9
1 त ईसू हर ओमन ला कहीस,
“मंए तुमन जग फूरोंच कहथों,
कि तुमन में ले तनीक झे मन अईसन हवें,
जेमन परमेसवर कर राएज ला सामरथ कर संगे आवत नई देख लेहीं,
तब ले नई मरहीं।”
ईसू कर रूप हर बदलीस
2 छव दिन कर पाछू ईसू हर पतरस,
आकूब,
अऊ एहूना ला अपन संगे लेहीस अऊ कगरे कोनो ऊंच घुटरी में लेजीस,
ओजग ओमन कर आगु में ओकर रूप हर बदेल गईस,
3 अऊ ओकर ओढ़ना हर अईसन उजर चमके लागीस,
कि भुईंया में कोनो धोबीयोच हर,
एकस उजर करे नई सके।
4 त ओमन के मूसा अऊ एलीयाह दिखीन,
ओमन ईसू कर संगे गोठियात रहीन।
5 तेकर पतरस हर ईसू जग कहीस,
“ए गुरूजी,
हमके एजग रहे बर बढ़िहां हवे,
एकरे बर हमन तीन गोट झाला बनाबो,
एगोट तोर बर,
एगोट मूसा बर,
अऊ एगोट एलीयाह बर।”
6 पतरस हर नई जानत रहीस,
कि का कहे काबरकि ओमन ढेरेच डराए गईन।
7 तेकर एगोट बदरी हर आए के ओमन ला ढांएप देहीस,
अऊ ओ बदरी में ले एकस अवाज निकलीस,
“ए मोर दुलरुवा बेटा हवे,
एकर सुना।”
8 तेकर ओमन झटेच के चाएरो कती ला देखे लागीन,
अऊ ईसू ला छोंएड़ के अपन संगे कोनोच ला नई देखीन।
9 ओ घुटरी ले उतरे जुआर ईसू हर ओमन ला अगींया देहीस,
“जब ले मंए मईनसे कर बेटा हर मरल में ले जी नई उठहूं,
तब ले जेला तुमन देखे हा ओला ककरो जग झईन बतईहा।”
10 ओमन ए गोएठ कर सुरता राखीन,
अऊ अपने-अपन में गोठियात रहीन,
“मरल में ले जी उठे कर का मतलब हे?”
11 त ओमन ईसू जग पूछीन,
“एहूदी कानहूंन कर सीखोईया मन काबर कथें,
कि मसीह कर आए ले आगु एलीयाह ला आए बर जरूरी हे?”
12 त ईसू हर ओमन ला जबाब देहीस “हां एलीयाह हर फूरोंच में आगु आए के सब जाएत ला तियार करही,
बकिन मईनसे कर बेटा कर बारे में पबितर किताब में काबर लिखल हवे,
ओहर ढेरेच दुख उठाही अऊ लोग मन ओके नई पतियाहीं ओ नीच गनल जाही?”
13 बकिन मंए तुमन ला कहथों,
“कि एलीयाह तो आए गईस,
अऊ जईसन ओकर बारे में पवितर किताब में लिखल हे,
ओमन जेकस चाहीन वईसन ओकर संगे करीन।”
ईसू हर एगोट दुसट आतमा धरल बाबू ला चंगा करथे
14 जे घनी ईसू अऊ ए तीनो चेला मन फिर के आईन,
त देखीन कि दूसर चेला मन कर चाएरो कती बड़खा भीड़ लगीस हे,
अऊ कानहूंन कर सीखोईया मन ओमन जग बंहस करत रहीन।
15 ईसू ला देख के सबेच झेमन ढेरेच अचमहों होए लागीन,
अऊ ओके जोहारे बर कुदत गईन।
16 त ईसू हर ओमन ला पूछीस,
“तुमन ओमन जग का बंहस करत रहा?”
