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तेबे कतक मा परिसी आवरी शास्त्री जोन यरुसलेम ले आयी रलाय, आंतार लगे कूड़ा होयलाय, 2 आवरी हांय मन यिशुर कटटा मा चेला मन के अशुध्द बल्ले हाथ ना धोएलार ले रोटी खायबार दकला- 3 कसन बतेबे कतक मा परिसी आवरी शास्त्री जोन यरुसलेम ले आयी रलाय, आंतार लगे कूड़ा होयलाय, ल्ले परिसी आवरी सबु यहूदी, आगर रीती रिवाज ने चलूआतआवरी जड़दाय ले अच्छा ले हाथ ना धोयत तेब ले ना खायत; 4 आवरी हाट ले आयी करी, जड़क दाय ले पानी ना धोयत, तेब ले ना खायत; आवरी खुबे असन गोट अच्छे, जोन आंतार गोट के मान बा कजे पहुचाय ला आत, जसन की बटकी, आवरी कसेला, आवरी तामार ताली बटकी के माझ बार| 5 एतारी कजे परिसी आवरी शास्त्री मन हांके पूछलाय, “ तोर चेला मन खाय कजे आगर लोकर रीती रिवाज ने ना चलेत, आवरी ना धोयी करी हाथ ले रोटी खाहु आत?” 6 हांय तीके बलला, “यशाया ने तमी कपटी मन कजे खुबे अच्छा बबिसबानी करला; “जसन लिक ला आचे 'ऐ मन टोंडले तो मोर आदर करू आत, मतर येमन मन मोर ले दूर रहू आय| 7 येमन पोकाहा कजे मोर उपास करू आत, कसन बल्ले मानेर आदेस के धरमर गोट बोली सीखावात|' 8 कसन तमी महापरबुर गोट के छाड़ी करी मानेर गोट के मानू आस|” 9 "हांय तीके बल्ला ""तमी खुदर रीती रिवाज के मानबा कजे महा परबुर आदेस के कसन बढिया ले छड़ी देहु आ!" 10 कसन बल्ले मूसा बल्ला आचे खुदर आया बाबार आदर कर,' आवरी' जोन बल्ले आया बाबा के जगडा लागु आय हांय जरुर मोरत ले मार खाओ|' 11 मतर तमी बल्लबा आस की अगर कोनी अपनार माता या पिता के बोलो, ' जोन कांही बल्ले तोके मोर ले लाभ होयके सकता हांय बलिदान बल्ले संकल्प होयला|' 12 तेबे तमी हांके आंतार बाबार नोएले आयार कांई सेवा करके ना दियास| 13 असनी ची तमी अपनार रीती रिवाज ले, जोन के तमी बनाय ला आस, महा परबुर बचन के छाडी देहु आस; आवरी असनी असनी खुबे काम करू आस|” 14 तेबे हांय लोक के आंतार लगे आग देई करी तीके बल्ला, “ तमी सबु मोर सूना, आवरी समझा| 15 असन कांई चीज निहाय जोन मानर जीवन ने बाहार ले आई करी आंके अशुध्द करो; मतर जोन चीज मानेर बितर ले निक्रू आय, हांय ची ताके अशुध्द करू आय| 16 अगर कोनी के सुन बा कान आचे आले सूना|]” 17 तेबे भीड़ लगले घरे गला, तेबे आंतार चेला मन ऐ गोटर बारे ने आंके पूछ लाय | 18 "हांय तीके बल्ला "" काय तमी बल्ले असन ना समझ आस? काय तमी ना समझू आस की जोन चीज बाहर ले मानेर बितर जाहू आय, हांय आंके अशुध्द ना करके सके?" 19 कसन बल्ले हांय आंतार मन ने निहाय, मतर पेट जाहू आय आवरी बाटा ने निकरी जाहू आय?; ऐ बल्ली सबू खाय बा चीज के शुध्द बल्ला| 20 तेबे आवरी बल्ला, “जोन मानेर ले निकरु आय हांय ची माने के अशुध्द करू आय 21 कसन बल्ले बितर ले, मानेर मन ले, गलत गलत बिचार बेबिचार, चोरी, हत्या , अनेतिक रिश्ता| 22 लोभ, दुष्टता चल, लुच पन, कुदृष्टी, निंदा, अभीमान आवरी मुर्खता निकरू आय | 23 ये सबू गलत गोट बितर ले ही निकरू आय आवरी माने के अशुध्द करू आय|” 24 आवरी हांय हांती ले उठिकरी सुर आवरी सैदार देश ने आयला; आवरी गोटक घरे ने गला ने गला आवरी चाहते रला की कोनी ना जानोत; मतर हांय चुप के ना सकला| 25 आवरी तुरते गोटक बायले जांहार सुरु के अशुध्द आत्मा रला, आंतार गोट के सुनीकरी आयला, आवरी आंतार गोड तले गसर ला| 26 ये यूनानी सुरुपिनिकी जातिर रला| हांय ताके गुहार करला की मोर बेटिर दुष्ट आत्मा के निकराय देस| 27 हांय ताके बल्ला, “आगे पिला मन के खायके देस, कसन बल्ले पिला मनर रोटी के धरी करी कुकुरर चमे देबार अच्छा नुहाए|; 28 हांय ताके जवाब देला, “ सत्य आय परबू; तेबे कुकुर मन बल्ले कुरसीर तले पिला मनर रोटी के चुक चूका के खाऊ आत|” 29 हांय ताके बल्ला, “ये गोट कारन जा; दुष्टत्मा तोर बेटी तानले निकरी गला आचे|” 30 हांय आंतार खुदर घरे आई करी दकला की टोकी कटिया ने आचे, आवरी दुष्ट त्मा निकरी गला आचे| 31 आवरी हांय सुर आवरी सैदार देश ले निकरी करी दिकापुलिस ले होई करी गलीलर झील लगे पहुँच ला| 32 तेबे लोक मन गोटक बयरा के जोन हकला रला, आंतार लगे आनी करी बिनती करला की अपनार हाथ के आंतार उपरे सोंगाव| 33 तेबे हांय हांके भीड़ ले अलगे नेला, आवरी अपनार अंडकी मन के आंतार काने टेकाय ला, आवरी तुकी करी आंतार जीब के छींई ला; 34 "आवरी सोरग बाटे दकी करी आह करला, आवरी ताके बल्ला ""इप्फतह!"" मतलब ""खुली जाओ""!" 35 आंतार कान खुलला, आवरी आंतार जिबर गटी बल्ले खुली गला आवरी हांय साफ साफ गोटाय के मुराय ला| 36 तेबे हांय तीके बल्ला की कोनी के ना सांगा मतर जतक हांय तीके सांगला अत्की ची हांय मन आवरी परचार करके मुराय लाय| 37 "हांय मन खुबे अक्च्काय होई करी बल के मुराय लाय, “ हांय जोन काँई करला सबु अच्छा करला आचे"" हांय बयरा मन के सुनबा कजे, आवरी कोंदा लोक के बल्ला ताकत देहु आय|”"