ईसू हर जी उठथे
16
1 जब पबितर दिन हर बीत गईस,
तब मगदलीनी कर रहोईया मरियम,
आकूब कर दाई मरियम,
अऊ सलोमी गमकेदार तेल ला खरीदीन,
कि जाए के ईसू कर लास में चुपराई।
2 हपता कर पहिलो दिन बड़े बिहाने,
जे घनी बेर हर उग गए रहीस,
त ओमन मठ जग गईन।
3 अऊ एक दूसर ले कहत रहीन,
“हमर बर मरघट कर दुरा कर ढापल पखना ला कोन हर हटाए देही?”
4 बकिन जे घनी ओमन देखीन,
त ओ बड़खा पखना हर,
जेहर मठ कर दुरा में रहीस,
कगरावल पाईन।
5 मठ कर भीतरी जाए के ओमन एगोट जवान ला उजर ओढ़ना ला पहिरल,
अऊ ओकर जवनी कती बईठल देखीन,
अऊ ढेरे अकबकाए गईन।
6 त ओहर ओमन जग कहीस,
“तुमन झईन अकबकावा,
ईसू नासरी ला,
जेके कुरूस में चघाल गए रहीस,
ओके खोजत हा। ओहर जी उठीस हे,
ओहर एजग नईए,
देखा,
एहर ओही जघा हवे,
जिहां ओमन ईसू ला राखे रहीन।
7 बकिन तुमन जावा पतरस अऊ ओकर दूसर चेला मन जग कहा,
कि ओहर तुमन ले आगु गलील जिला में जाही,
जईसने ओहर तुमन जग आगु कहे रहीस,
तुमन मन ओके ला उहें देखीहा।”
8 अऊ ओमन मरघट ले निकेल के भाएग गईन,
काबरकि ओमन डर कर मारे कांपत अऊ घबराए गए रहीन,
अऊ ककरो जग काही नई कहीन काबरकि ओमन ढेरेच डराए गए रहीन।
9 हपता कर आगु दिन बड़े बिहाने,
ईसू हर जी उईठ के,
सबले आगु मगदलीनी कर रहोईया मरियम के देखीस,
जेमे ले सात गोट दुसट आतमा ला निकाले रहीस।
10 ओहर जाए के ईसू कर संगता मन ला खभेर देहीस,
जेमन रोवत अऊ दुख में कलपत रहीन।
11 बकिन जब चेला मन एला सुईन के,
कि ईसू हर जी उठीस हवे,
अऊ मरियम हर ओके देखीस हवे,
बिसवास नई करीन।
12 तेकर पाछू ईसू हर दूसर रूप में अपन चेला में ले दुई झन ला देखार देहीस,
जे घनी ओमन गांव कती जात रहीन।
13 ओहू मन जाए के दूसर झन ला खभेर देहीन,
बकिन ओमन ओकर गोएठोच कर बिसवास नई करीन।
14 तेकर पाछू ईसू गियारहो चेला मन ला देखार देहीस,
जे घनी ओमन खाए बर बईठे रहीन,
अऊ ओहर ओमन कर अबिसवास अऊ मन कर ढींट कर चलते,
ओमन ला घुड़काईस। काबरकि ओमन जी उठल कर पाछू ओके ला देखीन,
तबो ले बिसवास नई करे रहीन।
15 ईसू हर कहीस,
“तुमन पूरा दुनिया में जाए के,
सबेच मईनसे मन ला सुघर-खभेर ला सूनावा।
16 जेहर बिसवास करही,
अऊ बतीसमा लेही ओकरे उदधार होही,
बकिन जेहर बिसवास नई करही,
ओहर दोसी ठहराल जाही,
17 बिसवास करोईया मन में ए चिनहा होहीं,
कि ओमन मोर नांव ले दुसट आतमा मन ला निकालहीं अऊ नांवा-नांवा भांसा मन ला गोठियाहीं।
18 ओमन सांप मन ला धरहीं,
अऊ जहरो ला पी जाहीं तबो ले ओमन के कांहीच नई होही,
ओमन बेमरीहा मईनसे मन कर उपरे हांथ ला राखहीं अऊ ओमन ठीक होए जाहीं।”
19 परभू ईसू हर ओमन जग ए सब गोएठ ला गोठियाए के,
सरग में उठाए लेहल गईस,
अऊ परमेसवर कर जवनी कती बईठ गईस।
20 फेर चेला मन जाए के सबेच जघा में,
परचार करे लागीन,
अऊ परभू ओमन कर संगे काम करत रहीस,
अऊ जे चिनह चमतकार ला ओमन कर मझारे करत रहीस,
ओकर चलते अपन बचन ला पका करत रहीस। आमीन।