17 भीड़ में ले एक झन हर ओके ला जबाब देहीस,
“ए गुरूजी,
मंए अपन बेटा ला जेकर उपरे कोंदा करोईया दुसट आतमा समाईस हवे,
तोर जग लाने रहें।
18 जहां कती ओहर ओके धरथे,
ओहीच जग ओके पटेक देथे,
अऊ ओकर मूंह में गेजरी भएर जाथे,
अऊ दांत ला चबाथे,
अऊ ओहर तनाए जाथे,
मंए तोर चेला मन जग लेजे रहें,
बकिन ओमन ओ दुसटआतमा ला निकाले नई सकीन।”
19 एला सुईन के ईसू हर ओमन ला कहीस,
“ए अबिसवासी पीढ़ी कर मईनसे मन,
मंए केतेक दिन ले तुमन कर संगे रहूं?
अऊ कब तक तुमन कर सहते रहूं?
ओ लईका ला मोर जग ले लाना।”
20 तेकर ओमन ओला ओकर जग ले आनीन,
अऊ जे घनी ओ दुसट आतमा हर ईसू ला देखीस त ओ लईका ला मूरकेटीस अऊ ओहर पटकाए गईस अऊ ओकर मूंह ले गेजरी निकले लागीस,
अऊ छटपटाए लागीस।
21 त ईसू हर ओकर दाऊ ला पूछीस,
“एहर केतना दिन ले एकस हे?”
ओकर दाऊ हर कहीस,
“नानेचबड़ ले,
22 ओहर एके ला नास करे बर,
कभों आगी में त कभों पानी में गिराईस,
बकिन तंए काहीं कएर सकथस तो दया कएर के हमर मदेत कर।”
23 ईसू हर ओके ला कहीस,
“अगर तंए कएर सकथस,
एकस काबर कथस?
फेर ईसू हर कहीस,
बिसवास करोईया मन बर सब कुछ होए सकथे।”
24 लईका कर दाऊ हर जिधियाए के कहीस,
“ए परभू मंए बिसवास करथों,
मोर अबिसवास ला हटाए दे ”
25 जे घनी ईसू हर मईनसे मन ला कुदत अऊ भीड़ लगात देखीस,
त ओहर दुसट आतमा ला घुड़काईस,
“ए कोंदा अऊ भईरा करोईया आतमा,
मंए तोके अगींया देहथों,
ओमे ले निकेल जा अऊ ओमे फेर कभों झईन समाबे।”
26 तेकर ओ दुसटआतमा हर कीरलात अऊ ढेरेच मुरकेट के निकेल गईस,
अऊ लईका हर मरल कस होए गईस,
इहां तक कि ढेरे झेमन कहे लागीन,
“कि लईका हर मएर गईस हे।”
27 बकिन ईसू हर ओकर हांथ ला धईर के उठाईस अऊ ओहर ठड़होए गईस।
28 तेकर ईसू हर घरे आईस त,
ओकर चेला मन जे घनी ओहर एके झन रहीस त ओके ला पूछे लागीन,
“हमन ओ दुसट आतमा ला काबर निकाले नई सकेन?”
29 तब ईसू हर ओमन ला कहीस,
“एकस दुसट आतमा हर बिगर पराथना करे,
अऊ कोनो उपाए ले नई निकेल सके। ” a
ईसू अपन मीरतू कर बारे में दूसर दाएर बताथे
30 फेर ओमन उहां ले निकेल के,
गलील जिला में होए के जात रहीन,
त ईसू हर चाहत रहीस कि ओ कहां जग हवे तेला कोनो झईन जानें,
31 काबरकि अपन चेला मन ला ओहर सीखावत रहीस,
ओहर ओमन ला कहीस,
“मईनसे कर बेटा,
मईनसे कर हांथ में धराल जाही,
अऊ ओमन ओला माएर दारहीं,
अऊ ओहर मरे कर पाछू तीसर दिन में जी उठही।”
32 बकिन ए गोएठ हर ओमन कर समझ में नई आईस,
अऊ ओमन ओकर जग पूछे बर डरावत रहीन।
33 तेकर ओमन कफरनहूम सहर में आईन,
अऊ घरे आए के ईसू हर ओमन ला पूछीस,
“डगर में तुमन का गोएठ कर बंहस करत रहा?”
