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हांय ये कूड़ा के दकी करी डोंगरी ने चेगला, आवरी जेबे बसला तेबे तार चेला मन तार लगे आयलाय | 2 आवरी हांय आपनार मुह उगाड़ी करी तीके हांय उपदेश देला; 3 धन्य आत हांय मन, जोन मनर सीधा आत कसन की सरगर राज तिकर आय | 4 धन्य आत हांय मन ,जोन पश्ताऊ आत, कसन की हाय मन शांति पायबाय| 5 धन्य आत हांय मन, जोन सोज आत कसन की हांय मन धरतनिर हकदार होयबाय| 6 धन्य आत हांय मन,जोन धरमर भूके प्यास आत कसन की हांय मन संतुस्ट होयबाय | 7 धन्य आत हांय मन, जोन दयालु आत कसन की तिके दया करबाय | 8 धन्य आत हांय मन, जाहार मन सुध आचे, कसन की हांय मन महापरभु के दकबाय | 9 धन्य आत हांय मन, जोन मिलायबा बिता आत, कसन की हांय मन महापरभूर बेटा बोलायबाय | 10 धन्य आत हांय मन, जोन धरमर कारन दंड पाउआत, कसन की सरगर राज तीकर आय | 11 धन्य आस तमि, जेबे माने मन मोर काचे तोमर निंदा करबाय, आवरी दंड आवरी झूट बोली बोली करी तोमर बिरुद ने सबु परकारर गलत गोट बलबाय | 12 तेबे हरिक आवरी धुंद हुआ, कसन की तोमर काचे सरगने बड़े फल आचे |एई काचे की हांय मन हांय भबिश्बकता मनर जोन तोमर ले आगे रयेत हाई रीती ले दंड देई रयेत | 13 तोमि धरतनिर नोन आस; मातर अगर नोनर सुआद नससी, तेबे हांय आवरी काई कामर नुआय, मातर हांके की बाहरे पकाउआत आवरी माने मनर गोड़ तले लगडू आत | 14 तोमि जगतर उजर आअस| जोन नगर डोंगरी ने बसला आचे हांय लुक्के ना सके| 15 आवरी लोक मन दीया धराय करी पयमानेर तले नाई मातर दीया सोंगायबा थाने सोंगाउ आत, तेबे हांयले घर ने सबू लोक काचे उजर देउआय | 16 हाई परकार तोमर उजर माने मनर छोमे चमको की हांय तोमर अच्छा काम मनके दकी करी तोमर बुआ के, जोन सरग ने आचे, सहराहा| 17 ये ना समझा, की मय व्यवस्थार नोयले भविस्बकता मनर पुस्तक के लोप करके आयली आची, लोप करबा काचे नाई, मातर पूरा करबा काचे आयली आची 18 जसन की मय तोमके सते बलबी आची,की जेबे तक ले बादरी आवरी धरतनि टले, तेबले व्यवस्थार ले गोटक बले शबद नोयले गोटक बिंदु पने पूरा ना होयलार ना टले 19 एइकाजे जोन कोनी सुरु सुरु आगेया मन ने कोनी गोटक के टुटाव,आवरी असनी ही लोग मनके सिखाव, हांय सरगर राज ने सबुले सुरु बलायसी; मात्र जोन कोनी हांय आगेया के पालसी करसी आवरी तिके सिखायसी,हांय सरगर राज मने महान बलायसी | 20 कसन की मय तोके बलबी आचे,की अगर तमर दरमिकता शास्त्री मन आवरी फरीसी मनर दरमिकता ले बड़ी करी ना अहो,तेबे तमि सरगर राज ने केबी जायके ना सकास | 21 तमि सुनला आत,की आगर समय ने लोग मन ले बोली रहेत की ह्त्या ना कर, आवरी जोन कोनी ह्त्या करू आय हांय कचहरी ने दंडर योग होयसी | 22 मातर मय तमर ले हे बोलू आय,की जोन कोनी अपनार भाई के रिस अहोआत, हाय कचहरी ने डंडर योग होयसी, आवरी जोन कोनी अपनार भाई के तले करू आय हांय महा शभा ने दंडर योग होयसी;आवरी जोन कोनी बलु आत हे मुर्क हांय नरकर जोयर दण्डर योग होयसी | 23 एइकाजे अगर तुई अपनार भेट वेदी ने आनु आस,आवरी आय ताने उई स्मरण करी,की तोर भाईर मन ने तोर काजे कांइ रिस आय, 24 तेबे अपनार भेट आय वदिर चोमे चादी देस,आवरी जाई करी