बुरी आदतां नै छोडगे परमेसर गी आच्छी रजा में रेणो
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1 मसी दुनिया में दुख झेल्यो अर थे बी अब इंया दुख झेलण खातर तैयार रेवो क्यूंकै दुख झेलोगा तो पाप ऊं छूट जावोगा।
2 इंगो अरथ ओ है कै थे थारी मन गी इच्छा नै छोड़गे परमेसर गी आग्या मानगे आपगो जीवन जीओ।
3 थे पेला परमेसर नै ना मानण आळा गी तरियां जीवन जींवता। थे लोग गळत काम कर'गे बुरी लालसा में फसेड़ा हा। थे दारू पीण आळा अर मूरती पूजा करण आळा अर काम वासना करण आळा हा। पण अब थे ऐ काम ना करो।
4 अब थारा पुराणा बेली थानै पूछेगा कै थे बे काम क्यूं छोड़ दिया। ईंखातर थानै बे बुरो भलो बी केसी।
5 बांगै द्वारा करेड़ा कामां गो लेखो जोखो मरेड़ा अर जींवता गो न्याय करण आळै परमेसर नै देणो पड़सी।
6 ईंखातर झिका बिस्वासी मरग्या बानै सुब समाचार गो संदेस दियो गयो कै सरीर में बांगो न्याय माणस गै अनुसार होवै पण आत्मा में बे परमेसर गी तरियां जींवता रेवै।
7 सारो कीं जल्दी खत्म होण आळो है। ईंखातर मन नै बस में कर'गे पराथना गै सागै सचेत रेओ।
8 सारा ऊं आच्छी बात आ है कै एक दूसरा ऊं प्रेम करो क्यूंकै प्रेम हरेक बात नै ढक देवै।
9 मन में बिना कीं सोचगे आएड़ा गो आदर मान करो।
10 थानै झिको वरदान परमेसर आपगी दया ऊं दियो है बिनै दूसरै गी भलाई खातर काम में ल्येयो।
11 जे किनैई परमेसर गो बचन बोलण गो वरदान है तो बिनै बोलण दयो। जे किनै ईं दूसरा गी मदद करण गो वर है तो बिनै परमेसर गी सकती ऊं करै। झिको कीं बो करै है परमेसर गी मेमा खातर करै। क्यूंकै मेमा अर सामरथ सदा यीसू मसी गी है। आमीन।
मसी गै दुखां में भागी होणो
12 हे प्यारो, जे थारै जीवन में आग बरगो दुख बी आ'ग्यो तो डरो ना अर ना अचंभो करो।
13 यीसू मसी किंया दुख झेल्यो बो समझगे थे बी खुसी गै सागै दुख झेलो। बिंगै मेमा गै सागै दुसर आण गै टेम थानै खुसी मिलैगी।
14 जे थे यीसू मसी गै नाम में दुख झेलो तो बी खुस रेओ क्यूंकै परमेसर गी मेमा गी आत्मा थारै में वास करै है।
15 थारै में कोई बी जान ऊं मारण आळा, चोरी करण आळो अर गंदा काम करण आळो अर दूसरै गो काम खराब करण आळो ना होवै।
16 जे थे यीसू मसी गा चेला होण गै कारण दुख बी झेलो तो लज्जित ना होवो। पण ईं बात पर परमेसर गो धन्यवाद करो।
17 क्यूंकै परमेसर आपगै लोगां में न्याय सुरू कर दियो है। इंया है तो परमेसर नै ना मानण आळां गो के हाल हो'सी?
18 पवितर सासतर में इंया लिखेड़ो है कै,
“जे धरमी आदमी बडी मुसकिल ऊं मुकती मिलैगी तो
पापी लोगां गो के हाल हो'सी?”a
19 ईंखातर झिका परमेसर गी इच्छा गै अनुसार दुख झेले बे आपगा आच्छा काम कर'गे आपगै मन नै पूरी तरियां बिस्वास योग्य सरसटी करण आळै परमेसर गै हात में सूंप दय।