ईसू हर दुसट आतमा धरल मईनसे ला चंगा करथे
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1 ईसू अऊ ओकर चेला मन बड़खा दह कर ओ पार गिरासेनी ईलाका में गईन।
2 जब ईसू हर डोंगा ले उतरीस,
त तुरतेंच एगोट मईनसे हर जेकर ऊपरे दुसट आतमा रहीस,
मरघटेया ले निकेल के ओकर जग भेंटाईस।
3 ओ मईनसे हर मरघेटिया में रहत रहीस,
अऊ ओके ढेरेच जांगर रहीस,
कि कोनो ओके ला संखरी में बांधे बर नई सकत रहीन,
4 काबरकि ओके ला कईयो तोर ले बेरी,
अऊ संखरी में बांधल गए रहीस,
बकिन संखरी ला टोएर देहत देहीस,
अऊ बेरी ला टुटके-टुटका कएर देहत रहीस,
अऊ कोनो ओके अपन काबू में करे नई सकत रहीन।
5 ओहर राएत अऊ दिन मरघेटिया,
अऊ पहार में बूईल-बूईल के कीरलावत रहीस,
अऊ अपने-आप ला पखना में थूरत रहीस।
6 ओहर ईसू ला दुरीहां ले देख के,
ओकर कती कुदीस अऊ ओके ठेहुनाए के जोहारीस,
7 अऊ ढेरेच कीरलाए के कहीस,
“ए ईसू,
सब ले ऊंच में रहोईया परमेसवर कर बेटा,
मोर काम में तंए अड़ंगा झईन डाल!
मंए तोके ला परमेसवर कर नांव ले बिनती करत हों,
कि तंए मोके ला दुख झईन दे।”
8 काबरकि ईसू हर ओके ला कहे रहीस,
“ए दुसट आतमा ए मईनसे ले निकेल जा।”
9 तेकर ईसू हर ओके ला पूछीस,
“तोर का नांव हवे?”
त ओहर कहीस,
“मोर नांव सेना लागे,
काबरकि हमन ढेरे झन हवन।”
10 त ओ दुसट आतमा मन ईसू जग कईयो दाएर ले बिनती करीन,
“हमके ला ए ईलाका ले बहीरे झईन भेज।”
11 ओजग घूटरी कर उपरे,
बरहा कर एगोट बड़खा लेंहड चरत रहीस।
12 दुसट आतमा मन ईसू जग बिनती कएर के कहीन,
“हमके ला ओ बरहा मन कर उपरे भेज दे,
कि ओमन कर भीतरी ढुईक जाई।”
13 ईसू ओमन ला जाए देहीस,
अऊ दुसट आतमा मन ओ मईनसे कर उपरे ले निकेल के बरहा मन में समाए गईन ओ बरहा कर झूंड हर करीबन दुई हजार रहीस,
ओमन करखा ले कुईद के बड़खा दह में गिर गईन अऊ बूईड़ के मएर गईन।
14 बरहा मन कर चरोईया मन,
ओजग ले भाएग के ए खभेर ला सहर,
अऊ गांव में जाए के बताईन,
त मईनसे मन जे जाएत होए रहीस ओला देखे बर आईन।
15 जे घनी ओमन ईसू जग आईन तब ओ मईनसे ला देखीन जेकर ऊपरे दुसट आतमा कर पूरा सेना समाए रहीसa। ओके ला ओढ़ना पहिरल अऊ सही दिमाग पाए के ओजग बईठल देखीन त ओमन डराए गईन।
16 देखोईया मन दूसर झेमन ला,
दुसट आतमा धरल मईनसे कर बारे में,
अऊ बरहा मन कर बारे में सब हाल ला बताईन।
17 तेकर ओमन ईसू ला बिनती कएर के कहीन कि हमर सीवान ले चले जा।
18 जे घनी ईसू हर डोंगा कर उपरे चघे लागीस,
ते घनी जेकर उपरे पहिले दुसट आतमा मन रहीन,
ओहर ईसू जग बिनती करे लागीस कि,
“मोके तोर संगे रहे दे।”
19 बकिन ईसू हर मना कएर के ओके ला कहीस,
“घरे जाए के सब मईनसे मन ला बताओ,
कि दया कएर के परभू हर तोर बर,
कईसे एतना बड़खा काम ला करीस हवे।”
20 ओ मईनसे हर ओ जग ले चएल देहीस,
अऊ ओ दिकापुलिस ईलाका जिहां ला दस ठे सहर रहीस उहां जाए के बताए लागीस,
कि ईसू हर ओकर बरीक कईसन बड़खा काम करीसे,
अऊ सब झेमन एला सुईन के अकबकाए जात रहीन।
बिसवास करोईया मन ला ईसू चंगा करथे
21 जे घनी ईसू हर फेर बड़खा दह कर ओ पार गईस,
