13
हांय दिने यीशु घर ले निकरी करी नदी रेटे जाई करी बलला,| 2 आवरी हान्तार लगे खुबे बीड़ खुडा होयला की हांय डोंगा ने चेगला, आब्री सबू बिड रेटे टिया रला | 3 आवरी हांय तिके परचार करी खुबे असन गोट बलला; गोटक बुनबा बिता बिज बुनबा काजे निरकला | 4 बुनबा दाय किन्डिक मा बिज बाटर रेटे घसरला,आवरी छेड़े मन आई करी हांके चाब लाय 5 किंडीक मा बीज पतरिली भाटा घसरला, जोनती आंके खुबे माटी ना मिरला आवरी खुबे माटी ना मिरबा लागी हांय झटके बाड़ला | 6 मातर बेर निकबा के हाँय जोय दरला, आवरी चेर ना दरबा के सुकी गला | 7 किन्डिक मा बिज गच रेटे घसरला आवरी गच मन बाड़ी करी ताके चेपाय | 8 मातर किन्डिक मा बिज अच्छा भाटा ने घसरला,आवरी फल आनला,कोनी सो गुना कोनी साट गुना,आवरी कोनी तीस गुना | 9 जांहार कान आचे हांय सुना | 10 चेला मन लगे आसी करी हांके बलला,तुई लोक के परचार मन ने काय काजे गोटाय बी आस? 11 हाँय बलला, तोमके सरग राजर वेदर समज देला आछे, मातर ति के नुआय| 12 कसन की जाहार लगे आचे, आंके दिया जायसी,,आवरी हांतार लगे खुबे होयसी; मांतर जाहार लगे कांइ निआय, आंय ले जोन पने हातार लगे आचे, आन्यके पने दरा जायसी | 13 मैं हांय मन ले परचारर आंय काजे गोटाय बीची आची की हाँयमन दकी करी ना दकेत आवरी सुनी करी ना सुनेत, आवरी ना समजेत | 14 तिकर करतूत ने यशायाहर ये भविस्वानी पूरा अऊ आय; तमी कान ले तो सुनु आस मातर ना समझास; आवरी आंकी ले तो दकबा आस मातर तमके कांई मा ना लागे | 15 कसं की ये लोक मनर मन मटाव ओयला आचे, आवरी हाँय मन काने कम सुनु आत आवरी तिकर आंके के हांय मन लिमला आत; केबी असन ना हो की हांय आंकी ले दकोत आवरी कान ले सुनोत आवरीमनलेसमझोत,आवरीबाहाड़ोत, आवरी मैं तिके अच्छा करबी |, 16 मातर धन्य आय तमर आंकी, की हांय दकुआय; आवरी तमर कान के हांय सुनु आय,| 17 कसन की मैं तमके सते बबी आची की खुबे असन भविस्वकता मन आवरी धरम करू मन चयलाय की जोन गोट तमी दकबा आस, दका, मातर ना दकी; आवरी जोन गोट तमी सुनु आस, सूना, मातर ना सुनु | 18 अबर तमी बलबा लोक परचारर अरत सूना; 19 जोन कोनी राजर बचन सुनी करी ना समझे, हातार मन ने जोन पने बुनी रलाय, हांके हांय दुष्ट आई करी जीकी नेहू आय | ये आंयी आय, जोन बाट रेटे बुनी रलाय | 20 आवरी जोन पकना खुडा ने बुनला आत, ये आई जोन बचन सुनी करी अड्किची दाय अरिक संगे मानु आय | 21 मातार अपनार चेर ना दरबा लागी कीनिक मा दिनर आय, आवरी जेबे बचनर लागी कलि नोयले झगड़ा दंड अउ आय, तो तेबे अड्कीची दाय टेस काऊ आय | 22 जोन गच मन लगे बुनलार आचे, ये हांय आय, जोन बचन के सुनु आय, मातर ये जुगर चिंता आवरी धनर दोका बचन के चेपाऊ आय, आवरी हांय फल ना आने | 23 जोन अच्छा भूयने बुनला आचे, ये हांय, जोन बचन के सुनी करी समझूआय, आवरी फल आनु आय; कोनी सो गुना, कोनी साट गुना, आवरी कोनी तीस गुना | 24 यीशु तिके गोटक परचार देला; सरगर राज हांय मानेर असन आय जोन अपनार बेड़ा ने अच्छा बिज बुनला | 25 मातर जेबे लोक सोयते रहेत तेबे हांतार सतरू गेहुंर मंजी झ्न्गली बिज बुनी करी जायते | 26 जेबे गाजा निकरला आवरी बाड़के मुरायला,तेबे झारर धानर बूटा पने दका देला | 27 तेबे बीसायबा जगा ने दास मन आई करी बलला,” ये सामी,काय तुई अपनार बेड़ा ने अच्छा बिज ना बुनी रलिस? आवरी झारर धानर बूटा मन आयती कोन लगले आयला? 28 हांय तिके बलला,ये कोनी सतरुर काम आय |” दास मन ताके बोललाय, काय तोर मन आय,की हामी जाई करी ताके सकलबू ? 