12
आवरी यीशु काहनी ले तीके गोटाय के मुराएला: “कोनी मुनुक दाखर खेती लगाय ला, आवरी आंतार सबु बाटे बाड़ा बाँधला आवरी रसर कुण्ड कोड़ला आवरी गुम्मट बनाय ला आवरी किसान मन के टेका देई करी परदेस गला| 2 आवरी फलर समय ने हांय किसान मन लगे गोटक दस के पटाय ला की किसान मनर दाखर खेतिर फलर बाटा आंनो| 3 मतर हांय मन ताके दरी करी मारलाए आवरी छूचाऐ हाथ पटाय देलाऐ| 4 आवरी हांय गोटक दूसरा दास के तिकर लगे पटाय ला; हांय मन तार मुंड के पुटाय लाय आवरी तार अपमान करलाय| 5 आवरी हांय गोटक आउर के पटाय ला; हांय मन ताके मोरने मार लाये तेबे हाँय आवरी खुबे लोक के पटायला; आंयताने हांय मन कतक के मार लाय आवरी कतक के मोर ने मारलाय| 6 अबर गोटक ची बाची रला जोन आंतार खुबे मोया करबा बेटा रला; आकरी ने हांय ताके बले तीकर लगे ऐ विचार करी पटाय ला की हांय मन मोर बेटार आदर कर बाय| 7 मतर हांय किसान मन मिसिकरी गोटाय लाय इतो हांतार बेटा आय:आसा हामी एके मारू, तेबे सबु हामोर होएसी| 8 आवरी हांय मन हांके दरी करी मोरने मार लाये, आवरी दाखर खेतिर बाहरे पकाए लाये| 9 तेबे दाखर खेतिर स्वकार काय करसी? आंयआई करी हांय किसन मन के मोरने मरसी, आवरी दाखर खेती के दूसरा के देई देएसी| 10 काय तमी मन पवित्र शास्त्रर ऐ वचन न पढ़लास; जोन पकना राज मिस्र्त्री कुछ कामर ना मानल आंय ची कोनर मुण्डी होएला| 11 यही परबुर बाटले होएला, आवरी हामर नजर ने अक्चकाए जीबा टा आय” 12 तेबे हांय मन आंके दरबा कजे होएलाय; कसन बल्ले जानी गलाय की आंय हामर विरुध ने ये काहनी सान्गला`| मतर यमन लोक के डराए लाये आवरी हांके छाडी करी गलाए| 13 तेबे हांय मन ताके गोट ने फसाय बा कजे कतक मा फरीसी मन के आवरी हेरिदियां मन के तिकर लगे पटाय ला| 14 "हांय मन आई करी ताके बल लाए ""हे गुरु, हामी जानू की तुई सत्य आस; आवरी कांहरी पीकर ना करिस; कसन बल्ले तुई माने लोकर मुह के दकी करी गोट ना गोटाईस , मतर महापरबुर बाट के सत्य ले सांग्वास| तो काय कैसर के कर देबार ठीक आय की नाई?" 15 "हामी देऊ की ना देऊ?” हांय तिकर कपट के जानी करी तीके बल्ल ""मोके काय कजे परक बा आस? एक दीनार मोर लगे आना, की मोय आंके दक भी|”" 16 यमन आन लाय, आवरी हांय तीके बोलला, “ऐ छापा आवरी नाव काँहर आय`” हांयमन बोल लाए, “कैसरर |” 17 "यीशु तीके बल्ला ""जोन कैसर आय हांके कैसर के, आवरी जों महापरबुर आय आंके महापरबू के दियास |”तेबे यमन हाँतार गोट ने खुबे चकित होएलाय|" 18 पाचे सदुकियो मन बल्ले जोन बलु आत की मरला लोकर जीव उठ बार हाय ची नाई, आंतार लगे आई करी हांके पुछला| 19 “ हे गुरु मूसा ने हामर कजे लिखला आचे की अगर कांहरी भाई बीना बेटा बेटिर मोरू आय आवरी आंतार पत्नी रहू आय, तो आंतार भाई आंतार पत्नी ले बिया करो आवरी आंतार भाई कजे वंश उत्पन करो 20 सात भाई रलाय| गोटक भाई बिया करी बिना बेटा बेटिर मरी गला| 21 तेबे दूसरा भाई ने हांय बायले के बिया कारला आवरी बिना बेटा बेटिर मरी गला; आवरी असनी ची तीसरा बले करला| 22 आवरी सातों के बेटा बेटी ना होएला| सबुर पाचे हांय बायले बले मरला| 23 तेबे जीव उठ बा के हांय कांहर बायले होएसी? कसन बल्ले हांय सातोर बोयले होई रला|” 24 "यीशु तीके बल्ला ""काय तमी एतारी कजे धोका ने ना पड़ला आस की तमी ना पवित्र शास्त्र के जानस आवरी ना ही महापरबुर सामर्थ्य के?" 