ओ घनी ढेरे मईनसे मन ओकर चाएरो कती जुईट गईन,
अऊ ओहर बड़खा दह कर धरीच में रहीस,
22 एहूदी मन कर धरम सभा घर कर एगोट मुखिया जेकर नांव आईर रहीस ओहर ओजग आईस,
अऊ ईसू ला देख के ओकर गोड़ तरी गिरीस,
23 अऊ एकस कहिके ओकर जग ढेरेच बिनती करीस कि,
“मोर नान बेटी हर मरोईया हवे,
तंए आए के ओकर उपरे अपन हांथ ला मड़हाओ कि ओहर चंगा होए जाए अऊ जीयत रहे।”
24 तब ईसू हर ओकर संगे गईस,
अऊ एगोट बड़खा भीड़ हर ओकर पाछू होए लेहे रहीस,
एकर चलते मईनसे मन ओकर उपरे ढोंसात रहीन।
25 ओजग एगोट सवांगीन रहीस,
जेला बारह बछर ले लहू बहे कर बेमारी रहीस।
26 ओहर ढेरेच बईध,
मन जग ले दवाई करुवात-करुवात परेसान होए गए रहीस अऊ अपन सब आड़ी-पूंजी ला खरचा कएर दारे रहीस,
तबो ले कांही फयदा नई होईस,
बकिन ओकर बेमारी हर अऊ जीत गईस।
27 ईसू कर बारे में सुईन के,
ओ सवांगीन हर ओ भीड़ कर मंझारे ईसू कर पाछू में आईस,
अऊ ओकर ओढ़ना ला छुईस,
28 काबरकि ओहर अपन मन में कहत रहीस,
“अगर मंए ओकर ओढ़ना ला छुई लेहूं त ठीक होए जाहूं।”
29 तुरतेंच ओकर लहू बहाई हर बंद होए गईस,
अऊ ओहर अपन देंह में जाएन गईस कि मंए चंगा होए गए हों।
30 ईसू हर तुरतेंच अपन मन में जाएन लेहीस,
कि मोर ऊपर ले सामरथ निकलीसे,
अऊ ओ पिछूवाए के भीड़ ला पूछीस,
“मोर ओढ़ना ला कोन छुईस?”
31 ओकर चेला मन कहीन,
“तंए देखत हस कि भीड़ हर तोर उपरे ढोंसाथे,
अऊ तंए कथस कि कोन मोके ला छुईस?”
32 तब ईसू हर ए जाने बरीक कि,
कोन हर अईसना काम करीसे,
चाएरो कती ला देखे लागीस।
33 तब ओ सवांगीन हर ए जाएन के कि मोर उपरे कईसना भलाई होईसे,
डरात अऊ कांपत ओकर जग आईस,
अऊ गोड़ तरी गिर के ईसू ला सब बात ला फरी-फरी बताए देहीस।
34 ईसू हर ओके ला कहीस,
“बेटी,
तोर बिसवास हर तोके ला चंगा करीसे,
सांती पाए के जा अऊ तोर ए बेमारी ले बांचे रह।”
35 जब ईसू हर एकस कहतेच रहीस,
तब ओ एहूदी सभा कर मुखिया कर घर ले,
तनीक मईनसे मन आईन अऊ कहीन “तोर बेटी तो मएर गईस,
अब गुरू ला काबर परेसान करथस?”
36 बकिन ईसू हर ओमन कर गोएठ ला सुनीस,
तबो ले ईसू हर सभा घर कर मुखिया ला कहीस,
“झईन डराओ सिरीप बिसवास रख।”
37 तेकर ईसू हर पतरस,
आकूब,
अऊ आकूब कर भाई एहूना कर छोंएड़,
अऊ कोनो के अपन पाछू आए नई देहीस।
38 एहूदी सभा कर मुखिया कर घर में ईसू पहुंचीस त देखीस कि ऊहां खलबली मचे रहीस अऊ मईनसे मन कलेप-कलेप के ढेरेच जोर-जोर से रोवत रहीन।
39 त ओहर भीतरी जाए के ओमन ला कहीस,
“तुमन काबर रोवत अऊ खलबली मचात हा?
ए नोनी हर मरीस नईए बकिन,
सूतत हवे।”
40 ओमन ईसू कर उपरे हंसे लागीन,
बकिन ओहर सब कोनो के निकाएल के,
नोनी कर दाई-दाऊ अऊ अपन तीनों चेला मन कर संगे भीतरी गईस,
जे जग नोनी हर रहीस।
41 ओहर नोनी कर हांथ ला धईर के ओके ला कहीस,
“तलीता कूमी” जेकर मतलब हवे,
“ए नान नोनी,
मंए तोके ला कहत हों उठ।”
42 त नोनी हर तुरतेंच उईठ के रेंगे बूले लागीस,
(ओहर बारह साल कर रहीस)। एला देख के ओमन अकबकाए गईन।
43 ईसू हर ओमन ला चेताए के कहीस,
कि ए बात ला कोनो के झईन बतईहा,
अऊ कहीस,
“एके ला कांही खाए बरीक दे देआ।”