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हांय समया चारटा देशर राजा हेरोदेश यीशुर गोट के सुनला, 2 आवरी तार सेवक मन के बलला, “ये युहना बपतिस्मा दबा बीता आय: हाय मरला लोकले जीयला आचे, हाई काचे हांय तार ले शामर्थ र काम होऊ आय 3 कसन की हेरोदेश आपनर भाई फीलीफुस र बायले हेरोदेशर लागी, युहना के धरी करी बांदी आवरी जेल घरे सोंगाय रलाय | 4 कसन की युहना हांके बली रला की ताके सोंगाय बार तोर काचेअच्छानुआय | 5 हाई काचे हाय ताके मारबार चाहेते रला, मातर लोक के डरते रला कसनबलले हाय मन ताके भविश्बक्ता मानते रयेत | 6 मातर जेबे हेरोदेशर जनम दीन आयला, हेरोदेशर बेटी उत्सव ने नाची करी हेरोदेश के हरीक कारला | 7 तार पाचे हांय कीरीया खाई करी बचन देला, जोन बाले तुय मांगबीस मयतोके देबी 8 "हांय तार आया सिखाय के बलला ""युहना बपतिस्मा देबा बीतार मुंड थाली ने ई लगे मोके आनाय देस |”" 9 राजा दुःख होयला, मातर तार कीरीया आवरी संगे बसला लोक र लागीआगेया देला की देई दीयास | 10 आवरी हांय जेल घरे लोक के पठाय करी युहनार मुंडी के काटाय देलाय; 11 आवरी तार मुंडी के थाली ने आनलाय आवरी टोकी के देलाय, जोन हांय तार आया लगे नेला | 12 तेबे युहन्ना र चेला मन आयलाय आवरी हातार मुंडी के नेई करी गाड़ी देलाय, आवरी जाई करी यीशु के खबर देलाय | 13 जड़ दाय यीशु ये सुनला, तेबे हांय डोंगा ने चेगी करी हायती ले कोनी चीम चाम जगा ने जायते गला |लोक ये सूनी करी नगर नगर ले हीड़ते ची तार पीटी पीटी गलाय | 14 हांय नीकरी करी गोटक बड़े भारी भीड़ दकला आवरी तीकर उपरे तरस खायला, आवरी तीकर बीमारी के अच्छा करला | 15 जड़ दाय संझ होयला तेबे तार चेला मन हातार लगे आसी करी बललाय, ये चीम चाम जगा आय आवरी बेर होयसी आचे;लोक के बीदा करा की हाय मन जाई करी आपना काचे भात साग घेनोत | 16 मातर यीशु तीके बलला, तार जीबार जरुरी नुआय तमी ची तिके कायबाकाजे दियास |” 17 हांय मन ताके बललाय, इति हामर लगे पांच टा रोटी आवरी दुई टा माछ के छाड़ी आवरी काई नियाय |” 18 हांय बलला तिके इति मोर लगे आना |” 19 तेबे हांय लोक मन के चारा ने बसबा काजे बलला, आवरी हांय पांच टा रोटी आवरी दुई टा माछ के दरला;आवरी सरग बाटे दकी करी धन्य बाद देलाआवरी रोटी के गोंदा करी चेला मन के देला, आवरी चेला मन लोक के | 20 जड़ दाय सबू के काई करी पेट के बर लाय, तेबे चेला मन बाचला गोंदा मन के बरला बारा टुकना उठाय लाय | 21 आवरी कायबा बायले टोकी आवरी पिला टोकी के छाड़ी करी पांच हजार माने मन लग भग रलाय | 22 तेबे हांय अड़की ची दाय अपनार चेला मन के डोंगा ने चेगबा काजे तेकाहा होयला की हांय हातार पहिले आय पाट जाहो, जड़ दाय ले हांय लोक मन के विदा करसी | 23 हांय लोक के विदा करी, परथना करबा काजे अलगे अलगे डोंगरी ने जायते गला, आवरी संज बेरा हांय आंयती एकला रला | 24 आंय समय ने डोंगा झीलर मंजी लेहेरा ने आलते रहे कसन बलले लेहेरा चोमे रला | 25 आवरी यीशु रातीर चार पाहारे झील ने हिंडते तिकर लगे आयला | 26 चेला मन ताके झील ने हिंडबार दकी चकित होयला | आवरी बलके मुरायलाय ये बुत आय | आवरी डरी करी कोलार होयलाय | 27 तेबे यीशु अड़की ची दाय तिके गोटाय ला आवरी बलला, डाड़स बांदा | मैं आय न डरा | 28 पतरस ताके बलला ये परभू अगर तुई ची आस, मोके तोर लगे पानी हिंडी करी आयबा काजे आगेया देस,” 29 हांय बलला, “आव |” तेबे पतरस डोंगा ले उतरी करी यशु लगे जिबा काजे पानी ने हिंडके मुरायला | 30 मातर लेहेरा के दकी करी डरला, आवरी जड़ दाय बूड़के मुरायला तेबे कोलार होई बलला, ये परभू मोके बाचाव | 31 यीशु अड़की दाय हाथ के चोमे करी आंके दरला आवरी ताके बलला विशवास करबा लोक,तुई काय काजे मन के दुई टा करलिस ? 32 जड़ दाय हांय मन डोंगा ने चेगलाय, तेबे लेहेरा तेबला | 33 तेबे हांय मन जोन डोंगा ने रलाय, ताके पांय पड़ी ताके बललाय,सटे तुईमहा परभुर बेटा आस |” 34 हांय मन आंय पाट उतरी करी गनेसरत ने पंहचलाय | 35 हांतिर लोक मन हांके चिताय लाय लगर लगर सबू देश ने खबर पटाय लाय,आवरी सबू बिमारी मन के हांतार लगे आनलाय, 36 आवरी लोक गुहार करी बललाय की हांय तिके तोर फटीहीर घड़ी के पने चिंयके देस; आवरी जतक पने ताके चिंयलाय, हांय मन अच्छा होयलाय |