11
जड़दाय यमन यरुसलेमर लगे हाँय अंतार चेला मन ले दुए लोक के ये बली पटायला| 2 “छमर गांव ने जाआ आंती पहुँच बा के ची गोटक गधीर पीला जहांर उपरे केबीई कोनी ना बोसला आत बांधला ताने तमके दका देसी| आंके डिली आना| 3 आवरी कोनी तमके पुछले `ये काय कजे? तेबे बोला, प्रभु के एतार जरुरतआचे`आवरी जटके ताके इती पटाय देईसी|” 4 हांयमन जाई करी पीला के बाहरर दुआर लगे चोक ने बांधलार पयलाय,आवरी डील के मुराय लाय| 5 आंयतानले जोन मन हांय लगे टिया रहेत, कोनी कोनी बोलके मुरायलाय ये काय बोलबा आस, गधीर पिला के काय कजे डील बा आस?” 6 आयमन जसन यीशु के बोली रलाय, असनी ची हाँय मन के बली देला; तेबे आयमन तीके जायके देलाये| 7 आवरी आयमन पिला के यीशु लगे आनी करी आंतार उपरे खुदर पटई होचाए लाए आवरी यीशु आंतार उपरे बसला| 8 आवरी खुबे लोक मन अपनार अपनार पटई मन के सडाक ने होचाए लाय आवरी दूसरा लोक मन बेडा तानले केन्दा मन के काटी काटी करी होचाए देलाय| 9 आवरी जोन मन आंतार चमे चमे गलाय आवरी आंतार पीटी पीटी आयते रलाय रोसले रोसले बोलते जायते रलाय, होशाना; धन्य आय हांय जोन परबुर नाव ने आऊ आय| 10 हामर बाबा दाऊदर राज जोन आयसी आचे; धन्य आय; आकाश ने होशाना| 11 आवरी हांय यरुसलेम पहुंची करी मंदिर ने आयला, आवरी सबु बटे आवरी सबु बानी के दकी करी बारा संगे बेतनिया गला कसन बल्ले संज होई रला| 12 दूसरा दिने जड़दाय येमन बेतनिया ले निकर लाय तो हांके भूक लागला| 13 आवरी आंय दुरले अन्जिरर गोटक काचा पतरिया गच दकी करी लगे गला, की कोन जानला आचे कांई मीरी जाओ मतर पाना के छाडी कांई ची ना मिरला कसन बल्ले पाकर समय ना रला| 14 एतारी कजे हांय आंके बल्ला अबर कोनी बले केबीई बल्ले तोर पाक ना खायबाये आवरी आंतार चेला मन सुनते रलाय| 15 आंतार बाद हांयमन यरुसलेम ने आय लाय, आवरी हांय मंदिर ने गला,आवरी हांय जोन लेन देन करते रलाय तीके बाहरे निकराय के मुराय लाय आवरी सराफोर (पैसा अदला बदला) मनर टेबुल आवरी परूँआ बिकुमनर समान के उल्टायला| 16 आवरी मंदिर ले होई करी कोनी के ताली बटकी दरी करी आयके जायके देलाय| 17 आवरी उपदेस करी तीके बल्ला, काय ऐ ना लिखला आचे की मोर घर सब जातिर लोक कजे प्रथानार घर होएसी मतर तमी मन एके डाकुमनर खदान बनाए देलास| 18 ऐ सुनी करी महायाजक आवरी शास्त्री हांके नाश करबार मोका डग राहे के मुराय लाय कसन बल्ले आंके डरते रलाय, एतारी कजे की सबु लोक हांतार उपदेस ले चकीत होएते रलाय| 19 संज होएबा के ची यमन नगर ले बहारे गलाए| 20 आवरी बड दाय सकरिया आंधर आंधर जड़दाय यमन आंय बटले जायते रलाय तेबे हांय मन आंय अन्जिरर गच के जड़ ले सुकलार दक लाय| 21 "पतरस के हांय गोट सुरता आयला, आवरी हांय आंके बल्ला ""हे रब्बी दक| ऐ अंजीर जच जोन के तूऐ सराफ देई रलिस सुकी गला आचे""" 22 "यीशु आंके जबाब देला ""महापरुर बटे सोंगाआ|" 23 मोय तमके सत्य बलबी आचे की जोन कोनी ऐ पहाड़ के बलूआय `तूऐ उजड़ी जा आवरी समुद ने जाई गसर, आवरी तोर मन ने संदेय न करले, वरन बिसबास करले की जोन बले आय होईजायसी तो आंतार कजे होई जायसी| 24 एतारी कजे मोय तमके बलुआंय की जोन बले तमी प्ररथना करी मांगा, तोबिसबास करा की तमके मिरला, आवरी तमर कजे होई जायसी| 25 आवरी जड़की दाय तमी टीँया उठी करी परथना करू आस तो तेबे तमर मन ने काहनी कजे कांई बिरुद आचे, आले माप करा; एतरी कजे की तमर सोरगर बाबा बले तमर अपराध के क्षमा करो| 26 आवरी हामर तमी माफ ना करलास आले तमर बाबा बले जोन सोरग ने आचे तमर अपराध माफ ना करसी; 27 यमन आवरी यरुसलेम ने आय लास आवरी जड़दाय हांय मंदिर ने इंडा बुला होएते रला प्रधान याजक आवरी शास्त्री आवरी पुरनिए आंतार लगे आई करी पुचके मुराए लाय| 28 """तुए ये काम काय अधिकार ले आवरी ये अधिकार तोके कोन देला की तूई ये काम कर `”" 29 यीशु टीके बलला, “मोय बले तमके गोटक गोट पुछुआंय मोके जबाप दियास तेबे मोय तमके सान्ग भी की ये काम काय अधिकार ले करू आंय| 30 यहुनार बतिस्मा काय सरग बाटले रला काय मुनुक बाटले रला मोके जवाप दियास| 31 तेबे आंयमन मीसी करी गोटाय के मुरायलाय की अगर हामी बोलुआ सरगर बाटले तो हांय बलसी तेबे तमी मन आंतार विसबास काय कजे ना करलास? 32 आवरी अगर हामी बोलुआ, मुनुकर बाटले, तो लोक मनर डर आचे, कसन बल्ले सबू जानेत की यहुन्ना सत्य ले भविष्यबक्ता रला| 33 तेबे हांयमन यीशु के जवाप देलाए, “हामी ना जानू| यीशु तीके बल्ला, “मोय बले तमके ना सांगी की ऐ काम काय अधिकार ले करू आय|”