25 कसन बल्ले ले जड़दाय हांय मन मरला तानले जीव उठ बाए तो यमन ना तो बिया होएबाय आवरी ना ही बिया कजे दबाए, मतर सोरग ने दूत मन मा होएबाय| 26 "मोरला लोकर जीव उठ बा तानर गोट ने काय तमी मुसार पुस्तक ने झाड़ीर कथा ने ना पढाए की महापरु ने आंके बल्ला ""मोय अब्राहमर महापरू आवरी इसहाकर महापरबू आवरी याकुबर महापरबू ?" 27 महापरबू मरला लोकर नाइ मतर जीवित लोकर महापरबू आय; आवरी तमी खुबे धोका ने आचास|” 28 शास्त्री मन ले गोटक आई करी तिके गोटायते सुनला आवरी ऐ जानी करी की हांय तीके अच्छा , ले उत्तर देला हांय पुछला; सबु ले बड़े आज्ञा कोन आय,” 29 "यीशु ताके जवाब देला, ""सबु आज्ञा ले य बड़े आय: `हे इस्राएल सुन! परबू हामर महापरबू गोटक ही परबू आय," 30 आवरी तुई तोर महापरू ले तोर सबु मन ले आवरी तोर सबु जीव ले सबु बुद्दी ले आवरी अपानर सबू शक्ति ले माया कर 31 आवरी दूसरा ऐ आय, `तुई तोर घर लगर (पड़ोसी ) लोक के तोर खुदर असन, मया करएतार ले बड़े आवरी कांई आज्ञा निआय| 32 "शास्त्री ने आंके बल्ला "" हे गुरु खुबे अच्छा| तुई सत्य बोल लीस की आंय गोट्की आय, आवरी हांके छाडी आवरी कांई ची नाई|" 33 आवरी हांके सबु मन आवरी सबु बुद्दी आवरी सबु जीव `आवरी सबु शक्ति ले मया कर; आवरी घर रेटर लोक के अपनार मा मया कर सबु होमबली आवरी बलिदान मन ले बड़ी करी आय| 34 "जड़दाय यिशु द्कला की आंय समझी करी जवाब देला तो आंके बल्ला ""तुई महापरबुर ले दूर निआस"" आवरी कोनी के आंके पुछबार हिम्मत ना होएला|" 35 "पाचे यीशु मंदिर ने उपदेस देबा दाय ये बल्ला ""शास्त्री कसन ने बलुआत की मसी दाऊदर बेटा आय?" 36 "दाऊद ने पवित्र आत्मा ने बरी करी बल्ला आचे:`परबू ने मोर परबू ने बल्ला, “मोर बुज्नी हाथ पाक बोस, जड़कदाय ले की मोय तोर बेर करु मन के तोर गोडर पीड़ा ना बनाई """ 37 दाउद तों ख़ुद ही हाके प्रभु बोली अया,तोहांय आंतारबेटा कसननेहायला?”आवरी भीड़र लोक हातार आनन्द ले सुनते रालय:| 38 "हांय अपनार उपदेश ने तीके बलला ""शास्त्रीमन ले बाची करी राहा जोंन मन लम्बा लांब चोंगे (कपड़ा )पिंदी करी बुलबार आवरी हाट ने नमस्कार," 39 आवरी आराधनालय ने मुख्य मुख्य आसन आवरी भोज ने मुख्य मुख्य स्तान बले डगराउ आत 40 यमन विधवा मनर घर के खाई जवात, आवरी दखायबा काजे खुबे बेरा ले परथना रउ आत| यमन अधिक दंड पयबाय |” 41 हांय मन्दिरर भंडारर सामने बोसी करी दखते रला की लोक मंदिरर भन्डार ने कसन प्रकार ले पैसा डालबाय; आवरी खुबे धनवान मन खुबे डाललाऐ | 42 अतक ने गोटक गरीब आई करी दुई दमड़ी,जोंन गोटक अधले( ऐक रुपया तान ले चराना मा आय) डाली देला| 43 "तेबे हांय आंतर चेलामन के आग देई करी बलला ""मोय तमके सत्य बोलबी आचे की मन्दिरर भंडार ने डालबा लोक तान ले ऐ गरीब विधवा ने सबू ले जादा डालला;" 44 कसन बलले सबू लोक अपना धनर बढ़ती तनले डालला आत मातर ये एतार घटी तानले जोंन बले ऐतर लगे रला अर्थात(बलले)आंतार सबू जीवनार मूर के डालला |”