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हांय दीन ने ओगुसस्तुस राजा केसर बाटले आगेया निकरला की सबू सोसार र लोक के नाव लिका जाओ | 2 ये पेईलर नाव लिकबाटा हाई समेया ने होयला जड़ दाय क्युरिनियुस र सीरिया र हाकिम रये | 3 सबू लोक नाव लिकायबा काचे आपना आपना नगर ने गलाय | 4 तेबे युसुफ बले ई काचे की हांय दाउद र घराना र आवरी बंसर रयेत, गलील र नासरत नगर ले दाउद र नगर बेतलहम ने गलाय, 5 की आपनार मंगेतर मरियम संगे जोन पेटे रये नाव लिकायबा काचे | 6 हांय मन हांय थाने रबा दाय हातार जनमबार दीन पूरा होयला, 7 वरी हांय आपनार पयलाद बेटा के जनम देला आवरी हाके फटी ने गुडाय करी चरनी ने सोंगाय लाय ;कसन की हातार काचे बाकरा ने जगा ना रये | 8 हांय देश ने कतक धोरई मन रयेत, जोन रातीर भाटाये रई करी आपना रासी के राका करते रये | 9 आवरी परभु र गोटक दूत तिकर लगे आई करी ठिया उठला, आवरी परभु र उजर तिकर चारो बाटे चमकला, आवरी हांय मन खूबे डरलाय | 10 "तेबे सरग दूत तिके बलला, ""ना डरा; कसन की दका, मुय तमके बड़े हरिक र सुष्माचार सुनायबी आची जोन सबू लोक काचे होयसी," 11 की आजी दाउद र नगर ने तमर काचे गोटक उधार करता जनमला आचे आवरी हांय मसीह परभु आय | 12 "आवरी हातार तमर काचे ये चीना आय की तमि गोटक पिला के फटी ने गुदाय होयलार आवरी चरनी ने सोई रलार पायबास """ 13 तेबे उधापडे सरग दूत मन संगे सरग दूत र रासी माहा परभु र स्तुति करबाटा आवरी बलबाटा दका देला, 14 """बादरी ने माहा परभु र महिमा आवरी धरतनी उपरे हांय मनुक ने जोन थाने हांय हरिक आचे, हांय शान्ति होओं | """ 15 "जड़ दाय सरग दूत तिकर लगले सरग ने गलाय, तेबे धोरेई मन मिसी करी बललाय, ""आसा हामी बेतल्हम जाई करी हांय गोट जोन होयला आचे, आवरी जाके परभु हामके सांगला आचे, दकबू |""" 16 हांय मन तुरते जाई करी मरियम आवरी युसूफ के आवरी चरनी ने हांय पिला के सोयलार दकलाय | 17 एके दकी करी हांय मन हांय गोट के जोन ये पिलार बारे ने हांय मन के बला जाई रये परगट करला, 18 आवरी सबू सुनबा लोक मन हांय गोट ले जोन धोरेई मन के हांय मन सांगी रये अकचकाय गलाय | 19 मातर मरियम ये सबू गोट के आपना मन ने धरी करी भाबते रला | 20 आवरी धोरेई मन जसन हांय मन के बला जाई रये असनी ची सबू सूनी करी आवरी दकी करी माहा परभु र महिमा आवरी स्तुति करते बाहड़ी गलाय | 21 जड़ दाय आट दीन पुरला आवरी हातार खतना र समेया आयला, तेबे हातार नाव यीशु सोंगाय गला जोन सरग दूत हातार पेट ने आयबार पईले बली रये | 22 जड़ दाय मुसार बेबस्तार अनुसार हातार सुध होबार दीन पुरला, तेबे हाय मन हाके येरुशेलम ने नेलाय की परभु र छमे नेऊ, 23 "(की परभु र बेबसता ने लिकला आचे ""सबू गोटक पयलाद बेटा परभु काचे पवितर होयसी |"")" 24 "आवरी परभु र बेबसता र वचन र अनुसार; ""पांडकी गोटक जोड़ी परवा र दुयटा पिला आनी करी बली चेगाओत |" 25 येरुशेलम ने शिमोन नावर गोटक मनुक रये, आवरी हांय मुनूक धरमी आवरी भक्त रये ;आवरी इस्राएल र शान्ति र बाट दकते रये आवरी पवितर आतमा हातार उपरे रये | 26 आवरी पवितर आतमा बाटले हातार उपरे परगट होई रये की जड़ दाय ले हांय परभु मसीह के ना दके अड़ दाय ले मुरतु के ना दके | 27 हांय