10
एतार पाचे परबु, आवरी दुसर तीनकोड़ी दस लोके के बाचीकरी, हांय निजे जीबार रला सबु सहर आवरी गांव ने, तीके आपनार चाके दुय-दुय जन के पोटायलाः 2 आवरी हांय तीके बोलला, पाकला तासर बेड़ा कुबे आचे; मातर बूती बितान किंडिक आचेत एतारी काजे, बेड़ार सवकार के, आपना बेड़ाये काटबा काजे बूती लोक के पोटावो बोलीकरी गुहारा। 3 जाहा एबे, मेंडामन के, मेंडरी कोलियामन मंजिगता पोटायबा असन, मुंय तोमके लोकर मंजिगता पोटायबी आची। 4 आवरी बाट काजे तोमी, पयसा तयली, जोरा आवरी पनई के ना दरा; आवरी बोटे जुवार करबाच ताने तोमके बेर ना होवो। 5 तोमी गोटोक गरे जीबादाय, ए गरे असतिर हो बोली पइले बोला। 6 हांयताने कोनी असतिर पायबा लइकर लोक रले, तोमर असतिर तीके मिरसी, नोयले तोमर लगे बाहड़ी आयसी। 7 तोमी हांय असतिरर गरे तेबा आवरी हायमन देबाटाके काह पीया करा; कसनबलले, बूता करू के तार बूती मिरबारची आय; आवरी ए गरे हांय गरे ना बुला। 8 तोमी गोटोक सहरे जीबादाय, हाय तानर लोक तोमके तेबायले तिकर देबाटाके तोमी काहा। 9 आवरी हांय तानर बेमार लोक के अचा करा आवरी महाप्रूर राज तोमर लगे अमरला आचे बोली तीके सांगा। 10 मातर तोमी गोटोक ना तेबायले, तिकर कोरीमन ताने जायीकरी, 11 हांमर गोड़े लटकला तोमर सहरर दुला के ले तोमर बिरूद ने पोची देबु आचु“ बोली बोला, आवरी हांतारी संगे संगे “महाप्रूर राज लग अमरला आचे बोली तोमी जानी रहा“ बोली तीके बोला।“ 12 मुंय तोमके बोलबी आची, नियाव दिने, ए सहर के मिरबा डंड, सदोम सहर के मिरला डंड तानले कुबे रयसी। 13 “ए कुराजीन सहरर लोक, तोमके महाप्रूर डंड देयसी; ए बेतसयदा सहर! तेके महाप्रू डंड देयसी। तोमर ताने मुंय करला बिचितर काम के सूर आवरी सयदा सहरमन ताने करी रले, हांयमन पोता ओड़ीकरी लाकड़ी ताने बसीकरी, पाप करबाटाके चाडी करी बड़दाय मन-बाहड़ायताय। 14 मातर नियावर दिने,’ तोमके होयबा डंड, सूर आवरी सयदा सहर के होयबा डंड ले कुबे रयसी। 15 ए कपरनहूमर लोक, महाप्रू तोमके सरग लगले उचायकरी तोमर मान करसी बोली बिचारबा आस? असन नाई, तोमी नरक ताने पोकाय होयबास। 16 असनी बोलीकरी हांय आपना चेलामन के बोलला, “जोन तोमके हिनसता करसी; आवरी जोन माके हिनसता करसी, हांय मोके पोटायला बिता के हिनसता करसी आचे।" 17 पाचे, हांय तीनकोड़ी दस लोक हरिक ने बाहड़ी आसीकरी, “ए परबु, तोर नांव ने ओसुद-आतमामन बले हांमर गोट के मानबा आत!“ बोललाय। 18 तेबे हांय तीके बोलला, “मुंय सयतान के बीज गसरबा असन सरग तानले गसरबाटाके दकली। 19 दका, मुंय साप आवरी काकड़ा बिचुमन के रमंदबा काजे आवरी सतरूर सबु सकत के जीतबा काजे तोमके बिरूद ने कांई करके ना सके। 20 तेबले बले, ओसुद-आतमामन ‘हामर गोअ के दरबा आत‘ बोली हरिक ना हुवा; मातर तोमर नांवमन सरग ताने लिकला काजे हरिक हुवा।“ 21 अड़किदाय, ईसु पवितर-आतमा बाटले कुबे हरिक होयीकरी बोलला, “ए बाबा, सरगर आवरी बूंयर परबु, तुय ए गोटमन के गियानी लोक ले आवरी अकल लोक ले लुकायकरी, सुरू पिला असन लोक के दकायलीस गुनुक, मुंय जोर जय-जय करबी आची। हव, ए बाबा, असन करबाटा तोके अचा लागला। 