ईसू हर झुराल हांथ कर मईनसे ला चंगा करथे
3
1 ईसू फेर एहूदी मन कर धरम सभा कर घर में गईस,
अऊ उहां एगोट मईनसे रहीस,
जेकर हांथ हर झुराए गए रहीस
2 अऊ ओजग कर तनीक मईनसे मन ईसू कर ऊपरे दोस लगाए बर दांव खोजत रहीन,
एकरेले ओमन ए देखत रहीन,
कि ओहर पबितर दिन में ओके ला चंगा करथे कि नहीं।
3 ईसू हर ओ मईनसे ला कहीस,
“मंझारे ठड़होए जा। ”
4 तेकर ईसू हर ओमन ला पूछीस,
“का एहूदी कानहूंन कर अनुसार पबितर दिन में,
भलाई करे बर ठीक हे,
कि बुराई करे बर,
जीव ला बचाए बर,
कि खतम करे बर” बकिन ओमन चुपचाप रहीन।
5 ईसू हर,
ओमन कर बजर मन ला देख के उदास होए गईस,
अऊ गुसाए के ओमन ला देखीस,
अऊ ओ मईनसे ला कहीस,
“अपन हांथ ला लमा।” त ओहर लमाईस,
अऊ ओकर हांथ हर बढ़िहां होए गईस।
6 तेकर फरीसी मन हालुच के बाहरी निकेल के,
हेरोदी मनa कर संगे ओकर बिरोध में सलाओ करे लागीन,
कि ओके कईसे मरुवाई।
मईनसे मन ईसू कर पाछू होथें
7 ईसू हर अपन चेला मन कर संगे बड़खा दह कती गईस,
अऊ गलील जिला कर मईनसे मन कर बड़खा भीड़ हर ओकर पाछू होए लेहीस,
8 ईसू कर,
अचमहों काम कर बारे में सुईन के,
एहूदिया जिला,
एरुसलेम सहर,
अऊ ईदूमिया ईलाका,
अऊ एरदन नदी कर ओ पार सूर अऊ सएदा गांव कर आस-पास ले,
एगोट बड़खा भीड़ोच हर ओकर जग आईन।
9 ईसू हर अपन चेला मन ला कहीस “ढेरेच भीड़ कर चलते,
एगोट नानबड़ डोंगा ला मोर बर तियार राखे रईहा कि भीड़ हर मोर ऊपरे ढोंसाए झईन जाए।”
10 ईसू हर,
ढेरेच झेमन ला चंगा करे रहीस,
एकर चलते बेमरीहा मन,
ओके छुए बर ढोंसाए जात रहीन।
11 जे घनी दुसट आतमोच मन,
ईसू ला देखत रहीन,
त ओकर आगु में गिर जात रहीन,
अऊ कीरलाए के कहत रहीन,
कि तंए परमेसवर कर बेटा लागस,
12 बकिन ईसू हर ओमन ला ढेरेच चेताए के कहीस,
“कि झईन बतावा कि मंए कोन लागों।”
ईसू हर बारह खास चेला मन ला चूनथे
13 फेर ईसू हर पहार ऊपरे चएघ गईस,
अऊ जेमन ला ओहर चाहत रहीस ओमन ला बलाईस,
अऊ ओमन ओकर जग आईन।
14 तब ईसू हर बारह झन ला चुईन के ओमन ला खास चेला कहीस,
कि ओमन ओकर संगे-संगे रहें,
अऊ परचार करे बर भेज सके
15 अऊ दुसट आतमा मन ला निकाले कर अधिकार राएख सकें।
16 ओ बारह झन एमन रहीन,
समोन जेकर नांव ईसू हर पतरस राखीस।
17 अऊ जबदी कर बेटा आकूब,
अऊ आकूब कर भाई एहूना,
जेमन कर नांव ओहर बूअनरगिस राखे रहीस,
जेकर मतलब होथे गरज कर बेटा
18 अऊ अनदरियास,
फिलीपुस,
बरतुलमे,
मती,
थोमा,
अऊ हलफई कर बेटा आकूब,
तदए,
अऊ समोन कनानी जेला उतसाही कथें
19 अऊ एहूदा इसकरोती जेहर ईसू ला धरुवाए देहीस।
ईसू परमेसवर कर सामरथ ले सएतान ला हराथे
20 तेकर ईसू हर घरे गईस त,
अईसन भीड़ जुईट गईस,
कि ईसू अऊ ओकर चेला मन खायो बर नई सकीन।
21 जब ईसू कर परिवार कर लोग मन एला सुनीन त,
ओके ला घरे ले जाए बर आईन,
काबरकि मईनसे मन कहत रहीन,
कि ओकर दिमाग हर ठीक नईए।
22 एहूदी कानहूंन कर सीखोईया मन,
जेमन एरुसलेम ले आए रहीन,
एकस कहत रहीन,
कि “ओकर उपरे सएतान हवे,”
अऊ “ओहर दुसट आतमा मन कर मुखिया जेला बालजेबुल कथें ओकर मदेत ले दुसट आतमा मन ला निकालथे।”
23 एकर ले ईसू हर ओमन ला लिघे बलाए के अहना में कहीस,
सएतान हर सएतान ला कईसे निकाले सकही?
24 अगर कोनो राएज में फूट होए जाथे,
त ओ राएज हर कईसे माढ़े रईह सकथे?
25 अगर कोनो परिवार में फूट होए जाथे,
त ओ परिवार हर कईसे माढ़े रईह सकथे?
26 एकरे ले अगर सएतान हर,
अपनेच बिरोध में होए के फूट डालही त ओहर कईसे बने रईह सकत हे एकस होही त ओकर आखरीए होए जाही।
27 “बकिन कोनो आदमी हर कोनो बलवान मईनसे कर घर में ढुईक के,
ओकर धन ला तब ले लुटे बर नई सके,
जब ले ओ बलवान मईनसे ला बाएंध नई लेही। तेकर पाछू ओहर ओकर धन ला लुटे बर सएक देही।
28 “मंए तुमन ला फूरोंच कहथों,
कि मईनसे मन कर सब पाप,
अऊ परमेसवर कर निंदा जेला ओमन करथें,
छमा कएर देहल जाही।
29 बकिन जेहर पबितर आतमा कर बिरोध में निंदा करथे,
ओला कभोंच छमा नई करल जाही,
बकिन ओहर ओ पाप ले अईसन दोसी ठहरही,
जेला हमेसा बरीक सहे बर परही।”
30 ओजग तनीक झेमन कहत रहीन,
कि ओकर उपरे दुसट आतमा हवे,
तेकरले ईसू हर ओमन ला ए बात बताईस।
ईसू कर दाई अऊ भाई
31 तेकर ईसू कर दाई अऊ ओकर भाई आईन,
अऊ बाहरी ठड़होए के ओके बलाए बर एक झन ला भेजीन।
32 एगोट बड़खा भीड़ ईसू कर चाएरो कती बईठे रहीन,
अऊ ओमन ओके ला कहीन,
“देख,
तोर दाई अऊ तोर भाई मन बाहरी तोके खोजत हें।”
33 ईसू हर ओमन ला पूछीस,
“मोर दाई अऊ मोर भाई कोन लागें?”
34 ओहर अपन चाएरो कती बईठल भीड़ ला देख के कहीस,
“देखा,
एमन मोर दाई अऊ मोर भाई लागें।
35 काबरकि जे कोनो परमेसवर कर ईछा में चलही,
ओही मन मोर भाई,
बहिन,
अऊ दाई लागें।”