29 हांय बोलला नाई, असन ना हओ झारर धानर बूटा मन के सकल बा दाय तोमि हांतार संगे गेहूं के पने जीकी आना | 30 काटबा दाय ले दुनो के गोटक संगे बाड्के के दियास, आवरी काटनी दाय लेकाटबा लोक के बलबी की पहीले झारर धानर बूटा जीकी करी जरायबा काजे तिकर बारा बांदा, आवरी गंहू के मरला बेड़ा ने रुंडाआ | 31 हांय तिके गोटक आवरी परचार देला; सरगर राज राईर गोटक बीजा असन आय, जोन की कोनी माने दरी करी अपनार बेड़ा ने बुनी देला | 32 आंय सबू बीजा ले सुरु तो आय मातर जड़ दे बाडू आय तेबे सबू साग बाजी ले बड़े अउ आय; आवरी असन गच अउ आय बादरीर छेड़े आसी करीहांतारकेन्दा ने डेरा दरू आय |” 33 हांय गोटक आवरी परचार तिके सुनायला;” सरगरराजखमीररअसनआयजोन कोनी बायले दरी करी तीन अनजरा आटा मिसाय देला आवरी रई रई आंयसबू सरिगला |” 34 ये सबू गोट यीशु परचार ने लोक मन के बलला, आवरी परचार बिना हांय तिके काई ना बलबार आय, 35 कसन की जोन बचन भविस्वकतार बाटले बलाय जाई रहे, आंय पूरा हओ; मैं परचार बलले मोर मुंह कोलबी; मैं आंय गोट मनके जोन जुगर सुरु होयला दाय ले लुकला आचे चोमे आनबी |” 36 तेबे हांय भीड़ के छाड़ी करी घरे आसला, आवरी तार चेला मन तार लगे आसी करी बललाय, बेड़ार झारर बिजर परचार हामके समझाय देस |” 37 हांय तिके बलला, अच्छा बीजा के बुनबा बिता मानेर बेटा आय | 38 बेड़ा सओसार आय, अच्छा बीजा राजर बेटा, आवरी झार र बीजा दुष्ट र बेटा आय | 39 जोन सतरू ताके बुनला हांय सयतान आय: काटनीजुगरसरबादीनआय,आउर काटबा बीता सरग दूत आय | 40 तेबे: जसन झार र बीजा सकला जाऊ आय आवरी जराया जाऊ आय असनी ची जगत र सरा सरी दीने होयसी | 41 मानेर बेटा तार सरग दूत के पटायसी, आवरी हांय तार राज ले ठोकर र कारन बनू लोक के आवरी कुकरम करबा लोक के रुंडा करसी, 42 आवरी तीके जोय र कुंड ने पकाय बाय, जोनती कान्द बार आवरी दात कतर बार होयसी | 43 हांय दाय धर्मी आपना बुआ र राज ने बेर असन चमक बाय |जाहार कान आचे हांय सूना | 44 सरग र राज बेड़ा ने लूकला धान असन आय, जोन के कोनी माने पायला आवरी लुकाय देला, आवरी खुबे हरीक होई जाई करी आपना र सबु के बिकी देला, आवरी हाय बेड़ा के घेनला | 45 आउर सरग र राज गोटक बेबारी असन आय जोन अच्छा मोती र खोज ने रला | 46 जेबे हाके गोटक बहु मूल्य मोती मीरला तेबे हाय जाई करी आपनार सबु के बिकी देला आवरी ताके घेनला | 47 आउर सरग राज हाय बड़े जाल असन आय जोन के समुंद ने पकाय लाय आवरी सबु असन माच के सकली आन लाय 48 आवरी जेबे जाल भरी गला, तेबे माच धरु मन हांके रेटे झीकी आनलाय, आवरी बसी करी अच्छा अच्छा थाली ने सकल लाय आवरी घीन घीना टा के पकाय देलाय 49 जुगर आखरी ने असनी होयसी |सरग दूत आसी करी दुष्ट मन के धरमी मन ले अलग करबाय 50 आवरी तीके जोयर कुण्ड ने पकाय बाय |जोनती कान्द बार आवरी दात कतर बार होयसी | 51 काय तोमी ये सबु गोट के समझ लास? हांय मन ताके बललाय, “ हव|” 52 हांय तीके बलला, हाई काजे सबु गोटक शास्त्री जोन सरग राजर चेला बनला आचे, हाय गरण असन आय जोन आपना भण्डार ले नुआ आवरी जुना तीजमन के नीकराऊ आय | 53 जड़ दाय यीशु ये सबु परचार बली सराय ला, तेबे हांय लगले जायते गला | 54 आवरी आपना र नगर ने आसी करी तीकर पारतना घरे तीके असन उपदेस देयके मुराय ला की हांयमन चकित होई करी बल लाय, एके ऐ गियान आवरी सामर्थ र काम कोण लगले मीरला? 55 काय ये बड़ेई र बेटा नुआय? आवरी काय एतार आयार नाव् मरीयम आवरी एतार भाई र मनर नाव याकूब, युशुफ, शमौन आवरी येहूदा नुआय? 56 आवरी काय एतार सबु बहिन मन हामर लगे ना रुऊ आत? आवरी एके ऐ सबु कोन लगले मीरला? 57 एतार असन हांय मन तार लागी ठेश खायलाय,मातर यीशु तीके बलला, बविश्बक्ता आपनर देश आवरी आपनर घर के छाड़ी आवरी कोनी थाने नीरादर ना होये | 58 आवरी हांय बलला तीकर विशबास नोयबा लागी खुबे असन सामर्थ र काम ना करला |