आतमार सिखायबा के मंदीर ने आयला ; आवरी जड़ दे आया बाबा र हांय पिला यीशु के भीतरे आनलाय, की हातार काचे बेबसतार निती र अनुसार करोत, 28 तेबे हांय हाके आपना कोराए धरला आवरी माहा परभु र धनेबाद करके गला : 29 """ हे मालिक, एबे तुय आपना दास के आपना वचन र शान्ति ले बिदा करू आस," 30 कसन की मोर आकी ने तोर उधार के दकली आची, 31 जाके तुय सबू देश र लोक र छमे तिआर करली आस, 32 "की हांय दुसरा जाती र उजर देबा काचे उजर आय, आवरी तोर निज लोक इस्राएल र महिमा होओं |""" 33 हातार बुआ आवरी हातार आया ये गोटले जोन बारे ने बलते रयेत चकित होयते रयेत | 34 "तेबे सिमोन हातार हाके आशीष देई करी, हातार आया मरियम के बलला,""दका, हांय तो इस्राएल ने खूबे घसर बार, आवरी उठबा काचे, आवरी गोटक असन चीना होयबा काचे थेबाय गला आचे, जाहार बिरोद ने गोट गोटाय जायसी -" 35 "मातर तोर जीव बले खंडा ले एपाक ले हांय पाक भेदा जायसी -ए थानले खूबे हिरदय मन ले विचार परगट होयसी |""" 36 असेरर गोत्र ले हन्नाह नावर फनुएल र बेटी गोटक अगम गिआनी रये |हांय खूबे डोकरी रये, आवरी बिआ होयलार पाचे सात बरस आपनार मुनूस संगे रये | 37 हांय चौरासी बरस ले रांडी रये :आवरी मंदीर के ना छाड़ते रये, मातर उपास आवरी पारतना करी करी राति दिन उपास करते रये | 38 आवरी हांय हांय घड़ी र हांय थाने आई करी परभु र धनेबाद करके धरला, आवरी हांय सबू ले, जोन यरूशलेम र छुटकारा र बाट दकते रये, हांय पिलार बारे ने गोटाय के धरला | 39 जड़ दाय हांय मन परभु र बेबता र अनुसार सबू काई पूरा करी रयेत गलील ने आपना नगर नासरत ने आवरी गलाय | 40 आवरी पिला बाड़ते, आवरी बल बिता होयते, आवरी बुदी ले समपुँरण होयते गला; आवरी आवरी माहा परभु र अनुगरह हातार उपरे रये | 41 हातार आया बुआ रोजे बरस फसल र परब ने यरुशेलम ने जीबार आय | 42 जड़ दे यीशु बारा बरस र होयला, तेबे हांय परब र निती र अनुसार एरुशेलम ने गला | 43 जड़ दाय हाय मन हांय दीने पूरा करी बाहड़ते रयेत, तेबे पिला यीशु एरुशेलम ने रई गला आवरी ए हातार आया बुआ ना जानते रयेत | 44 हांय मन ये समझी करी की हांय आवरी हीनडबा लोक संगे रयसी, एक दीन र थेबबा लगे गलाय :आवरी हाके आपनार कुटुम आवरी जान पहचान लोक ने डगरायके धरलाय | 45 मातर जड़ दाय ना मिरला, तो डगरायते डगरायते यरुशेलम ने बाहड़ी आसलाय, 46 आवरी तिन दिनर पाचे हांय मन हाके मंदीर ने उपदेश र मंजीगता बसी , तिकर सुनबार आवरी पुछबा दाय दकला | 47 जतक तार सुनते रयेत, हांय सबू तार समझ आवरी तार जबाब मन ले चकित रयेत | 48 "तेबे हांय मन ताके दकी करी चकित होयलाय आवरी तार आया ताके बलला, ""हे बेटा, तुय हामके काय काचे असन बेबार करलिस ?दक तोर बुआ आवरी मुय चीड़ चीड़ होयते तोके डगरायते रऊ ?""" 49 "हांय तिके बलला, ""तमि मोके काय काचे डगरायते राहास ?काय ना जानते राहास की मोके मोर बुआ र भवन ने होयबार ची आय ?""" 50 मातर जोन गोट हांय मन ताके बललाय, हांय मन हाके ना समझ लाय | 51 तेबे हांय तिकर संगे गला, आवरी नासरत ने आयला, आवरी हांय मनर संगे रला ; आवरी हातार आया ये सबू गोटके आपना मन ने धरी रये | 52 आवरी यीशु बुदी आवरी गागर ने, आवरी माहा परभु आवरी मुनूक र अनुगरह ले बाड़ते गला |