22 मोर बाबा महाप्रू, माके सबु गियान आवरी सबु हके के दयी देला आचे; तार बेटा कोन आय बोली कोनी ना जानेत, मांतर मोर बाबा जाने। आवरी मोरी बाबा कोन आय बोली कोनी ना जानते; मांतर तार बेटा, मुंय जानी आवरी मुंय जाके मोर बाबा के दकायबा काजे मन-करबी हांय पने जानसी। 23 पाचे, दुसर कोनी ना रलादाय, ईसु आपना चेलामन के बोलला, तोमी दकबा अचरित काममन के दकबा लोक बाइगमानी आत। 24 मुंय तोमके बोलबी आची, कुबे अंतरजानीमन आवरी रामन तोमी दकबाटाके दकबा काजे मन-करलाय; मांतर ना दकलाय; आवरी तोमी सुनबाटाके सुनबा काजे मन-करलाय; मांतर ना सुनलाय।“ 25 अडकिदाय, गोटोक सासतर-पंडित उटीकरी ईसु के परिकिया करबा काजे पोचारला, “ए गुरू, जुग-जुगर जीवन पायबा काजे मोके काय करबार आय? 26 तेबे हांय पोचारला, “सासतरर दारा ताने काय लिकलार आचे ? तुय काय करबार आय ? 27 तेबे हांय तार उतारे बोलला, “तुय तोर परबु महाप्रू लगे तोर सबु मन ले, सबु आतमा ले, सबु सामरत ले आवरी सबु गियान ले मया कर, आवरी तुय आपना के मया करबा असन, लगर लोक के बले मया कर।“ 28 तेबे ईसु ताके बोलला, “तुय सते सांगलीस; असनीची कर; तेबे तय जुग-जुगर जीवना के पायबीस।“ 29 मातर हांय आपना के दरमी बोलीकरी दकायबा काजे ईसु के पोचरला, “तेबे मोर लगर लोक कोन आत?“ 30 तेबे ईसु तार उतारे बोलला, “गोटोक माने एरूसलेम तानले एरीहो बाटे जायते रला; अड़किदाय, कंगारमन ताके चेकी करी, तार पटईमन के जिकलाय; आवरी मार-पेट करी ताके आदमोड़ा चाड़ी देयीकरी उटी गलाय। 31 तेबे उदापड़े गोटोक महाप्रूर पुजारी हांय बाटले जायते रला; आवरी हांय ताके दकीकरी, ना दकला असन होयीकरी जायते गला। 32 पाचे, गोटोक लेबी,’ हांय लगे आसीकरी ताके दकीकरी, ना दकला असन होयीकरी जायते गला। 33 मांतर हांतार पाचे, गोटोक सामरी जायते दलादाय, हांय, आदमोड़ा पड़ी रला माने लगे आयला; आवरी ताके दकीकरी जीव दुकला; 34 आवरी हांतार लगे आसीकरी तार गाव ताने तेल आवरी दाकरस गसीकरी, पटई ले पटी बांदला। पाचे, आपनार गदई ने चेगायकरी डेरा ताने नेला; आवरी ताके सेवा जतन करला। 35 आवरी दुसर दिने, हांय दुयटा चांदिरन प्यसा के निकरायकरी डेरा मालिक के देला, आवरी बोलला, ’ऐतार सेवा-जन करते रा; आवरी जतक बले अंनगर करचा लागसी, हांयटाके मुंय बाहड़ी आयबादाय चुटी देबी।’ 36 ईसु एके सांगीकरी, तोर इसाब ने, कंगारमन चेकी रला बिता के एमन तीनों तानले काने तार लगर लोक होयला ? तुय काय बिचार करबी आस? “बोली पोचारला। 37 तेबे हांय, “तार ऊपरे दया दकायला माने आय“ बोली बोलला। तेबे ईसु ताके, “जा आवरी तुय बले असनीची कर “बोलला। 38 पाचे, ईसु आवरी हांतार चेलामन जायते रलादाय, ईसु गोटोके गांव ने गला; आवरी मारता नांवर गोटोके बायले हांके आपना गरे पाहना काजे तेबायला। 39 आवरी ताके मरियम नांवर गोटोक बइन रला। हांय परबुर गोड़ लगे बसीकरी हांतार गोट के सुनते रला। 40 मांतर मारता, मानदान करबा काजे रला सबु बूता तानले हाबड़ होयला; आवरी हांय हांतार लगे जायीकरी बोलला, “परबु मोर बइन बूता करबा काजे मोक एकला चाड़ी देला आचे, काय तोके चिंता नी आय? मोर संगे बूता करबा काजे ताके सांग“ 41 तेबे परबु तार उतारे बोलला, ए मारता, ए मारता, तुय कुबे गोट काजे चींता-पिकर करबी आस; 42 मांतर गोटकी गोट जरूर आय। मरियम हांय नुकुटाके करबा काजे बाचला आचे आवरी हांयटाके मुंय तार लगले केबे ना निकरायीं।,’