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सावदान राहा| तमि माने मन के दकायबा काजे अपनार धरम काम ना करा, नोयले अपनार सरगर बाप ले कान्हीची फल ना पायबास | 2 एइकाजे जेबे तुई दान करुआस,तेबे अपने चोमे तुरी ना बजाव,जसन कपटी, सभा मनर आवरी गलील ने करते रहेत,असन की लोग तिकर बड़ाई करोत |मै तमर ले सते बोलबी आचे की हांय मन अपनार फल पायला आत | 3 मान्तर जेबे तुई दान करूआस, जेबे जोन तोर भुजनी हाथ करू आय,आयके तोर डेबरी हाथ ना जानके सको | 4 जसन की तोर दान गुपत ने रहो,आवरी तेबे तोर बाबा जोन गुपत ने दकु आय,तोके फल देसी | 5 जेबे तुई पराथना करू आस,तेबे कपटी मनर सामान ना अहो, कसन की लोग मन के दकाय बा काजे मण्डली ने आवरी बाट मोड़ मन ने टीयां होहिकरी पराथना करबार आंय मन के अच्छा लागु आय | मै तोमके सते बोलबी आचे की हांय मन अपनार फल पायला आत | 6 ; मान्तर जेबे तुई पराथना करू आस,तेबे अपनार घर बितरे जा; आवरी कपाट बंद आरी अपनार बाबा संगे जोन गुपत्त ने आचे पराथना कर | से तेबे तोर बाबा जोन गुपतने दकु आय,तोके फल देसी| 7 पराथना करबा दाय दूसरा जाती मनर समान किची किची ना कर, कसन की तिकर बोलबा ने तिकर सुनबाय | 8 एइकाजे तुई तिकर समान ना बन, जसनकी तमर बाबा तमर मांगला ले आगे ले जानते रहे की तोर काय काय जरूरत आय | 9 अबर; तुय असन रीती ले परथना करते रहा : , हे आमर बाबा, जसन तुई सरग ने आचिश; तोर नाव पवित्र मानी जायसी | 10 तोर राज्य आय तोर जशन इच्छा सरग ने पूरा ओयसी | असनी धरती बले हओ | 11 हामर दिन भरर रोटी आजी आमके देस| 12 आवरी जसन परकार हामी ने अपने अपराधियो के माफ़ करला आचे, असनि तुई बले हामर गलती के माफ़ कर | 13 आवरी हामके परीछा ने ना मान्तर बुराई ले बचाव; (जसकी राज्य आवरी पराक्रम आवरी महिमा रोजे तोर ही आत | आमीन) 14 असनि आबर तुई आदमीर गलती के छमा करबिस, तेबे तोर श्वर्गीय बाबा बले तोके माफ़ करसी| 15 आवरी तुई आदमीर गलती के छमा ना करले तो तोर बाबा बले तोर गलती के छमा ना करे | 16 जेबे तुई उपास करू आस, कपटी मनर असन तोमर मुं नीरास ना रहो,कसन की हांय मन अपनार मुं के बनाय रऊ आत,कसन की लोग तिके उपास आचे बोली जानत | मै तोमके सते बोलबी आचे की हांय मन अपनार फल पायला आत | 17 मान्तर जेबे तूइ उपास करू आस तेबे अपनार मुंड ने तेल लगाव आवरी मुं दो, जसन की लोग नाही मान्तर तोर बाबा जोन गुपत आचे,तोके उपास जानो | 18 हे दसा ने तोर बाबा जोन गुपत ने दखु आय, तोके फल देसी | 19 अपनार काजे धरती ने धन ना कुडाव,जोनके कीड़ा माकडा नासाऊ आत,आवरी जोनता ने चोर सेंद लगाय करी चोरु आत | 20 मान्तर अपनार काजे सरग ने धन सोंगाव,जोनता ने कीड़ा माकडा ना कायत,आवरी जोनता ने चोर सेंड लगायत आवरी ना चोरेत | 21 जसन की जोन ताने तोर धन आचे आंय ताने तोर मन पने लगी रसी | 22 शरीरर दिया आंकी आय:आंय काजे अगर तोर आंकी पियोर आचे, तेबे तोर सबू शरीरर ने उजर होयसी | 23 मान्तर तोर आंकी गलत आय,तेबे तोर सबू श्रीर अनदार होयसी ; येही कारन आंय उजर तोके आचे अगर अनदार आय तो आंय अनदार कड़क बड़े होयसी | 24 कोनी माने दुयटा सामी के सेवा ना करके सके,कसन की हांय गोटक ले रिस आवरी गोटक ले माय सोंगाय सी नोयले गोटक संगे मिलिरसी आवरी दूसरा संगे नाही|टोमी परमेश्वरर आवरी धन संगे दुनो के सेवा ना करके सकास | 25 एइकाजे मै तोमके बोलबी आचे की अपनार जिव काजी चिंता ना करा, की आमी काय कायबू आवरी काय पियबू ; आवरी नाही गागर काजे की काय पिंदु आंव | काय जिव बात ले,आवरी शरीर पटीहि ले बड़ी करीनही? 26 बादरीर छेड़े मन के दका | हांय मन ना कमाऊ आत,ना काटू आत ना खेती ने बुनुआत;मान्तर तोमर सरगर बाबा तिके कुआउ आय | काय तोमी तिकर ले कुबे मोल ना सोंगाऊ आस ? 27 तमि ने कोन आचे, जोन चिंता करी अपनार उमर ने गोटक समय पने बड़ा के सके? 28 आवरी पटीहि काजे काय काजी चिंता करू आस ? कमनर बीजा ने दियान करा की हांय मन कसन बाडू आत; हांय मन ना तो काम करू आत, ना काटू आत | 29 तेबे मै तमर ले बोलबी आची की सुलैमान पने, अपनार सबू वैभव ने हांय मन ले काहरी असन फटीही पिंदी ची ना रला | 30 हांय काजे जड दाय महा परभू बाटार चारा के जोन आजी आचे आवरी काली के जोय ने पकाय बाय, असन फटइ पिंदाउ आय, तो हे अलप विश्वासी मन,तोमके हांय तीकर ले बडी करी कसन ना पिंदाये? 31 एइकाजे तोमी चिंता करी ऐ ना बोला कि हामी काय खायबू,नोयले काय पियबू, नोयले काय पिंदबु | 32 कसन कि बि जाती हे सबू तिजर कोज ने राहु आत, मांतर तोमर सरगर बुआ जाने कि तोमके हे सबू तिजर जरुरत आचे | 33 एइकाजे पइले तोमी महा परभुर राजर आवरी हांय तार धरमर कोज करा तेबे हांय सबू तिज बले तोमके मिलसी | 34 जसन कि: कालीर चिंता ना करा, कसन कि कालीर दिन खुदर चिंता खुद करसी; आजी काचे आजीर ची दुक खुबे आय