ईसू हर अड़तीस बछर कर रोगीया ला चंगा करथे
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1 तनिक दिन कर पाछू ईसू हर एहूदी मन कर एगोट तिहार मनाए बर एरुसलेम सहर में गईस। 2 एरुसलेम सहर कर दिवाल में एगोट भेंड़ी नाव कर दुरा रहीस। ओकर लिघे एगोट तलवा रहीस, जेला इबरानी भासा में बेतसएदा कथें, अऊ ओकर धरी में पांच ठे छपरी रहीस। 3 एमन में ढेरे बगरा रोगीया, अंधा, खोरा अऊ लकवा मारल मन रहीन। ओमन (पानी हीले कर जोहा में) ओही जग परे रहत रहीन। 4 (काबरकि कभों कोनो घरी परमेसवर कर सरगदूत हर तलाव में उतेर के पानी ला हिलकोरत रहीस, अऊ पानी हीलत घनी जे कोनो हर उहां आगु उतरे, ओहर चंगा होए जात रहीस, चाहे ओकर कईसनो बेमारी रहे।) 5 ओजग एगोट मईनसे रहीस, जेहर अड़तीस बछर ले बेमारी में पड़े रहीस। 6 ईसू हर ओके उहां परल देख के अऊ ए जाएन के कि ढेरेच दिन ले एकस दसा में हवे, ओके पूछीस, “का तंए ठीक होए बर चाहथस?”7 ओ रोगीया हर ओके जबाब देहीस, “ए परभू, मोर मदेत करे बर कोनो नईएं, कि पानी हिलकोरत घनी मोके तलवा में उतारे, बकिन मोर पहुंचत ले तो कोनो आने झन हर मोर ले आगु उतेर जाथे।” 8 ईसू हर ओकर जग कहीस, “उठ अऊ अपन डसना ला उठा अऊ रेंग बूल। 9 त ओहर तुरतेंच बढियां होए गईस, अऊ अपन डसना उठाए के रेंगे बूले लागीस। (ओ दिन हर पबितर दिन रहीस)
10 एला देख के एहूदी नेता मन ओ बढियां होवल मईनसे ला कहे लागीन “आएज तो पबितर दिन हवे, हमर कानहूंन कर अनुसार तंए डसना उठाए तेहर हमर कानून कर बिरुद्ध हवे। 11 ओहर ओमन के जबाब देहीस, “जेहर मोके ठीक करीस ओही हर मोके कहीस, कि तंए अपन डसना ला उठा अऊ रेंग बूल।” 12 ओमन ओकर जग पूछीन, “कोन तोके एकस कहीस “कि अपन डसना ला उठा अऊ रेंग बूल?” 13 बकिन जे बढियां होए रहीस ओहर तो नई जानत रहीस, कि मोके कोन बढियां करीस, काबरकि भीड़ होए कर चलते ईसू हर ओजग ले कगराए गए रहीस। 14 तेकर पाछू ईसू हर ओकर जग परमेसवर कर मंदिर में भेटाईस, त ओके कहीस, देख तंए बढियां होए गए हस, अब ले पाप झईन करबे, कहों एकस झईन होए कि एकरो ले बगरा दुख तोर ऊपरे आए जाए। 15 त ओ मईनसे हर जाए के एहूदी नेता मन ला कहीस, “जेहर मोके बढियां करीस ओहर ईसू लागे।” 16 एला सुईन के एहूदी नेता मन ईसू ला सताए लागीन, काबरकि ईसू हर पबितर दिन में ए काम मन ला करत रहीस। 17 त ईसू हर ओमन के कहीस, “मोर दाऊ परमेसवर अजहर ले काम करथे अऊ मंहू काम करथों।
18 ईसू कर ए गोएठ ला सुईन के एहूदी नेता मन ओके माएर देहे कर अऊर ढेर कोसिस करत रहीन, काबरकि ओहर सिरिप पबितर दिन कर नियम ला नई टोरत रहीस, बकिन ओकर उपराहा परमेसवर ला अपन दाऊ कही के अपने आप ला परमेसवर कर बरोबर में रखत रहीस।
ईसू हर जिनगी देथे
19 तेकर ईसू हर ओमन जग कहीस, “मंए तुमन ला फूरोंच में कहथों, मंए परमेसवर कर बेटा अपन आप ले कांही नई कएर सकों, सिरीप ओही ला करथों जेला मोर दाऊ ला करत देखथों, काबरकि जे-जे काम ला मोर दाऊ हर करथे, ओ काम ला बेटो हर ओहीच कस करथे। 20 काबरकि मोर दाऊ हर अपन बेटा ले मया करथे अऊ जे-जे काम ओ खुद करथे, ओ सब ला मोके देखाथे अऊ एकरो ले बड़खा काम दाऊ हर मोके देखाही तेमेकि तुमन अचमहों होए जईहा। 21 काबरकि जेकस मोर दाऊ हर मरल मन ला जियाथे अऊ जीवन देथे, ओही कस बेटा जे के ला चाहथे ओके जीवन देथे। 22 अऊ मोर दाऊ ककरो नियाओ नई करे, बकिन नियाओ करे कर सब अधिकार बेटा ला देहीस हवे। 23 तेमेकि सब मईनसे मन जेकस मोर दाऊ कर आदर करथें, ओही कस बेटोच कर आदर करें, जेमन बेटा का आदर नई करें, ओमन मोर दाऊओच कर आदर नई करे, जेहर मोके भेजीस हवे। 24 मंए तुमन ला फूरोंच में कहथों, जेहर मोर बचन ला माएन के मोर भेजोईया कर ऊपरे बिसवास करथे, त ओहर अमर जिनगी पाथे। ओहर दोसी नई ठहराल जाही, बकिन ओहर मिरतू ला नाएक के अमर जिनगी में हलेक दारीसे।
