड़ाय ला | 7 ये काजे नाई लगाय ला बीता काई आय आवरी नाई चिचला बीता, मातर माहा परुभु ची सब कुच आय जोन बाड़ायबा बीता आय | 8 लगायबा बिता आवरी चिचला बीता दुनो गोटक आत; मातर सबु गोटक माने आपना ची काम र अनुसार आपना ची भूती पायसी | 9 कसन की हामी माहा परुभु र संगे रलालोक आंव; तमी माहा परुभु र खेती आवरी माहा परुभु र बनाय लार आहास | 10 माहा परुभु र हांय अनुग्रह अनुसार जोन मके दिया गला, मुय बुदिमान राज मिश्त्री र समान पाया देली आवरी दुसर हांय उपरे रदा सोंगाय लाय मातर सबु गोटक मनुक बरकस रहा की हांय थाने कसन रदा सोंगाऊ आय | 11 कसन की हांय पाया के छाड़ी जोन पड़ला आचे आवरी हांय यीशु मसीह र आय, कोनी दुसर पाया भरके ना सकेत | 12 अगर कोनी ये पाया उपरे सोन नोयले चांदी नोयले खुबे मोल बीती पकना नोयले गच नोयले चारा नोयले फूल र रदा मडांयत, 13 तेबे सबु गोटक र काम प्रगट होई जायसी; कसन की हांय दिन हांके सांगोत,ये काजे की जोयर संगे प्रगट होयसी आवरी हांय जोय सबु गोटक र परकसी की कसन आय | 14 जांहार काम हांतार उपरे बनला आचे स्तिर रयसी, हांय भूती पायसी | 15 अगर कोनी र काम पोड़ी जायसी, तो हांय हानी उठायसी, मातर आपना बाची जायसी, मातर पोड़ू- पोड़ू | 16 काय तमी ना जानास की तमी माहा परुभु र मन्दिर आहास आवरी माहा परुभु र आतमा तमर ने बोसू आय ? 17 अगर कोनी माहा परुभु र मन्दिर के नास करू आय तेबे माहा परुभु हांके नास करसी; कसन की माहा परुभु र मन्दिर पवितर आय, आवरी हांय तमी आहास | 18 कोनी आपना के धोका ना दियास अगर तमी ले कोनी ये सोंसार ने आपना के गियानी समझू आहास, तो मुरख बना की गियानी होई जाहा | 19 कसन की ये सोंसार र गियान माहा परुभु र लगे मुरखता आय, जसन की लिकला आचे , “हांय गियानी मन के तिकर चलाक ने फासी देऊ आय, ” 20 "आवरी -आवरी, "" परुभु गियानी मनर विचार के जानसी आचे की हांय मन व्यर्त आय |”" 21 ये काजे मनुक मन उपरे कोनी घमंड ना करा, कसन की सबु कांई तमर आय : 22 काय पोलुस, काय अपुल्लोस, काय कैफा, काय जगत, काय जीवन, काय मरन, काय येबे, काय पाचे सबु कुछ तमर आय, 23 आवरी तमी मसीह र आहास, आवरी मसीह माहा परुभु र आहास |