मसी गी देह में एकता
4
1 ईंखातर मैं झिको प्रभु में बंदी हूं थारूं बिनती करूं कै झिकी बुलाहट ऊं थे बुलाएड़ा हो बिंगै योग्य चलन राखो।
2 मतलब, सारी दीनता अर नमरता ऊं अर धीरज पेरगे प्रेम ऊं एक दूसरै गी सेहन करो।
3 अर मेल गै बंधन में आत्मा गी एकता राखण गी हर टेम कोसिस करता रेवो।
4 एक ई देह है अर एक ई आत्मा हो जिंया थानै बुलाएड़ा है। अर बुलाण ऊं एक ईं आस है।
5 एक ई प्रभु है एक ई बिस्वास, एक ई बतिस्मो,
6 अर सारा गो एक ई पिता परमेसर है। झिको सारा गै उपर अर सारा गै बिचाळै अर मां है।
7 पण आपां मूं हरेक नै मसी गै खास वरदान गै परिणाम गै अनुसार किरपा मिलेड़ी है।
8 ईंखातर पवितर सासतर केवै है,
“बो ऊंचै पर चड़यो अर केदिया नै बांध लेग्यो
अर माणसा नै दान दियो।”a
9 बो चड़यो, इंगो मतलब ओ है कै, बो धरती गी निचली जिग्या पर उतरयो बी हो।
10 अर झिको जिग्या पर उतरयो बो ओ ई है झिको पूरै आकास पर चड़ग्यो कै सारो कीं पूरी तरियां पूरो करै।
11 बण केईया नै खास चेला चुणगे अर केईया नै परमेसर गी बात बोलण आळा चुणगे अर केईया नै सुब समाचार सुणाण आळा अर केईया नै सिखाण आळा अर केईया नै उपदेस देण आळा कर'गे दे दिया।
12 झिकेऊं पवितर लोग सिद्ध हो'ज्य अर सेवा गो काम करीजै अर मसी गी देह झिकी बिस्वासी मण्डली है बा आत्मिक रूप में ओर फळे।
13 जद तांई कै आपां सारा बिस्वास अर परमेसर गै बेटै गी पेहचाण में एक ना होज्या अर मसी गै सभाव जिसा ना बण ज्या।
14 जिऊं आपां टाबरां गी तरियां ना बण्या रेवा। झिका मिनखा गी ठग ग्यान अर चतुराई ऊं, बांगै भ्रम गै तरिका ऊं अर उपदेस गै हरेक पाखंड ऊं इनै बिनै ना घुमाईजा।
15 पण प्रेम में सच्चाई ऊं चालता सारी बाता में झिकी बिमै सिर है, मतलब मसी में बड़ता जावा।
16 झिकेऊं सारी देह, हरेक जोड़ गी मदद ऊं एक सागै रळ गै, एक सागै बदगे बि प्रेम भाव ऊं झिका हरेक काम करण ऊं बिमै होवै। अपणै आपनै बधावै है कै बा प्रेम में उन्नती करती जावै।
मसी में नुओ जीवन
17 ईंखातर मैं केऊं अर प्रभु में बिनती करूं कै जिंया झिका लोग परमेसर नै मानै कोनी बे लोग मन गी बेकार रीति पर चालै बिंया थे अब ना चालो।
18 क्यूंकै बांगी बुद्धी खराब होगी अर बे लोग बिना ग्यान गै कारण झिकी बातां बामे है, बांगै मन गी कठोरता गै कारण बे परमेसर ऊं न्यारा करेड़ा है।
19 अर बे सुन्ना होगे लुचेपन में लागग्या कै बे सारा हर तरियां गा गंदा काम लालसा ऊं करै।
20 पण थे मसी गी हिसी सीख कोनी पाई।
21 पण थे सच्च में बिंगी सुणी है झिकी यीसू में साची है। बिमै ईं सिखेड़ा बी हो।
22 थारो पुराणो चाल चलन अर पुराणै मन गी गळत बात नै उतार फेंको।
23 अर आपगै मन गै आत्मिक सभाव में नुअ बणता जाओ।
24 अर नुए मन नै पेर ल्यो झिको परमेसर गै अनुसार सत्य गी धारमिकता अर पवितरता में सरजैड़ो है।
25 ईंखातर झूठ बोलणो छोड़गे हरेक आपगै पड़ोसी ऊं सच्च बोलो। क्यूंकै आपस में आपां एक दूसरै गा अंग हा।
26 रीस में आ'गे पाप ना कर दयो, सूरज छिपण तांई थारो रीस ना रेवै।
27 अर ना'ई सैतान नै मोको दयो।
28 चोरी करण आळो फेर चोरी ना करो। पण भला काम करण में आपगै हाता ऊं मेनत करो। ईंखातर झिकै कनै देण खातर कीं है तो बो झिकै कनै ना है बिनै दे दय।
29 कोई गंदी बात थारै मूं ना निकाळै। पण जरूरत होवै बाई निकळै झिकी आत्मिक उन्नती खातर उतम होवै। झिकै ऊं सुणण आळै पर किरपा हो'ज्य।
30 परमेसर गी पवितर आत्मा नै दुखी ना करो झिकी ऊं थारै पर छुटकारै आळै दिन खातर मोर लगा दी है।
31 सारी तरियां गी बळण, मजाक अर रीस अर लडाई झगड़ो, चुगली अर सारै बेरभाव समेत थारूं दूर हो'ज्य।
32 एक दूसरै पर दया करण आळा बणो जिंया परमेसर मसी में थारा पाप माफ करया बिंया ई थे बी एक दूसरै नै माफ करो।