दस छोरियां गी मिसाल
25
1 सुरग गो राज बा दस छोरियां बरगो हो'सी झिकियां आपगी लालटेण लेगे बीन सागै बात करण गेयी।
2 बामै पांच समझदार अर पांच मूरख ही।
3 झिकी मूरख बा आपगी लालटेण तो ले ली पण सागै तेल गी बोतल कोनी ली।
4 पण झिकी समझदारी ही बा लालटेण गै सागै तेल गी बोतल बी ले ली।
5 जद बीन नै आण में देर होवंती दिखी तो बे सोगी।
6 आदी रात नै रोळो मचग्यो कै बीन आ'ग्यो। चालो बिऊं बात करां।
7 जद बा दसां छोरियां आपगी आपगी लालटेण जगाण लागी।
8 मूरखा समझदारां नै केयो, म्हानै थोडो सो तेल दे दयो क्यूंकै म्हारी लालटेण बुझण लागरी है।
9 पण समझदारां तेल देणूं ना कर दी। बा केयो, “ओ म्हानै आपनै मसाई सरैगो, थे गामूं जा'गे मोल ल्यियाओ।”
10 जद बे तेल ल्याण गयी तो बीन आ'ग्यो अर झिकी तैयार ही बे बिंगै सागै मां उड़गी अर बारनो बंद कर लियो।
11 इंगै बाद बे दूसरी छोरियां बी आ'गी अर केण लागी, “हे प्रभु म्हारै खातर बारनो खोल दयो।”
12 बण उतर दियो, “मैं थानै साची केऊं कै मैं थानै कोनी जाणूं।”
13 यीसू इंया बोल्यो, “ईंखातर चेतो राखो क्यूंकै थे बी बि दिन नै कोनी जाणो अर ना बि घडी नै जाणो।”
धन गी मिसाल
14 सुरग गो राज बी आदमी बरगो है झिकै प्रदेस जावंतै टेम दासा नै आपगी सारी संपती सूंप दी।
15 बामूं एक नै पांच थैली चांदी गै रिपिया गी भरेड़ी दी अर दूसरै नै दो थैली अर तीसरै नै एक थैली ईंखातर दी कै बे आऊं कितो काम कर सकै। अर आनै धन देगे आ प्रदेस उड़ग्यो।
16 झिकै नै पांच थैली मिली बण बांगो लेण देण करयो अर पंच थैली ओर कमा'ली।
17 इंया ई दूसरै करयो अर बण दो थैली ओर कमा'ली।
18 पण झिकै नै एक मिली बण कीं कोनी करयो अर जा'गे थैली माटी में बूर दी। बण बा एक थैली संभाळगे रख दी।
19 भोत दिनां बाद बो आदमी प्रदेस ऊं आ'गे बांगै कनूं लेखो मांग्यो।
20 झिकै नै पांच थैली दी बण केयो, “स्वामी थे मनै पांच थैली दी, मैं पांच ओर कमाई है।”
21 बिंगै स्वामी केयो, “धन्य है तू आच्छा अर इमानदार दास। तूं थोडे में इमानदारी दिखाई। मैं तनै भोत सारी चिजां पर अधिकारी बणावूंगा। अर आ'गे मेरै सागै खुसी मना।”
22 अर झिकै नै दो थैली मिली बण ई केयो, “स्वामी थे मनै दो थैली दी। मैं दो ओर कमाई है।”
23 बिंगै स्वामी केयो, “धन्य है तू आच्छा अर इमानदार दास। तू थोडे में बी भोत बिस्वास लायक रेओ। मैं थानै भोत सारी चिजां पर अधिकारी बणावूंगा। आ'गे मेरै सागै खुसी मना।”
24 पण झिकै नै एक थैली मिली, बण आ'गे केयो, “हे स्वामी, मैं थानै जाणै हो कै तू भोत करड़ो आदमी है। तू जठै बीजै कोनी बठूं बाडै़ अर जठै तू छिडके कोनी बठूं तू भेळो करै।”
25 ईंखातर मैं डर गयो अर तेरी थैली नै संभाळगे रख दी। आ देख ले।