अपनार भाई संगे मिस आवरी तेबे आई करी अपनार भेट चेगाव | 25 जेबे तक तुई अपनार मुदहीर संगे, तार संगे जटके मिसी करी काई असन ना हो की मुदही तोके मुख्या के सोपसी,आवरी मुख्या तोके सेना मन ले सोपीदेसी,आवरी तुई बंदी घर ने सोंगाय बाय | 26 मै तोर ले सते बलबी आची की जेबे तुई कोडी कोडी ना भरी देहिस तेबे तक हाय तान ले निकर के ना सकिबीस | 27 तोमी सुनला आस की बल्ला आत,वेबिचार ना कर | 28 मातर मै तोमके हे बालू आय, की जोन कोनि कोनी बायले के गलत दकु आय हाय अपना मनर तीके दकु आय वेविचार बलाऊ आय | 29 अगर भुजनी आंकी टोकर कुआऊ आय,तेबे ताके निकराय करी पकाव;कसन की तोर काजे हे ही अच्छा आय की तोर शरीर ले गोटक नस्ट होयसी आवरी तोर सबू शरीर नरक ने पकायत | 30 अगर तोर भुजनी हाथ तोके टोकर कायसी,तेबे ताके काटी करी पकाय देस;कसन की तोर काजे यही अच्छा आय की तोर शरीर ले गोटक नस्ट होयसी आवरी तोर सबू शरीर नरक ने ना पकायबाय | 31 पने बलि रहेत, जोन कोनी अपनार बायले के तलाक देबार चाउ आय, तो ताके त्याग पत्र देस,| 32 मातर मै तोमर ले हे बालू आय की जोन कोनी अपनार बायले के वेविचारर चाडी कोनी आवरी कारन ने तलाक देऊ आय,तो हांय ताके वेविचार कराउ आय;जोन कोनी चाडला टाके विहा करू आय, हांय वेविचार करू आय | 33 आवरी तोमी सुनला आत की आगर कालर लोग बला आत, जुट किरिया ना का,मात्र पराभू काजे अपनार किरिया के पूरा कर | 34 मातर मै तोमर ले हे बलु आय की केबी किरिया ना का, ना तो सरगर, कसन की आय परमेश्वरर सिंगासन आय; 35 ना धरतीर,कसन की आय तार गोडर चौकी आय; ना यरूशलेम मर,कसन की आंय महाराजार नगर आय | 36 अपनार मुंडर पने किरिया ना का कसन की तुई गोटक बाल के पने ना उजर, ना करिया करके सकिस | 37 मातर तोमर बोत हा की हा, नुहाय की नुहाय ना अहो;कसन की जोन पने एतार ले अदिक अउ आय आय गलत ले अउ आय | 38 टोमी सुनला आत की बलला आत, आंकिर बदला ने आंकी आवरी दातर बदला ने दात | 39 मातर मै तोमके हे बलबी आचे की गलतर सामना ना कर;मातर जोन कोनी तोर भुजनी गाल ने तापड मारोत, तो तार बाटे दूसरा गाल के पने देस | 40 अगर कोनी तोर ले नालिश करी तोर उडाता ने बार चाऊ आत,तो ताके दोहर पने देस | 41 जोन कोनी तोके कोस भर ने बेगार ने उआय,तेबे तार संगे दुई कोस गलला | 42 जोन कोनि तोर ले मांगू आय,आयके देस; आवरी जोन कोनी उदार दरू आत, ताके देस मुं ना मोड़ | 43 तोमि सुनला आत की बलला आचे,अपनार घर लगर लोक मन के मया कर,आवरी अपना ले बैर ले बैर सोंगाव | 44 मांतर मै तोके हे बलूआयं की अपनार बैरी मन ले मया सोंगाव आवरी अपनार दुसमन मन काजे पराथना कर, 45 जोन ले तोमि अपनार सरगर बाबार बेटा रबास कसन हांय अपनार अच्छा आवरी नोयलार दुनो ने अपनार बेर उदाऊ आय, आवरी धरमी आवरी अधरमी दुनो के पानी माराऊ आय | 46 कसन कीअगर तोमि अपनार ही मया सोंगाय बा लोक ही ले मया सोंगाय बास, तेबे तो तोमर काजे काय फल होयसी ? काय करजा दरबा बिता असन ही ना करेत ? 47 अगर तोमि अपनार भाई मन के ही नमस्कार करू आस,तेबे कोन ले बड़े काम करू आस ? काय दूसरा जाती पने असनि ना करेत ? 48 एइकाजे तोमि सीदा हुआ, जसन तोमर सरगर बाबा सीदा आय |