25 मंए तुमन जग फूरोंच में कहथों, “ओ घरी आवत हवे अऊ अझेर आईस हवे, ओ घरी मरल मन, मंए परमेसवर कर बेटा, मोर अवाज ला सुनहीं अऊ जेमन सुनहीं ओमन जी जाहीं। 26 काबरकि अमर जीवन देहे कर अधिकार तो दाऊ परमेसवर जग हवे अऊ ओहर बेटोच ला अमर जीवन देहे कर अधिकार देहीस हवे। 27 अऊ मंए जे बेटा लागों मोके नियाओ करे कर अधिकार दाऊ हर देहीसे, काबरकि कि मंए मईनसे कर बेटा लागों। 28 ए बात ले तुमन अचमहों झईन होवा, ओ घरी हर आवत हवे, जेतना झेमन मरघेटिया में हवें, ओमन मोर अवाज ला सुईन के निकेल आहीं। 29 जेमन अपन जिनगी में भलाई करीन हवें, ओमन परमेसवर कर संगे अमर जिनगी पाए बर जी ऊठहीं अऊ जेमन बुराई करीन हवें, ओमन सजा पाए बर जी ऊठहीं।
ईसू कर बारे में ढेरेच झेमन गवाही देथें
30 तेकर ईसू हर फेर कहीस, “मंए अपन-आप ले कांही करे नई सकों, जेकस परमेसवर ले सुनथों, ओही कस मंए नियाओ करथों, मोर नियाओ हर सही हवे, काबरकि मंए तो अपन इछा ले कांही नई करों, बलकी मंए अपन भेजोईया कर इछा ला पूरा करथों। 31 अगर मंए खुद अपन गवाही देहूं, त मोर गवाही सही नईए। 32 अऊ एक झे हवे जेहर मोर गवाही देथे, अऊ मंए जानथों कि मोर गवाही जेला ओ देथे ओहर सही हवे। 33 तुमन एहूना बतीसमा देवईया जग मोर बारे में पूछे बर मईनसे मन ला भेजे रहा, अऊ ओहर मोर बारे में सही गवाही देहीस हवे। 34 बकिन मंए अपन बारे में कोनो मईनसे कर गवाही नई चाहों, तबो ले मंए ए गोएठ ला एकर ले कहथों कि तुमन के उदधार मिले। 35 ओ एहूना तो एगोठ बरत ढेबरी कस इंजोर देहत रहीस अऊ तनिक दिन बर तुमन ओकर इंजोर में आनंद मनाए ले ढेरेच खुस रहा।
36 बकिन मोर जग जे गवाही हवे, ओहर बतिसमा देवईया एहूना कर गवाही ले बड़खा हवे, काबरकि जे काम ला दाऊ हर मोके पूरा करे बर देहीसे, ओही ला मंए करथों अऊ ओही काम हर मोर बारे में गवाही देथे, कि दाऊ हर मोके भेजीस हवे। 37 दाऊ जेहर मोके भेजीसे ओही हर मोर बारे में गवाही देहीसे। तुमन तो कभों ओकर गोएठ ला नई सुनेहा अऊ ओकर रूप ला नई देखेहा। 38 तुमन कर मन में परमेसवर कर बचन हर माढ़े नई रहे, काबरकि जेके ला ओहर भेजीसे, ओकर ऊपरे तूमन बिसवास नई करा। 39 तुमन पबितर किताब ला मन लगाये के पढ़था, काबरकि तूमन सोंचथा कि ओमें अमर जिनगी मिलथे अऊ एही पबितर किताब हर मोर बारे में गवाही देथे। 40 तबो ले तुमन जिनगी पाए बर मोर जग आए बर नई चाहथा।
41 मंए मईनसे मन जग ले बड़ाई नई चाहथों। 42 बकिन मंए जानथों कि तूमन कर हिरदे में परमेसवर बरिक मया नईये। 43 मंए अपन दाऊ कर अधिकार ले ए दुनिया में आए हों, अऊ तुमन मोके नई अपनावा, अगर कोनो दूसर झन हर अपनेच अधिकार ले आही, त तुमन ओके अपनाए लेईहा। 44 तुमन तो मोर ऊपरे कईसे बिसवास कएर सकथा? काबरकि तुमन एक दूसर ले माएन-मरजाद चाहथा, बकिन ओ माएन-मरजाद ला नई चाहा, जेहर सिरिप एकेच ठन परमेसवर कती ले मिलथे। 45 एकस झईन समझा कि मंए दाऊ कर आगु में तुमन कर ऊपरे दोस लगाहूं, तुमन कर ऊपरे दोस लगोईया तो मूसा अगमजानी हवे, जेकर ऊपरे तुमन भरोसा राखे हवा। 46 काबरकि अगर तुमन मूसा कर लिखल बात में बिसवास करता, त तुमन मोरोच ऊपरे बिसवास करता, काबरकि मूसा हर मोर बारे में लिखीस हवे। 47 बकिन अगर ओकर लिखल गोएठ में बिसवास नई करथा, त तुमन मोर गोएठ में कईसे बिसवास करीहा?”