26 स्वामी उतर दियो, “बुरा अर आळसी दास, तू जाणै हो जठै में बीजू कोनी बठूं बाडूं अर जठै मैं छिडकूं कोनी बठूं भेळो करूं।
27 फेर तू इंया कर लेवंतो कै बा थैली बोपारियां नै देवंतो बे थानै ब्याज समेत पाछा देवंता।”
28 ईंखातर स्वामी बि कनूं बा थैली पाछी ले ली अर बिनै दे दी झिकै कनै दस ही।
29 क्यूंकै झिको इमानदारी ऊं काम करसी बिनै ओर दियो जावैगो कै बिंगै कनै ओर बोळो होज्यै। पण झिको कोनी करसी बिंगै कनै झिको है बो ई पाछो लियो जावैगो।
30 बण केयो, “ईं आळसी दास नै बारै अंधेरे में रेड़ दयो जठै रोणो अर दांतां गो पीसणो है।”
न्याय गो दिन
31 जद मिनख गो बेटो आपगी मेमा में आवैगो तो सारा सुरगदूत बिंगै सागै आसी अर बो आपगै मेमा गै सिंहासन पर बैठेगो।
32 अर सारी जातां गा लोग बिंगै सामै इकट्टा करिज्येगा अर जिंया गुआळियों भेड़ा ऊं बकरी न्यारी करै बिंया ई लोगा नै एक दूसरा ऊं न्यारा करसी।
33 बो भेड़ा नै आपगै दाए पासै अर बकरियां नै बाए पासै खड़ी करसी।
34 जद राजा आपगी दाए पासै खड़या नै केवेगो, “मेरै पिता कनूं आसिस लेऐड़ा लोगों, मेरै कनै आवो। अर बि जगत गा अधिकारी बण जाओ झिकी मैं दुनिया गी सरसटी ऊं थारै खातर बणागे राखी।
35 क्यूंकै जद मैं भूखो थे मनै रोटी खुवाई। मैं तीसो हो, थे मनै पाणी प्यायो, मैं परदेसी हो, थे मनै आपगै घरै राख्यो हो।
36 मैं नागो हो थे मनै गाबा दिया। मैं बीमार हो थे मनै दवाई दिराई अर मैं जेळ में हो, थे मनै मिलण आया।
37 जद प्रभु नै मानण आळा लोग उतर देसी, प्रभु म्हे थानै कद खाणो पीणो दियो?
38 अर म्हे कद थानै परदेसी देखया अर आपगै घर में ठेराया अर कद नागा देखया अर गाबा पिराया?
39 म्हे कद थानै बीमार अर जेळ में देखया अर थारूं मिलण आया?
40 जद राजा बानै उतर देसी। मैं थानै साची केऊं, थे मेरै आ छोटा मोटा बिस्वासियां मूं किंगी सागै इंया करयो बो मेरै सागै करयो।
41 फेर बो बाए पासा आळा नै केवेगो, हे सरापित लोगों, मेरै सामूं बि अनन्त आग में जावो झिकी सैतान अर बिंगै दूतां खातर तैयार करी है।
42 क्यूंकै मैं भूखो हो पण थे मनै रोटी कोनी दी। मैं तीसो हो, थे मनै पाणी कोनी दियो।
43 मैं परदेसी हो, थे मनै आपगै घरै कोनी राख्यो। मैं नागो हो। थे मनै गाबा कोनी दिया। मैं बीमार अर जेळ में हो, थे मनै मिलण कोनी आया।
44 जद बे उतर देसी, मैं थानै कद भूखो, प्यासो अर परदेसी अर नागो अर बीमार अर जेळ में देखयो। अर कद थारी सेवा कोनी करी।
45 जद बो बानै उतर देवैगो, मैं थानै साची केऊं कै थे मेरै छोटे मोटो बिस्वासियां ऊं किंगै सागै इंया करयो बो मेरै सागै करयो।
46 अर बे अनन्त सजा भोगसी पण धरमी अनन्त जीवन में जावेगा।”