34 बकिन ओमन चुप रहीन,
काबरकि ओमन डगर में एक दूसर झन जग,
सबले बड़खा कोन हवे कहिके बंहस करत रहीन।
35 तेकर ओहर बईठ के बारहों खास चेला मन ला बलाईस अऊ ओमन ला कहीस,
“जेहर सबले बड़खा बने बर चाहथे,
ओके सबले छोटे अऊ सब कर सेवक बनेक चाही।”
36 तेकर ओहर एगोट नानबड़ लईका ला ले के ओमन कर मझारे ठड़हुवाए देहीस,
अऊ ओके पोटाएर के ओमन ला कहीस,
37 “जे कोनो एकस लईका ला मोर नांव ले अपनाथे,
ओहर मोके अपनाथे,
अऊ जे मोके अपनाथे ओहर मोके नही,
बकिन मोर दाऊ ला जे मोके भेजीस हे ओके अपनाथे।”
38 तब एहूना हर ओके ला कहीस,
“ए गुरूजी,
हमन एगोट मईनसे ला,
तोर नांव ले दुसटआतमा ला निकालत देखेन,
हमरे ओके रोकेन काबरकि ओहर हमर संगे होए के तोर पाछू में नई चले। ”
39 ईसू हर कहीस “ओके ला मना झईन करीहा,
काबरकि अईसन कोनो नईएं कि मोर नांव ले सामरथ कर काम करे,
अऊ हालूच के मोके बुरा कह सके,
40 काबरकि जेहर हमर बिरोध में नईए,
ओहर हमर कती हवे।
41 मंए तुमन ला फूरोंच कहथों जे कोनो तुमन ला मसीह कर हवा जाएन के,
एक कटोरा पानीयोच पीयाही,
त ओहर अपन परतिफल ला कभों नई गंवाही।”
दूसर झन ला पाप झईन करुवाए
42 जेहर ए छोटे में ले कोनोच ला पाप में गिराए कर कारन बनथे,
त ओके ला परमेसवर डंड देही,
ओ डंड हर ओकर ढेंटू में जनता ला टाएंग के,
ओके समूंदर में ढकोएल देहे जाए ले बड़खा होही।
43 तोर हांथ हर तोके पाप करुवाथे त ओला काएट दे,
काबरकि दुनो हांथ कर संगे नरक कर आगी जेहर कभों नई बिताए,
ओमे जाए ले सुघर हे,
कि ठूठा होए के अमर जिनगी में जाए।
44 (नरक कर कीरा मन नई मरें,
अऊ उहां कर आगी हर नई बिताए।)
45 तोर गोड़ हर तोके पाप करुवाथे,
त ओला काएट दार,
काबरकि दुनो गोड़ कर संगे नरक में जाए ले सुघर हे कि खोरा होए के अमर जिनगी में जाए।
46 (नरक कर कीरा मन नई मरें,
अऊ आगी हर नई बीताथे।)
47 तोर आंएख हर तोके पाप करुवाथे,
तो ओला निकाएल दे,
दुनो आंएख कर संगे नरक में जाए ले सुघर हे कि अंधा होए के परमेसवर कर राएज में जाए।
48 नरक कर कीरा मन कभों नई मरे,
अऊ आगी हर कभों नई बिताए।
49 काबरकि सब झन ला आगी ले नोनछीर करल जाहीb
50 नोन हर सुघर हे,
बकिन ओकर सवाद हर चएल जाही,
त का जाएत ले नोनछीर करीहा,
अपन में नोन कस सवाद रखा अऊ एक दूसर ले मिल-जूईल के रहा।